ट्विटर ने बीबीसी को ‘सरकार से वित्तपोषित मीडिया’ बताया, ब्रिटिश प्रसारणकर्ता ने जताई आपत्ति

लंदन. कारोबारी एलन मस्क के स्वामित्व वाले ट्विटर ने ‘माइक्रो ब्लॉंिगग साइट’ पर ब्रिटिश ब्रॉडकांिस्टग कॉरपोरेशन (बीबीसी) को ‘सरकार से वित्तपोषित मीडिया’ बताया, जिसपर ब्रिटिश प्रसारणकर्ता ने सोमवार को आपत्ति जताई. ब्रिटिश सार्वजनिक प्रसारणकर्ता ने कहा है कि इसने मुद्दे के यथाशीघ्र समाधान के लिए सोशल मीडिया कंपनी से संपर्क किया है.

बीबीसी ने एक बयान में कहा, ‘‘बीबीसी स्वतंत्र संस्थान है और हमेशा रहेगा. हम लाइसेंस शुल्क के जरिये ब्रिटिश लोगों से वित्त पोषित हैं.’’ ट्विटर प्रमुख एलन मस्क से ईमेल पर हुए संवाद से पता चलता है कि वह एक ऐसा ठप्पा लगाने पर विचार कर रहे हैं, जो सभी मीडिया संस्थानों को उसके ‘वित्तपोषण के सटीक स्रोतों’ से जोड़ देगा.

बीबीसी को भेजे मस्क के ईमेल में कहा गया है, ‘‘हम अधिकतम पारर्दिशता और सटीकता का लक्ष्य कर रहे हैं. स्वामित्व और कोष के स्रोत को आपस में जोड़ना शायद कुछ मायने रखता है.’’ इसमें कहा गया है, ‘‘मेरा मानना है कि मीडिया संस्थानों को स्व-अवगत होना चाहिए और पूर्वाग्रह की पूर्ण अनुपस्थिति होने का झूठा दावा नहीं करना चाहिए. मैं यह जिक्र करना चाहूंगा कि मैं ट्विटर पर बीबीसी न्यूज को ‘फॉलो’ करता हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि यह कम पूर्वाग्रह रखने वालों में शामिल है.’’

ब्रिटेन में टीवी प्रसारणों का सीधा प्रसारण या ‘लाइव स्ट्रींिमग’ देखने के लिए कानून के तहत जरूरी 159 पाउंड का वार्षिक लाइसेंस शुल्क ब्रिटिश सरकार ने निर्धारित किया है और यह ब्रिटिश परिवारों द्वारा अदा किया जाता है. बीबीसी ने कहा कि ट्विटर पर बीबीसी के अकाउंट के 22 लाख ‘फॉलोअर’ हैं. लंदन मुख्यालय वाले मीडिया संस्थान के अनुसार, बीबीसी का ट्विटर अकाउंट बीबीसी द्वारा निर्मित टीवी कार्यक्रमों, रेडियो कार्यक्रमों और अन्य समाचार सामग्री के बारे में प्राथमिक रूप से अद्यतन जानकारी साझा करता है.

बीबीसी के अधिकार पत्र (चार्टर) में कहा गया है कि निगम को ‘स्वतंत्र होना चाहिए’, खास तौर पर ‘‘संपादकीय और रचनात्मक फैसले लेने में….’’ बीबीसी ने यह भी कहा है कि वह ‘बीबीसी वर्ल्ड र्सिवस’ को संचालित करने के लिए सरकार से सालाना नौ करोड़ पाउंड प्राप्त करता है. बीबीसी के अकाउंट के प्रति अपने इस हालिया कदम से पहले ट्विटर ने अमेरिकी सार्वजनिक प्रसारणकर्ता एनपीआर के सोशल मीडिया ‘हैंडल’ के खिलाफ भी कुछ ऐसा ही किया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button