आसान होगी दिल्ली-NCR की जिंदगी, द्वारका एक्सप्रेसवे क्यों है इतना खास; क्या-क्या फायदे

द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे दिल्ली-एनसीआर के लोगों की मुराद अब पूरी हो गई है। एक्सप्रेस-वे का 19 किलोमीटर हिस्सा तैयार हो गया है और सोमवार को पीएम मोदी इसका उद्घाटन करने जा रहे हैं।

बाकी का 10 किलोमीटर भी अगले 2-3 महीने में खुल जाएगा। 9 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनी 29 किलोमीटर की यह सड़क बेहद खास है। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से एनसीआर के लोगों को ना सिर्फ जाम से मुक्ति मिलेगी, बल्कि प्रदूषण में भी कमी की उम्मीद की जा रही है।

द्वारका एक्सप्रेसवे के बन जाने से NH-48 पर दिल्ली और गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक को तेज करने और भीड़भाड़ को कम करने में मदद मिलेगा। 8 लेन वाले द्वारका एक्सप्रेसवे का 19 किलोमीटर लंबा हरियाणा में पड़ता है और इसे करीब 4,100 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और गुरुग्राम बाईपास अब सीधे जुड़ गए हैं। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों से सड़क के रास्ते दिल्ली आने वाले लोगों को काफी आसानी होगी। मानेसर से आईजीआई के बीच सफर में अभी आमतौर पर एक घंटा लगता है। यह रास्ता अब करीब 20 मिनट का ही रह जाएगा।

 29 किलोमीटर के इस एक्सप्रेसवे का अधिकतर हिस्सा (23 किलोमीटर) एलीवेटेड है। एक्सप्रेसवे कुल 8 लेन का है, चार-चार लेन दोनों तरफ। एलिवेटेड रोड सिंगल पिलर पर बनाया गया है। इसके दो फायदे हैं। एक तो सड़क के लिए जमीन की कम जरूरत है दूसरा का सर्विस रोड़ चौड़े हो गए। शहर के ट्रैफिक को इसमें आसानी होगी। एक बार आप एक्सप्रेस वे पर चढ़ गए तो बीच में कोई रुकावट नहीं आएगी। रोड को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसके किनारे दुकान, मकान या बाजार नहीं होंगे। सर्विस रोड से एक्सप्रेस वे पर कोई एंट्री या एग्जिट नहीं है। मेन स्पीडवे में आने के लिए आपको निश्चित इंटरचेंज का ही इस्तेमाल करना होगा।

लंबी सुरंग से गुजरती सड़क
द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली सेक्शन में 8 लेन की 3.6 किलोमीटर लंबी सुरंग भी बनाई गई है। यह टनल एयरपोर्ट के नीचे से भी गुजर रही है। इसे शैलो टनल भी कहा जा रहा है। एयरपोर्ट को ध्यान में रखकर इसमें सुरक्षा मानकों का खास ध्यान रखा गया है। ब्लास्ट प्रूफ टनल में इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि एयरपोर्ट रडार में हस्तक्षेप ना हो सके। करीब 40 हजार कारें इस सुरंग से हर दिन गुजरेंगी। टनल में एक इमर्जेंसी एग्जिट बनाया गया है और एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। टनल से आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 को जोड़ा गया है।

और क्या-क्या है अहम
द्वारका एक्सप्रेस वे को भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखकर बनाया गया है। बताया जा रहा है कि इस सड़क को इस तरह डिजाइन किया गया है कि दिल्ली और गुरुग्राम के बीच अगले 25 साल में गाड़ियों में होने वाले इजाफे के लिए भी पर्याप्त होगी। देश में पहली बार इस एक्सप्रेसवे पर तीन स्थानों पर 4 लेवल इंटरचेंज बनाए गए हैं। शिव मूर्ति, यशोभूमि द्वारका, आईएमटी मानेसर में इन्हें बनाया गया है। महिपालपुर में शिव मूर्ति के पास इंटरचेंज में दो लेवल पर टनल हैं। दो स्थानों पर फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर है। द्वारका एक्सप्रेस वे दिल्ली और गुरुग्राम के बीच दूसरा एक्सप्रेसवे है। इस नए रास्ते से दक्षिणी, पश्चमी दिल्ली और गुरुग्राम के बीच आवाजाही बेहद आसान हो जाएगी। लाखों गाड़ियां इस एक्सप्रेसवे से बेहद कम समय में अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचेंगी और लंबे ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी। इसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में भी कमी आने का अनुमान है। यानी जो लोग इस सड़क पर सफर करेंगे उनके लिए भी और जो नहीं करेंगे उनके लिए भी यह बेहद महत्वपूर्ण है।

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