मणिपुर में हिंसा नहीं थमी, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे सरकार: कांग्रेस
नयी दिल्ली. कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि मणिपुर में हिंसा अब भी जारी है और ऐसे में शांति बहाली के सभी प्रयास करने के साथ ही प्रदेश में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाना चाहिए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से यह आग्रह भी किया कि उन्हें तत्काल मणिपुर का दौरा करना चाहिए, ताकि प्रशासन में विश्वास बहाल करने और राज्य में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए सभी प्रयास किए जा सकें. कांग्रेस ने पिछले दिनों मणिपुर में जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए अपने तीन सदस्यीय दल को भेजा था.
इस दल में शामिल रहे कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने कहा, ”गृह मंत्री अमित शाह जी को मणिपुर जाने में 25 दिन का समय लगा. हिंसा शुरू हुए 44 दिन हो गए, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर की स्थिति पर चुप हैं. कांग्रेस पार्टी पूरी मुस्तैदी के साथ स्थिति को सामान्य बनाने के लिए हर तरह का सहयोग देने की पक्षधर है.”
उन्होंने दावा किया, ”केंद्रीय गृह मंत्री के 3 दिवसीय दौरे पर मणिपुर जाने और कई कदम उठाने की उनकी घोषणा के दो सप्ताह बाद भी राज्य जल रहा है. उन सभी क्षेत्रों में हिंसा और आगजनी जारी है, जहां जातीय हिंसा से प्रभावित दो समुदाय रहते हैं. कई जिलों में क्रॉस फायरिंग हो रही है.” वासनिक के मुताबिक, ”विस्थापित लोगों की संख्या एक लाख से अधिक है. इनमें से कम से कम 50 हज.ार लोग 349 राहत शिविरों में रह रहे हैं. आधिकारिक रूप से मरने वालों की संख्या 100 से अधिक है. कई लोग अब भी लापता हैं. कई शव अब भी सरकारी अस्पतालों के शवगृह में हैं.”
जयराम रमेश ने कहा, ”कांग्रेस पार्टी की मांग है कि प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए जल्द से जल्द मणिपुर का दौरा करना चाहिए, ताकि प्रशासन में विश्वास बहाल करने और राज्य में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए सभी प्रयास किए जा सकें.” उन्होंने केंद्र सरकार से यह आग्रह भी किया, ”सभी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और सभी प्रभावितों से मिलने के लिए एक राष्ट्रीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए.
मणिपुर में एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और 310 अन्य घायल हुए हैं. गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं.