हीरा कारोबारी नीरव मोदी की कंपनी के प्रमुख अधिकारी परब को मिस्र से भारत लाया गया
नयी दिल्ली. हीरा कारोबारी नीरव मोदी से जुड़े 7,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में एक मुख्य आरोपी सुभाष शंकर परब को एक लंबी एवं कानूनी प्रक्रिया के बाद मंगलवार को मिस्र की राजधानी काहिरा से प्रर्त्यिपत कर लाया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का एक दल भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव द्वारा काहिरा के एक उपनगर में अवैध तरीके से कथित रूप से कैद करके रखे गए परब (50) को वापस लाने के लिए मिस्र की राजधानी गया था.
उन्होंने बताया कि मुंबई पहुंचने के बाद परब को विशेष सीबीआई न्यायाधीश वी सी बर्दे के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उसे 14 दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई मोदी के ‘फायरस्टार डायमंड’ के उप महाप्रबंधक (वित्त) परब का पीछा कर रही थी. ऐसा माना जाता है कि परब 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को सौंपे गए लेटर आॅफ अंडरटेंिकग (एलओयू) का एक मुख्य गवाह है.
अधिकारियों ने बताया कि 2018 में इस घोटाले के सामने आने के बाद से नीरव मोदी के परिवार और उसके मामा मेहुल चोकसी के साथ परब भी लापता हो गया था. उन्होंने कहा कि चोकसी ने कैरेबियाई द्वीप देश एंटीगुआ और बारबुडा में शरण ली. उन्होंने बताया कि भारत ने परब का पता लगाने और उसे वापस लाने के लिए उसके खिलाफ ‘इंटरपोल रेड नोटिस’ जारी किया था. उन्होंने बताया कि भारत को जानकारी मिली कि परब को नीरव मोदी के लोगों ने अवैध रूप से कैद करके रखा है. उसे दुबई से मिस्र ले जाया गया था और भारत ने उसकी सुरक्षा को लेकर ंिचता व्यक्त की थी.
अधिकारियों ने कहा कि एक लंबी कूटनीतिक और कानूनी प्रक्रिया के बाद, सीबीआई परब के ‘‘प्रशासनिक प्रत्यर्पण’’ या निर्वासन को सुनिश्चित करने में कामयाब रही. उन्होंने कहा कि परब कथित रूप से नीरव मोदी और चोकसी द्वारा किए गए देश के उस सबसे बड़े बैंक घोटाले के संबंध में जानकारी दे सकता है, जिसके कारण 13,000 करोड़ रुपए का संयुक्त नुकसान हुआ है. नीरव और चोकसी एलओयू का इस्तेमाल करके पीएनबी से कथित तौर पर 13,500 करोड़ रुपये के सार्वजनिक धन की धोखाधड़ी करने के मामले में वांछित हैं.
नीरव मोदी लंदन की जेल में है और उसकी जमानत याचिका कई बार खारिज की जा चुकी है. भारत ने उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है, जिसे उसने चुनौती दी है. चोकसी ने जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में भारत से भागने से पहले ही निवेश कार्यक्रम के मार्फत नागरिकता का उपयोग करते हुए 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी. सीबीआई ने पीएनबी के अधिकारी गोकुलनाथ शेट्टी पर अन्य लोगों के साथ, नीरव और चोकसी को कथित तौर पर उनकी कंपनियों को एलओयू जारी करके घोटाला करने में मदद करने का आरोप लगाया है, जिसके आधार पर उन्होंने विदेशों में बैंकों से ऋण लिया.