लिवइन पार्टनर हत्या: पुलिस ने कहा-साने और वैद्य ने की थी शादी, दोनों ने यह बात छिपाई

लिवइन पार्टनर हत्या: आरोपी का दावा महिला ने की आत्महत्या, शारीरिक संबंधों से किया इनकार

मुंबई/ठाणे. ठाणे जिले में महिला की कथित हत्या के मामले में आए एक नए मोड़ के तहत पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि हत्या के आरोपी व्यक्ति ने पीड़ित से शादी की थी और वे ‘लिवइन पार्टनर’ नहीं थे जैसा पूर्व में समझा जा रहा था. पुलिस के मुताबिक आरोपी का दावा है कि सरस्वती वैद्य (36) ने आत्महत्या की थी.

महिला का शव मिलने के दो दिन बाद पुलिस ने कहा कि कथित तौर पर वैद्य की हत्या के लिये गिरफ्तार मनोज साने (56) ने उससे शादी की थी, लेकिन दोनों ने यह बात छिपाई थी. बुधवार को, पुलिस को ठाणे जिले के मीरा रोड के नया नगर इलाके में एक फ्लैट के अंदर वैद्य के शरीर के अंग मिले, जिनमें से कुछ को प्रेशर कुकर में पकाया गया था और कुछ को भुना गया था.

अधिकारी के अनुसार, राशन की दुकान पर काम करने वाले साने ने दावा किया कि उसने (वैद्य ने) जहर पीकर आत्महत्या की थी और उसने सिर्फ शव के टुकड़े कर उसे ठिकाने लगाने की कोशिश की थी. एक अधिकारी ने कहा कि मुंबई के बाहरी क्षेत्र मीरा रोड (पूर्व) इलाके से बृहस्पतिवार को गिरफ्तार साने ने जांचकर्ताओं को यह भी बताया कि वह एचआईवी-संक्रमित है और उसके 36 वर्षीय वैद्य से कभी शारीरिक संबंध नहीं बनाए थे.

मीरा-भयंदर वसई विरार आयुक्तालय के पुलिस उपायुक्त जयंत बजबले ने वैद्य की तीन बहनों के बयानों का हवाला देते हुए कहा, ह्लदंपति ने अपनी शादी को पंजीकृत नहीं कराया था, लेकिन उन्होंने एक मंदिर में रीति-रिवाज के साथ शादी की थी.ह्व उन्होंने कहा कि वैद्य ने अपनी बहनों को शादी के बारे में बताया था, लेकिन उनके बीच उम्र का काफी फासला था, इसलिए युगल ने इसे सार्वजनिक नहीं किया.

अधिकारी ने कहा कि डीएनए परीक्षण और अन्य औपचारिकताएं पूरी होने के बाद मृतक के शरीर के अवशेष उनकी बहनों को उनकी इच्छा के अनुसार अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिए जाएंगे. हत्या के पीछे की वजह अब तक स्पष्ट नहीं है. साने के खिलाफ नया नगर पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूतों को नष्ट करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

डीसीपी बजबले ने कहा कि वैद्य की मां की मृत्यु तब हो गई थी जब बहनें बहुत छोटी थीं, जबकि उनके पिता ने उन्हें छोड़ दिया था. उन्होंने कहा कि वैद्य ने अहमदनगर जिले के एक ‘आश्रम’ स्कूल (अनाथों के लिए स्कूल) में 10वीं कक्षा तक पढ.ाई की और 18 साल की उम्र में अपने रिश्तेदारों के साथ रहने के लिए मुंबई आ गई. उन्होंने कहा कि मिलने के बाद, साने ने उसके लिए ‘सेल्सगर्ल’ की नौकरी की व्यवस्था की थी.

अदालत द्वारा 16 जून तक पुलिस हिरासत में भेजे गए साने ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि वैद्य के मुंह से झाग निकल रहा था और जहर का सेवन करने के बाद तीन जून की सुबह उसकी मौत हो गई थी. उसने कहा कि इस डर से कि उसे उसकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा, उसने शरीर को ठिकाने लगाने का फैसला किया. पुलिस अधिकारी ने कहा कि उसने यह भी दावा किया कि शरीर के टुकड़ों को ठिकाने लगाने के बाद उसने आत्महत्या करने की योजना बनाई थी.

उन्होंने कहा कि पुलिस ने अभी तक इन दावों की पुष्टि नहीं की है. उन्होंने कहा कि यह संभव है कि आरोपी जांचकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था. पुलिस के मुताबिक वह और साने किराये के फ्लैट में बीते तीन सालों से रह रहे थे. आरोपी के पड़ोसियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि राशन की दुकान पर काम करने वाले साने ने मुंबई के एक उपनगर मीरा रोड (पूर्व) में अपने किराए के फ्लैट में महिला के कटे हुए शरीर के अंगों को तीन बाल्टियों में रखा और रूम फ्रेशनर छिड़क कर बदबू को छिपाने की कोशिश की.

अपराध का पता तब चला जब पड़ोसियों ने पुलिस को फ्लैट से दुर्गंध आने की सूचना दी. पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, साने ने न केवल आरी से काटकर शव के टुकड़ों को प्रेशर कुकर और एक बर्तन में उबाला, बल्कि उन्हें भूनकर बाल्टी और टब में डाल दिया. ऐसा संदेह है कि वैद्य की मौत चार जून को हुई थी, लेकिन मामला सात जून को सामने आया.

पड़ोसियों ने पुलिस को यह भी बताया कि साने पिछले कुछ दिनों से आवारा कुत्तों को खाना खिला रहा था, जो उसने पहले कभी नहीं किया था. अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने इस बीच विद्या की तीन बहनों के बयान शुक्रवार को दर्ज किए हैं. उन्होंने कहा कि अपराध के पीछे का उद्देश्य अभी स्पष्ट नहीं है.

मामले में सामने आए विवरणों ने पिछले साल के श्रद्धा वालकर मामले की यादें ताजा कर दीं. गौरतलब है कि श्रद्धा वालकर की पिछले साल 18 मई को उसके ‘लिव-इन पार्टनर’ आफताब पूनावाला ने कथित रूप से गला घोंटकर हत्या कर दी थी. आरोपी ने शव के कई टुकड़े कर उन्हें दक्षिण दिल्ली के महरौली स्थित अपने आवास में लगभग तीन सप्ताह तक रेफ्रीजरेटर में रखा था और धीरे-धीरे उन्हें ठिकाने लगाया था.

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