ओपेक प्लस के फैसले से तेल कीमतें, भारत का आयात बिल बढ़ने का जोखिम: आईईए प्रमुख

पेरिस. अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक प्लस के तेल उत्पादन में कटौती करने के फैसले को वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम भरा बताया है. आईईए ने मंगलवार को कहा कि इससे पहले से ही ऊंची तेल कीमतें और बढ़ सकती हैं जिससे भारत जैसे देशों का आयात बिल बढ़ जाएगा.

ऊर्जा परिदृश्य पर नजर रखने वाली आईईए के प्रमुख फतह बिरोल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ओपेक देशों के अतिरिक्त उत्पादन में कटौती करने से कीमतों पर दबाव बढ़ने की आशंका पैदा होने की तमाम वजहें दिख रही हैं. बिरोल ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति घटने से 2023 की दूसरी छमाही में वैश्विक तेल बाजार की स्थिति खराब होने की पूरी आशंका दिख रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था इस समय बेहद नाजुक हालत में है और कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं को आर्थिक मामलों में समस्याएं हो रही हैं. मैं इस फैसले को वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम से भरपूर मानता हूं.’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तेल उत्पादन घटने से पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ेंगे जिससे भारत जैसे देशों को अधिक आयात बिल चुकाना पड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘‘तेल आयात बिल बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था और उसके उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ेगा.’’ भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 11 महीनों में तेल आयात पर 118 अरब डॉलर खर्च किए थे.

आईईए प्रमुख ने कहा, ‘‘भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और यह आगे भी मजबूत बनी रहेगी. हम उम्मीद करते हैं कि भारत जल्द दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा. मुझे लगता है कि इस साल भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनी रहेगी.’’

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