इमरान खान ने राष्ट्रपति से पाकिस्तानी सेना की स्पष्ट भूमिका परिभाषित करने का किया आग्रह
इमरान खान पर हमले की प्राथमिकी 24 घंटे के भीतर दर्ज की जाए: पाकिस्तानी उच्चतम न्यायालय
इस्लामाबाद. इमरान खान ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई की “स्पष्ट भूमिका” परिभाषित करने और इस बात की जांच का आदेश देने का आग्रह किया है कि इसका प्रमुख सार्वजनिक रूप से उनकी ंिनदा करने और ‘‘झूठा विमर्श’’ गढ़ने के लिए आईएसआई प्रमुख के साथ “अत्यधिक राजनीतिक संवाददाता सम्मेलन” कैसे कर सकता है.
रविवार को राष्ट्रपति को लिखे और मीडिया द्वारा सोमवार को प्रकाशित किए गए पत्र में, खान ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार हटने के बाद से, देश को ‘‘झूठे आरोपों, उत्पीड़न, गिरफ्तारी और हिरासत में प्रताड़ना के बढ़ते मामलों’’ का सामना करना पड़ा है. उन्होंने अल्वी को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि वह सरकार में ‘‘दुष्ट तत्वों’’ के हाथों सत्ता के ‘‘दुरुपयोग’’ को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करें.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, 70 वर्षीय खान ने आरोप लगाया है कि गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह उन्हें “बार-बार जान से मारने की धमकी” देते रहे हैं और उन्हें सूचना मिली थी कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह तथा एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी द्वारा उनकी हत्या कराने की साजिश रची जा रही है.
खान ने कहा, ‘‘इस सप्ताह की शुरुआत में हमारे लॉन्ग मार्च के दौरान साजिश को अंजाम दिया गया, लेकिन अल्लाह ने मुझे बचा लिया और हत्या का प्रयास विफल हो गया.’’ उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि वह पाकिस्तान की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाली इन गंभीर चीजों का संज्ञान लें.
गत 27 अक्टूबर को, आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम ने आईएसपीआर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल बाबर इफ्तिखार के साथ यहां एक अभूतपूर्व संवाददाता सम्मेलन किया था और केन्या में पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या तथा सेना के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री खान के टकराव के बारे में बात की. खान ने राष्ट्रपति से पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई आईएसपीआर की “स्पष्ट भूमिका” परिभाषित करने और इस बात की जांच का आदेश देने का आग्रह किया कि इसका प्रमुख सार्वजनिक रूप से उनकी ंिनदा करने और ‘‘झूठा विमर्श’’ गढ़ने के लिए आईएसआई प्रमुख के साथ “अत्यधिक राजनीतिक संवाददाता सम्मेलन” कैसे कर सकता है.
पूर्व प्रधानमंत्री ने अल्वी आग्रह किया कि वह दोषियों की पहचान करने के लिए जांच का नेतृत्व करें और घटना के जिम्मेदार लोगों को दंडित कराएं. उन्होंने अपने पत्र में प्रधानमंत्री कार्यालय से जानकारी लीक होने, साइबर विवाद और सेना की मीडिया शाखा, इंटर-र्सिवसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की भूमिका के संबंध में तीन अलग-अलग ंिबदु उठाए.
खान ने दावा किया कि तब सरकारी गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन हुआ जब “प्रधानमंत्री के रूप में मेरे, सेना प्रमुख और इंटर-र्सिवसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक के बीच एक कथित सुरक्षित लाइन पर हुई बातचीत मीडिया को ‘लीक’ हो गई.” उन्होंने कहा, “इससे बहुत ही गंभीर सवाल उठता है कि कौन या कौन सा संगठन प्रधानमंत्री की सुरक्षित फोन लाइन को अवैध रूप से टैप करने में शामिल था? यह उच्चतम स्तर पर राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन है.” पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने पत्र के अंत में अल्वी से देश के लोकतंत्र और संविधान की रक्षा किए जाने की बात कही. अल्वी (73) पीटीआई के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. उन्होंने 2006 से 2013 तक पार्टी के महासचिव के रूप में कार्य किया था.
इमरान खान पर हमले की प्राथमिकी 24 घंटे के भीतर दर्ज की जाए: पाकिस्तानी उच्चतम न्यायालय
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को पंजाब प्रांत के पुलिस महानिरीक्षक को निर्देश दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हुए हमले के मामले में 24 घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज की जाए. रविवार को, खान ने कहा था कि उनकी हत्या के प्रयास के मामले में अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है क्योंकि अधिकारी तब तक मामला दर्ज न करने की बात कह रहे हैं जब तक कि वह शिकायत से सेना के एक जनरल का नाम नहीं हटा देते.
बृहस्पतिवार को दाहिने पैर में गोली लगने से घायल खान को सफल सर्जरी के बाद रविवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. 70 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री अब लाहौर में एक निजी आवास में हैं. डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, उच्चतम न्यायालय ने पंजाब के पुलिस प्रमुख फैसल शाहकर को 24 घंटे के भीतर खान पर हमले की प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया.
प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कहा कि अगर प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई तो शीर्ष अदालत स्वत: संज्ञान लेगी.
उन्होंने वीडियो ंिलक के जरिए उच्चतम न्यायालय की लाहौर रजिस्ट्री से सुनवाई में शामिल हुए शाहकर से यह भी पूछा कि प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई. प्रधान न्यायाधीश ने पूछा, ‘‘हमें बताओ कि प्राथमिकी कब दर्ज की जाएगी.’’ उन्होंने कहा कि प्राथमिकी दर्ज न करने का कोई ठोस कारण होना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘महानिरीक्षक साहिब, आप अपना काम करिए. यदि कोई हस्तक्षेप करेगा तो फिर अदालत हस्तक्षेप करेगी.’’ इस बीच, पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के नेता फवाद चौधरी ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश को ‘‘न्याय की दिशा में पहला कदम’’ करार दिया.
पंजाब सरकार से इस्तीफा देने का फैसला कर चुके और प्रांत के मुख्यमंत्री परवेज इलाही के नेतृत्व वाली मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था के साथ काम करने से इनकार करने वाले शाहकर ने अदालत से कहा, “हमने प्राथमिकी दर्ज करने के संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री से बात की है और उन्होंने कुछ आपत्तियां व्यक्त की हैं.’’ उन्होंने आगे कहा कि घटना में मारे गए व्यक्ति के परिजनों की शिकायत पर भी प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए.
पीटीआई के प्रमुख खान ने आरोप लगाया है कि उन पर हुए हमले के पीछे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल नसीर का हाथ है. उन्होंने यह भी कहा कि प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है क्योंकि कुछ लोग (कुछ नामों से) डरते हैं.