एसईसीएल विस्तार की राह पर, गेवरा को बनाएगी दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खदान
बिलासपुर/कोरबा. साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) अपनी गेवरा खदान की क्षमता बढ़ाकर सात करोड़ टन करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. इससे चालू वित्त वर्ष के अंत तक गेवरा दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक खान बन जाएगी. कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक प्रेम सागर मिश्रा ने यह जानकारी दी.
मिश्रा ने बिलासपुर में पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 193 किलोमीटर दूर कोरबा में स्थित एसईसीएल की गेवरा खदान वर्तमान में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कोयला खान है. उन्होंने बताया कि दो सबसे बड़ी कोयला खानें अमेरिका में हैं जबकि एक इंडोनेशिया में है.
मिश्रा ने कहा, ”हम गेवरा खान के विस्तार की प्रक्रिया में हैं. हम इसे दुनिया का सबसे बड़ी कोयला उत्पादक स्थल बनाना चाहते हैं. हमारा गेवरा की उत्पादन क्षमता को सात करोड़ टन सालाना करने का लक्ष्य है.” वित्त वर्ष 2022-23 में गेवरा खान का उत्पादन 5.25 करोड़ टन रहा था. मिश्रा ने कहा कि यह साल के लिए हमारे तय लक्ष्य से अधिक है.
सात करोड़ टन का लक्ष्य कब तक हासिल होगा इस सवाल पर कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि हमारा इसे चालू वित्त वर्ष के अंत तक हासिल करने का लक्ष्य है. हमें पर्यावरणीय मंजूरी का इंतजार है, जो वित्त वर्ष के मध्य तक मिल सकती है. उन्होंने कहा कि कंपनी ने लगभग दो करोड़ टन उत्खनन क्षमता के लिए पर्यावरणीय मंजूरी के लिए आवेदन किया है.
गेवरा खदान के बारे में मिश्रा ने बताया कि यह एक खुली खदान है, जो 27 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है. करीब 600 मीटर की गहराई तक खदान की खुदाई की गई है. ब्लॉक से रोजाना करीब 1.5 लाख टन कोयले का खनन होता है. एसईसीएल गेवरा को पेंड्रा रोड से जोड़ने वाला एक रेलवे गलियारा और दो ‘साइलो’ भी बना रही है. इसके अलावा वह ब्लॉक से कोयले के तेजी से लदान और परिवहन के लिए दो करोड़ टन सालाना क्षमता का कोयला रखरखाव संयंत्र स्थापित करने की भी प्रक्रिया में है.