वैश्वीकरण को और अधिक पारदर्शी बनाने की जरूरत: सीतारमण

जी20 अध्यक्ष के रूप में क्रिप्टो जोखिम से निपटने को साझा रूपरेखा चाहता है भारत: सीतारमण

वाशिंगटन. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि भारत वैश्वीकरण से हुए लाभ को पलटने की बात नहीं कह रहा है बल्कि उसे और पारदर्शी बनाने को कह रहा है. सीतारमण ने अमेरिकी शोध संस्थान पीटरसन इंस्टिट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकॉनमिक्स के कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमारा यह नहीं कहना है कि हमें वैश्वीकरण के लाभ को पलट देना है. हमारा कहना है कि वैश्वीकरण को और अधिक पारदर्शी बनाया जाए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत बहुत लंबे समय से यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि उसका विनिर्माण क्षेत्र आगे बढ़े. हमें बड़ी भूमिका निभानी है. हम उन अंतिम उपभोक्ता वस्तुओं का भी आयात नहीं कर रहे हैं, जिनका विनिर्माण करने में हम सक्षम हैं. हालांकि, जब मूल्य के स्तर पर विसंगतियां या मूल्य प्रतिस्पर्धा आपके खरीद निर्णय को प्रभावित करती है, तो आप उन वस्तुओं को खरीदना समाप्त कर देते हैं जिनका आप उत्पादन कर सकते हैं क्योंकि वे कहीं अधिक सस्ती पड़ती हैं.’’

सीतारमण ने कहा, ‘‘…जब आपको लगता है कि आयात सस्ता है, आप उत्पादन करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते. लेकिन अब हम अवसर देख रहे हैं. इसमें एक अवसर उपभोक्ता के दृष्टिकोण से है और यह पर्याप्त क्रय शक्ति के साथ भारत में है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए घरेलू बाजार की जरूरतों को पूरा करना ही स्वयं में आकर्षक हो सकता है.’’

सीतारमण ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक पहलू है. इसका दूसरा पहलू यह है कि जहां आपको लगता है कि मूल्य श्रृंखला को भारत लाया जाए, आइये और भारत में विनिर्माण कीजिए. न केवल भारत के लिये बल्कि दुनिया को निर्यात के लिये भी विनिर्माण कीजिए. इसके लिये हम उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना लाए हैं. यह 13 क्षेत्रों के लिये है, जो प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं, उभरते क्षेत्र हैं और जहां भारत पहले उत्पादन नहीं करता था.’’

जी20 अध्यक्ष के रूप में क्रिप्टो जोखिम से निपटने को साझा रूपरेखा चाहता है भारत: सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जी20 की अध्यक्षता में भारत का लक्ष्य क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों से निपटने को सभी देशों के लिए एक साझा रूपरेखा बनाने का है. दरअसल हाल के समय में क्रिप्टो बाजार में बहुत उथल-पुथल देखने को मिली है. क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स के धराशायी होने और उसके बाद क्रिप्टो बाजार में बिकवाली तेज होने से क्रिप्टो पारिस्थितिकी को लेकर आशंकाएं गहराने लगी हैं.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के ‘पीटरसन इंस्टिट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकॉनमिक्स’ में कहा, ‘‘क्रिप्टो बाजार में भारी उथल-पुथल को देखते हुए, क्रिप्टोकरेंसी भारत की जी20 अध्यक्षता में विचार-विमर्श का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है. हम सभी देशों के लिए एक साझा रूपरेखा विकसित करना चाहते हैं ताकि इस स्थिति से निपटा जा सके.’’

भारत चाहता है कि डब्ल्यूटीओ और प्रगतिशील बने, भिन्न राय को महत्व दे: सीतारमण
भारत की ऐसी आकांक्षा है कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और प्रगतिशील बने तथा भिन्न राय रखने वाले देशों को भी महत्व दे. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि जो देश अलग राय रखते हैं, डब्ल्यूटीओ को उन्हें अपनी बात रखने के पूरे मौके देना चाहिए.

सीतारमण ने अमेरिका के विचार समूह ‘पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स’ में कहा, ‘‘मैं चाहती हूं कि डब्ल्यूटीओ और अधिक प्रगतिशील बने, सभी देशों की बात सुने और सभी के प्रति निष्पक्ष रहे.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘वर्ष 2014 से 2017 के बीच भारत की वाणिज्य मंत्री रहने के दौरान मैंने डब्ल्यूटीओ के साथ कुछ वक्त बिताया. इससे उन देशों की राय सुनने का अधिक मौका मिला जो कुछ अलग कहना चाहते थे.’’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘अमेरिका की वाणिज्य मंत्री कैथरीन तई के शब्दों को याद करना उपयोगी होगा, जो उन्होंने हाल में कहे थे. परंपरागत व्यापार के तौर-तरीके वास्तव में क्या हैं, बाजार का उदारीकरण सही मायनों में क्या है? शुल्क में कटौती के लिहाज से इसका मतलब क्या होगा?’’

भारत का ध्यान अब लोगों को कुशल बनाने, डिजिटलीकरण पर है: सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के सारे लोगों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के अपने लक्ष्य को भारत ने लगभग पा लिया है और अब ध्यान उन्हें कुशल बनाने और डिजिटलीकरण पर है जिससे जीवनयापन में सुगमता तथा पारर्दिशता आ सके.

सीतारमण ने अमेरिका के विचार समूह ‘पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स’ में कहा कि सरकार गरीब लोगों को मूलभूत सुविधाएं देकर सशक्त बनाना चाहती है. उन्होंने कहा, ‘‘बुनियादी सुविधाएं देने के लिहाज से हमने अपने लक्ष्य को लगभग प्राप्त कर लिया है.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि भारत सरकार देश के गरीबों को अनेक सुविधाएं देना चाहती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि उन्हें रहने के लिए पक्के घर दिए जाएं, पाइप के जरिए पेयजल उन तक पहुंचे, बिजली हो, अच्छी सड़कें हो…सिर्फ गांव तक ही नहीं बल्कि गांवों की गलियों तक भी अच्छी सड़कें हों जो नजदीकी राजमार्ग से जोड़ी जा सकें, अच्छी परिवहन सुविधा तक पहुंच हो, वित्तीय समावेशन हो जिससे घर के प्रत्येक सदस्य का बैंक में खाता खुले और उन्हें हर लाभ सीधे उनके खाते में मिल सके.’’

संरचनात्मक सुधारों से निवेश के लिए वैश्विक स्तर पर आकर्षक स्थल बना हुआ है भारत: सीतारमण

संरचनात्मक सुधार करने के भारत के रूख से देश वैश्विक स्तर पर निवेश के लिए आकर्षक स्थल बना हुआ है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूत स्थिति में है. यही वजह है कि आने वाले वर्षों में भारत तेज रफ्तार से वृद्धि करेगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के विचार समूह ‘पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स’ में यह कहा.

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि 2014 में डॉलर के संदर्भ में 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने तक की भारत की यात्रा वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के बीच वृद्धि में लगातार तेजी लाने वाली रही है. ‘कठोर वित्तीय परिस्थितियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था का जुझारुपन’ विषय पर वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को वैश्विक व्यापार और वित्तीय प्रवाह के साथ एकीकृत किया है और इसके साथ ही भारतीय परिवारों के लिए उच्च जीवन स्तर और जीवन की गुणवत्ता में सुधार भी सुनिश्चित किया है.

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