रुपया में व्यापार व्यवस्था से लेनदेन लागत कम करने में मिलेगी मदद: पीयूष गोयल

देश का निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में छह प्रतिशत बढ़कर 447 अरब डॉलर पर

रोम. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि घरेलू मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने से उद्योग को लेनदेन लागत कम करने में मदद मिलेगी और कई देश इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से बात कर रहे हैं. आरबीआई और वित्त मंत्रालय ने पिछले साल बैंकों और उद्योग मंडलों के शीर्ष प्रबंधन से आयात और निर्यात का लेनदेन रुपये में करने के लिए कहा था. डॉलर की जगह भारतीय मुद्रा में सीमापार व्यापार शुरू करने के लिए जरूरी रुपया वोस्ट्रो खाता खोलने को लेकर वे भारतीय बैंकों को विदेशों में उनके समकक्ष बैंकों से जोड़ना चाहते हैं.

गोयल ने कहा कि आज कई देश यह समझ रहे हैं कि व्यापार के लिए मुद्रा में बदलाव की जरूरत है और इसमें रूपांतरण लागत शामिल होती है, जिससे लेनदेन लागत भी बढ़ जाती है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इन समस्याओं का समाधान रुपये में व्यापार व्यवस्था से कर सकते हैं.’’ मंत्री ने कहा कि इस संबंध में कई देश आरबीआई से बातचीत कर रहे हैं.

एचडीएफसी बैंक और यूको बैंक समेत कई बैंकों ने रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने के लिए विशेष वोस्ट्रो खाता खोल लिया है.
रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को लेकर पिछले साल जुलाई में आरबीआई के दिशानिर्देश जारी करने के बाद रूस का सबसे बड़ा बैंक एसबेरबैंक और दूसरा सबसे बड़ा बैंक वीटीबी बैंक इसकी मंजूरी पाने वाले पहले विदेशी बैंक बन गए थे. रूस का एक और बैंक गाजप्रोम ने भी कोलकाता स्थित यूको बैंक के साथ वोस्ट्रो खाता खोल लिया है. गाजप्रोम की भारत में कोई इकाई नहीं है.

भारत एफटीए के तहत किसी भी देश से नहीं मांग रहा स्थायी आव्रजन वीजा: गोयल

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत किसी भी देश से स्थायी आव्रजन वीजा की मांग नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि एफटीए के तहत सिर्फ छात्रों के लिए अस्थायी वीजा जैसी गतिशीलता संबंधी व्यवस्था पर व्यापार भागीदारों के साथ बातचीत की जा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग गतिशीलता और आव्रजन को मिला देते हैं, लेकिन ये दो अलग-अलग विषय हैं.

आव्रजन के तहत एक जगह से दूसरी जगह बसने के इरादे से प्रवास किया जाता है, जबकि वैश्विक गतिशीलता का अर्थ है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने कर्मचारियों को एक देश से दूसरे देश में कितनी आसानी से भेज सकती हैं. गोयल ने कहा कि गतिशीलता व्यापार, व्यवसाय का विस्तार करने या अध्ययन के लिए किसी देश की यात्रा करने वाले लोगों के लिए अस्थायी वीजा देने के बारे में है.

उन्होंने कहा, ”भारत किसी भी देश से स्थायी आव्रजन वीजा नहीं मांग रहा है… हम केवल गतिशीलता के आधार पर देशों के साथ जुड़ना चाहते हैं. हम केवल उन छात्रों के लिए अस्थायी वीजा को लेकर चिंतित हैं, जो वहां प्रशिक्षण लेते हैं.” मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के बाद दुनिया यह महसूस कर रही है कि दूर रहकर काम करना एक बड़ी सफलता है और वास्तव में इससे मझोले और छोटे शहरों के युवाओं के लिए बड़े अवसर खुलेंगे. व्यापार समझौतों में भारत की प्रमुख मांगों में आईटी जैसे क्षेत्रों के पेशेवरों को अस्थायी वीजा देना शामिल है. उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और कनाडा के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत तेजी से आगे बढ़ रही है.

