हम सिर्फ दरों को थाम रहे हैं, महंगाई में स्थायी कमी के लिए लंबा रास्ता तय करना है: शक्तिकांत दास

बैंकों में अबतक कुल 1.80 लाख करोड़ रुपये के 2,000 के नोट वापस आए: शक्तिकांत दास

मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि रेपो दर को नहीं बढ़ाने का फैसला सिर्फ एक ठहराव है और भविष्य में नीतिगत कार्रवाई पूरी तरह उस समय के आंकड़ों पर निर्भर करेगी. साथ ही केंद्रीय बैंक ने जोड़ा कि मुद्रास्फीति में स्थायी कमी के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है.

इससे पहले दिन में आरबीआई गवर्नर की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा था. एमपीसी ने यह भी कहा कि वह नीतिगत उपायों को वापस लेने की दिशा में काम करना जारी कखेगी. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हालांकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च और अप्रैल में कम हो गई है, लेकिन खुदरा मुद्रास्फीति अब भी चार प्रतिशत के अनिवार्य लक्ष्य से ऊपर है और चालू वित्त वर्ष के बाकी समय में भी ऐसा रहने का अनुमान है.
दास ने मौद्रिक नीति घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा, ”मुद्रास्फीति पर लगातार नजदीकी और सतर्क नजरिया बनाए रखना जरूरी है. क्योंकि मानसून और अल नीनो का प्रभाव अनिश्चित बना हुआ है. हमारा लक्ष्य टिकाऊ तरीके से मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत से नीचे बनाए रखना है.”

उन्होंने कहा, ”नीतिगत कार्रवाई लगातार बदलते हालात पर निर्भर होगी. हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि मुद्रास्फीति में गिरावट टिकाऊ रहे.” केंद्रीय बैंक में डिप्टी गवर्नर और मौद्रिक नीति विभाग के प्रमुख माइकल पात्रा ने कहा कि वर्ष के लिए नीतिगत रुख और मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान इस पूर्वधारणा पर आधारित है कि मूल्य सूचकांक इस साल 5.1 प्रतिशत के करीब रहेगा. इस अनुमान में धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी और अल नीनो प्रभाव को समायोजित किया गया है.

बैंकों में अबतक कुल 1.80 लाख करोड़ रुपये के 2,000 के नोट वापस आए: शक्तिकांत दास

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शशिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि चलन में मौजूद दो हजार रुपये के कुल नोटों में लगभग 50 प्रतिशत बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए हैं. गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने इन नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2023 तक कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये मूल्य के दो हजार रुपये के नोट चलन में थे.

दास ने यहां द्विमासिक मौद्रिक नीति जारी करने के बाद मीडिया से कहा, ”इस घोषणा के बाद अबतक 1.80 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ चुके हैं.” उन्होंने कहा कि दो हजार रुपये के करीब 85 प्रतिशत नोट बैंक खातों में जमा किए जा रहे हैं, जबकि बाकी नोटों को छोटे मूल्य वर्ग के नोटों से बदला जा रहा है. दास ने पिछले महीने कहा था कि 2,000 के नोटों को चलन से हटाने के फैसले का अर्थव्यवस्था पर ‘बहुत सीमित’ असर होगा. चलन में मौजूद कुल मुद्रा में 2,000 के नोट का हिस्सा सिर्फ 10.8 प्रतिशत है.

उन्होंने कहा कि 2016 में नोटबंदी के बाद नकदी की कमी की भरपाई के लिए 2,000 रुपये का नोट लाया गया था. गवर्नर ने कहा था कि जिस किसी के पास 2,000 रुपये का नोट है वह उसे अपने बैंक खाते में जमा कर सकता है या किसी अन्य मूल्य की मुद्रा से बदल सकता है. बैंकों को 2,000 का नोट बदलने के लिए जरूरी व्यवस्था करने की सलाह दी गई है. उन्होंने कहा, ”हमें उम्मीद है कि 30 सितंबर की समयसीमा तक 2,000 के ज्यादातर नोट वापस हो जाएंगे.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button