विपक्ष के ‘बहुत बड़े’ नेता ने मुझसे कहा, अब क्या करना है, देश ने दो बार प्रधानमंत्री बना दिया: मोदी
भरूच. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भले ही वह दो बार देश के प्रधानमंत्री बन गए हों लेकिन उनका इरादा ‘‘आराम’’ करने का नहीं है, बल्कि उनका सपना सरकारी योजनाओं का शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करना है और इसके लिए वह नए संकल्पों और नई ऊर्जा से जुट जाने की तैयारी में हैं.
यहां ‘‘उत्कर्ष समारोह’’ को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि एक दिन विपक्ष के एक ‘‘बहुत बड़े नेता’’ उनसे मिलने आए थे और उन्होंने उनसे कहा था कि ‘‘मोदी जी ये क्या करना है. दो दो बार आपको देश ने प्रधानमंत्री बना दिया. अब क्या करना है.’’ प्रधानमंत्री ने उक्त नेता का नाम नहीं बताया लेकिन कहा कि वो उनका राजनीतिक विरोध करते रहते हैं लेकिन ‘‘मैं उनका आदर भी करता रहता हूं’’.
मोदी ने कहा, ‘‘उनको (विपक्षी नेता) लगता था कि दो बार प्रधानमंत्री बन गया मतलब बहुत कुछ हो गया. उनको पता नहीं है मोदी किसी अलग मिट्टी का है. ये गुजरत की धरती ने उसको तैयार किया है और इसलिए जो भी हो गया, अच्छा हो गया ,चलो अब आराम करो, नहीं मेरा सपना है झ्र सैचुरेशन.’’ उन्होंने कहा कि योजनाओं के शत-प्रतिशत लक्ष्य की तरफ उनकी सरकार आगे बढ़ी है और अब सरकारी मशीनरी को भी इसकी आदत डालनी है.
उन्होंने कहा कि पिछले करीब आठ वर्षों में सभी के प्रयासों से अनेक योजनाओं को शत प्रतिशत ‘‘सैचुरेशन’’ के करीब-करीब ला पाने में सफलता मिली है. मोदी ने कहा, ‘‘अब आठ वर्ष के इस महत्वपूर्ण अवसर पर, एक बार फिर कमर कस करके, सबका साथ लेकर के, सबके प्रयास से आगे बढ़ना ही है और हर जरूरतमंद को, हर हकदार को उसका हक दिलाने के लिए जीझ्रजान से जुट जाना है.’’
स्वास्थ्य संबंधी आपात चुनौतियों से निपटने के लिए एक समन्वित वैश्विक उपाय की जरूरत: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी आपात चुनौतियों से निपटने के लिए एक समन्वित वैश्विक उपाय की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए एक दुरुस्त वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण और टीकों व दवाओं की न्यासंगत पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए.
प्रधानमंत्री ने यह बात कोविड पर अमेरिका द्वारा आयोजित दूसरे डिजिटल वैश्विक शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान कही.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने जांच, उपचार और डेटा प्रबंधन के लिए कम कीमत वाली ‘कोविड मिटिगेशन प्रौद्योगिकी’ विकसित की है. हमने इन क्षमताओं को अन्य देशों से साझा किया है. वायरस को लेकर वैश्विक डेटाबेस के लिए भारत के ‘जेनोमिक्स कंर्सोर्टियम’ ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य से जुड़ी आपात चुनौतियों से निपटने के लिए एक समन्वित वैश्विक उपायों की आवश्यकता है. हमें दुरूस्त वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना चाहिए तथा टीकों व दवाओं की न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई का उल्लेख करते हुए कहा कि देश ने महामारी के खिलाफ एक जन-केंद्रित रणनीति अपनाई. उन्होंने कहा कि भारत का टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया में सबसे बड़ा है और अब तक 90 प्रतिशत व्यस्क आबादी को टीकों की दोनों खुराक दी जा चुकी है जबकि पांच करोड़ से अधिक बच्चों को टीका लगाया जा चुका है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से मंजूर चार कोविड-19 रोधी टीकों का निर्माण कर रहा है और उसकी क्षमता पांच करोड़ टीकों के उत्पादन का है. उन्होंने डब्ल्यूएचओ में सुधार के साथ ही उसे मजबूत किए जाने चाहिए पर बल दिया ताकि अधिक लचीला वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा ढांचा तैयार किया जा सके. उन्होंने विश्व व्यापार संगठन के नियम, विशेष रूप से ट्रिप्स (बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधित पहलू) को अधिक लचीला बनाने की की आवश्यकता पर बल दिया.