देश का निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में छह प्रतिशत बढ़कर 447 अरब डॉलर पर

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश का निर्यात बीते वित्त वर्ष 2022-23 में छह प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 447 अरब डॉलर रहा. मुख्य रूप से पेट्रोलियम, औषधि, रसायन तथा समुद्री उत्पादों के क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन से निर्यात अच्छा रहा है. इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में निर्यात 422 अरब डॉलर था.

देश का आयात भी आलोच्य वित्त वर्ष में 16.5 प्रतिशत बढ़कर 714 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले 2021-22 में 613 अरब डॉलर था. गोयल ने कहा कि वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात नई ऊंचाई पर पहुंचा है और 2022-23 में 14 प्रतिशत बढ़कर 770 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले 676 अरब डॉलर था.

मंत्री ने रोम में संवाददाताओं से कहा, ‘‘…भारत के निर्यात का प्रदर्शन शानदार रहा है. देश से कुल निर्यात 2022-23 में 770 अरब डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंच गया है. पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह 14 प्रतिशत अधिक है. 2020 में यह 500 अरब डॉलर तथा 2021-22 में 676 अरब डॉलर था.’’ गोयल 11 से 13 अप्रैल के दौरान फ्रांस और इटली की तीन दिन यात्रा पर हैं. अपनी यात्रा के दौरान व्यापार और निवेश संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिये दोनों देशों के नेताओं और विभिन्न कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.

देश का सेवा निर्यात भी 2022-23 में 27.16 प्रतिशत बढ़कर 323 अरब डॉलर रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 254 अरब डॉलर था.
उन्होंने कहा, ‘‘यह वास्तव में भारत के अंतरराष्ट्रीय बाजार में विस्तार का संकेत है.’’ देश का कुल वस्तुओं और सेवाओं का आयात आलोच्य तिमाही में 892 अरब डॉलर रहा. यह बताता है कि देश की आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं और इससे निर्यात को समर्थन मिल रहा है.

यहां संवाददाताओं से बातचीत में गोयल ने कहा कि निर्यात में वृद्धि से चालू खाते के घाटे को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. सेवा क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी, लेखा और ‘बिजनेस प्रोसेंिसग’ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा वृद्धि हुई है. वस्तुओं की श्रेणी में जिन क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज की गई, उनमें आॅयल मील, इलेक्ट्रॉनिक सामान, तंबाकू, तिलहन, चावल, कॉफी, फल और सब्जियां, चमड़े का सामान, सेरेमिक, औषधि, समुद्री उत्पाद, रसायन और तैयार वस्त्र शामिल हैं. सेवा आयात 2022-23 में 178 अरब डॉलर रहने का अनुमान है जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 147 अरब डॉलर था.

गोयल ने कहा कि चुनौतीपूर्ण समय में वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात लगभग 100 अरब डॉलर बढ़कर 770 अरब डॉलर को पार कर गया है. यह तब हासिल किया गया है जब दुनिया में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में नरमी है. विकसित दुनिया में मंदी की स्थिति और कई देशों में महंगाई की ऊंची दर देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि रूस, यूक्रेन में संघर्ष के कारण ंिचताएं थीं. उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर भी ंिचता थी कि विकसित दुनिया में माल भंडार हमें इस तरह के ‘शानदार’ प्रदर्शन को हासिल करने में मदद नहीं कर सकता है.

गोयल ने कहा, ‘‘यह वास्तव में संतोष की बात है कि हमने वस्तुओं और सेवाओं दोनों के निर्यात में वृद्धि दर्ज की है….’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब हम पूरे आर्थिक परिदृश्य को देखते हैं, जहां जीएसटी (माल एवं सेवा कर) संग्रह ऊंचा है, निर्यात रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और जहां मुद्रास्फीत की दर घटी है…600 अरब डॉलर से अधिक विदेशी मुद्रा भंडार वास्तव में देश के रुख को बताता है.’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button