भाजपा और कांग्रेस शिक्षा की बात नहीं करते हैं : केजरीवाल
नयी दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार की राजनीति पूरी तरह बच्चों को शिक्षित करने पर निर्भर है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों ने ही दिल्ली में अपने शासनकाल में शिक्षा की बात नहीं की.
आम आदमी पार्टी (आप) नेता केजरीवाल ने पश्चिम दिल्ली के उत्तम नगर में एक सरकारी विद्यालय के नये भवन का उद्घाटन करने के बाद यह बात कही.
उन्होंने कहा, ”इस विद्यालय का निर्माण 1985 में किया गया था. (भाजपा और कांग्रेस की) सरकारें आईं. लेकिन उनके एजेंडे में शिक्षा नहीं थी.” मुख्यमंत्री ने कहा, ”भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही शिक्षा देने की बात नहीं की. लेकिन हमारी राजनीति शिक्षा पर निर्भर है.” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बच्चों को शिक्षा देने के लिए ही है और ”शायद ईश्वर ‘आप’ के सत्ता में आने और स्कूलों की दशा सुधरने की प्रतीक्षा कर रहे थे.”
केजरीवाल ने कहा, ”पहले लड़कियों के अंदर यह भावना होती थी कि वे सरकारी स्कूल में जा रही हैं और उनके भाई निजी विद्यालयों में पढ़ते हैं. लेकिन अब दिल्ली के सरकारी स्कूल अच्छी शिक्षा दे रहे हैं. कुछ और सरकारी विद्यालयों के भवनों का पुनरुद्धार कार्य बाकी है.” आने वाली चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आप दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 1,800 विद्यालयों की स्थिति भी सुधारना चाहती है.
केजरीवाल ने कहा, ”हम चाहते हैं कि बच्चों को पहली कक्षा से अच्छी शिक्षा मिले. हम अगले पांच साल में एमसीडी के स्कूलों में भी सुधार लाएंगे.” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षा पूरी करने के बाद कोई रोजगार नहीं मिलना सबसे बड़ी चुनौती है. उद्घाटन के कुछ घंटों बाद, शिक्षा मंत्री आतिशी ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि उपराज्यपाल (एलजी) वी के सक्सेना आमंत्रित किए जाने के बावजूद कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.
पिछले सप्ताह पूर्वी दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के नवनिर्मित परिसर के उद्घाटन समारोह में केजरीवाल और सक्सेना के भाषणों के दौरान नारेबाजी हुई थी. आतिशी ने कहा, ” “उपराज्यपाल सक्सेना आज नहीं आए. हमने काफी समय तक इंतजार किया. उद्घाटन शांतिपूर्वक हुआ और कोई मसला नहीं था. मुझे नहीं पता कि वह क्यों नहीं आए.” उन्होंने कहा, “दो हफ्ते में एक और कार्यक्रम है जहां एक स्कूल का उद्घाटन किया जाएगा. हम एलजी सर को विवरण भेजेंगे और श्रेय लेने के लिए उनका स्वागत है.” मंत्री के दावे पर उपराज्यपाल कार्यालय से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.