Bihar Politics: बिहार विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस बैकफुट पर, अपनी सीट भी नहीं मिली
पटना: बिहार विधान परिषद की रिक्त होने वाली 11 सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिन सीटों के लिए चुनाव होने हैं, उसमें एक सीट कांग्रेस की भी है, लेकिन वह सीट भी कांग्रेस के हिस्से नहीं आई। महागठबंधन की ओर से जारी प्रत्याशियों की सूची में कांग्रेस के प्रत्याशी का नाम नहीं है।
दरअसल, शुक्रवार को महागठबंधन की ओर से जारी प्रत्याशियों की सूची में राजद की ओर से चार और भाकपा माले की ओर से एक प्रत्याशी के नाम दिए गए हैं। महागठबंधन के एक नेता हालांकि इस मामले में सफाई देते हुए कहते हैं कि राज्यसभा चुनाव में जो तीन सीटें महागठबंधन के कोटे में आई थी, उसमें से एक सीट कांग्रेस के खाते में आई। लेकिन सवाल उठाया जा रहा है कि राज्यसभा में वही सीट कांग्रेस को दी गई, जो उनकी पहले से ही थी।
ऐसे में विधान परिषद चुनाव में राजद और वाम दलों ने मिलकर कांग्रेस को किनारे कर दिया। हाल के दिनों में बिहार में कांग्रेस के लिए यह दोहरे संकट से कम नहीं। कांग्रेस के दो विधायक मुरारी गौतम और सिद्धार्थ सौरव भाजपा के समर्थन में चले गए हैं और अब विधान परिषद की सीट से भी हाथ धोना पड़ा।
कांग्रेस के अंदरखाने यह चर्चा है कि राज्यसभा में प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के दोबारा भेजे जाने में वामपंथी दलों के विधायकों का सहयोग मिला था। विधान परिषद चुनाव में इसी उपकार के बदले कांग्रेस के विधायक वामपंथी दल के प्रत्याशी को सहयोग करेंगे। वैसे, कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि पार्टी के अंदर इसको लेकर आक्रोश है, भले नेता खुलकर नहीं बोल रहे हैं।
भाजपा के प्रवक्ता राकेश सिंह ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस का बिहार में कोई वजूद नहीं है, यहां वह राजद की बी टीम से ज्यादा कुछ नहीं है। राजद का जैसा निर्देश होगा, वही कांग्रेस करेगी। बिहार में विधान परिषद की रिक्त होने वाली 11 सीटों पर चुनाव होना है, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। 21 मार्च को मतदान होगा। सीटों पर निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल मई में खत्म हो रहा है।
विधान परिषद के जिन सदस्यों का कार्यकाल पूरा होनेवाला है उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, संजय झा, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, भाजपा के शाहनवाज हुसैन, कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संतोष कुमार सुमन, भाजपा नेता मंगल पांडेय, राजद नेता रामचंद्र पूर्वे, जदयू नेता खालिद अनवर, रामेश्वर महतो और भाजपा नेता संजय पासवान शामिल हैं।