मार्च में रूस से भारत का कच्चा तेल आयात इराक से हुआ दोगुना

नयी दिल्ली. रूस से भारत का कच्चे तेल का आयात मार्च में बढ़कर 16.4 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) की नई ऊंचाई पर पहुंच गया. इस तरह रूस से भारत का तेल आयात इराक की तुलना में दोगुना हो गया है. ऊर्जा की खेप पर निगाह रखने वाली वॉर्टेक्सा के अनुसार, रूस लगातार छठे महीने भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है. भारत के कच्चे तेल के आयात में रूस का हिस्सा एक-तिहाई से अधिक है.

कच्चे तेल को रिफाइनरी इकाइयों में पेट्रोल और डीजल में बदला जाता है. रिफाइनरी कंपनियां अन्य ग्रेड की तुलना में रियायती मूल्य पर उपलब्ध रूसी तेल खरीद कर रही हैं. फरवरी, 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने से पहले भारत के कच्चे तेल के आयात में रूस की बाजार हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम थी. मार्च में रूस से भारत का कच्चे तेल आयात बढ़कर 16.4 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया. भारत के आयात में रूस की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत हो गई है.

मार्च में भारत की रूस से कच्चे तेल की खरीद इराक से दोगुना रही है. इस दौरान इराक से कच्चे तेल का आयात 8.1 लाख बैरल प्रतिदिन से अधिक रहा है. इराक 2017-18 से भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता था. चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक है. यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिम ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं. ऐसे में रूसी कच्चा तेल रियायती मूल्य पर उपलब्ध है और भारत इसकी जमकर खरीद कर रहा है.

वॉर्टेक्सा के अनुसार, मार्च में सऊदी अरब 9.86 लाख बैरल प्रतिदिन के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता था. वहीं इराक 8.21 लाख बैरल प्रतिदिन की आपूर्ति के साथ तीसरे नंबर पर था. मार्च में संयुक्त अरब अमीरात 3.13 लाख बैरल प्रतिदिन के साथ भारत का चौथा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया. इसने अमेरिका को पीछे छोड़ा. अमेरिका ने मार्च में भारत को 1.36 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल की आपूर्ति की. फरवरी में अमेरिका से भारत का आयात 2.48 लाख बैरल प्रतिदिन था.

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