‘तुष्टीकरण की राजनीति’ में संलिप्त हैं पवार और राकांपा: फडणवीस
मुंबई. फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’, 1993 मुंबई श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट और इशरत जहां मामले समेत अनेक मुद्दों पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के बयानों को लेकर उन पर सीधा हमला बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि पवार की पार्टी तुष्टीकरण की राजनीति में लगी है और सांप्रदायिक आधार पर समाज का ध्रुवीकरण कर रही है.
बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती के मौके पर 14 ट्वीट करके फडणवीस ने पवार पर भारतीय संविधान के रचयिता की इच्छाओं और मूल्यों के विपरीत काम करने का आरोप लगाया. भाजपा नेता फडणवीस ने आरोप लगाया कि पवार ने सबसे पहले ‘ंिहदू आतंकवाद’ शब्द का उपयोग किया था. कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन को चित्रित करने वाली फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की आलोचना करने वाले पवार की हाल की टिप्पणी का जिक्र करते हुए फडणवीस ने कहा कि यह आलोचना पूरी तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दशकों पुरानी तुष्टीकरण की नीति तथा सांप्रदायिक आधार पर समाज को बांटने के ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ के अनुरूप है.
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने पवार और राकांपा के खिलाफ अपने आरोपों की पुष्टि के लिए अनेक खबरों के ंिलक भी डाले. उन्होंने कुछ खबरों के हवाले से कहा कि पवार दावा कर रहे हैं कि महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक का नाम भगोड़े अपराधी दाऊद इब्राहिम के साथ इसलिए जोड़ा जा रहा है क्योंकि वह मुस्लिम हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन मामले में पिछले महीने मलिक को गिरफ्तार किया था.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने एक और खबर का जिक्र किया जिसके अनुसार पवार ने कहा था कि इशरत जहां बेगुनाह थी. इशरत जहां गुजरात में 2004 में कथित फर्जी मुठभेड़ में तीन अन्य लोगों के साथ मारी गई थी. चारों पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की एक साजिश में शामिल होने का आरोप था.
फडणवीस ने कहा कि 2012 में जब महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा सत्ता में थी तो मुंबई के बीचों-बीच आजाद मैदान में ंिहसा की शर्मनाक घटना घटी थी. उन्होंने कहा कि अमर जवान ज्योति को अपवित्र किया गया, लेकिन उस राकांपा ने रजा एकेडमी को लेकर नरम रुख रखा और इसके बाद मुंबई के पुलिस आयुक्त का ही तबादला कर दिया गया.
फडणवीस ने कहा, ‘‘राकांपा की महाराष्ट्र में मुस्लिम आरक्षण लाने की बड़ी योजना है जबकि हमारे संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. कितना शर्मनाक है कि संवैधानिक मूल्यों के विपरीत इस तरह वोट बैंक की राजनीति होती है.’’ अल्पसंख्यक तय करते हैं कि किसे हराना है और राकांपा सच्चर समिति की रिपोर्ट को लागू करने की मांग करती है, जैसे पवार के बयानों का जिक्र करते हुए फडणवीस ने कहा, ‘‘12 मार्च, 1993 को जब मुंबई 12 बम विस्फोटों से हिल गई थी, शरद पवार जी ने एक मुस्लिम क्षेत्र में 13वां विस्फोट गढ़ दिया था. कानून और व्यवस्था के बजाय, तुष्टिकरण उनकी पहली प्राथमिकता थी. जब हम सांप्रदायिक सद्भाव की उम्मीद करते हैं, तो ऐसे दोहरे मापदंड क्यों?’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पवार ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की आलोचना की क्योंकि यह उनके छद्म धर्मनिरपेक्ष एजेंडा को रास नहीं आ रही.
उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीरी पंडितों की परेशानियों की वास्तविक कहानी पर आधारित फिल्म से किसी को क्या दिक्कत?’’ फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘‘’द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह उन लोगों के खिलाफ है, जिन्होंने लोगों की पीड़ा के दौरान दूसरी ओर मुंह फेर लिया, क्योंकि उन्हें लगा कि यह उनके तुष्टिकरण के राजनीतिक एजेंडे के अनुकूल है, जिससे सांप्रदायिक विभाजन की प्राप्ति हो रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी के भारत में इस तरह के कृत्यों और समाज के सद्भाव को बिगाड़ने के दृष्टिकोण को स्वीकार नहीं किया जा सकता .’’ फडणवीस ने कहा कि डॉ. आंबेडकर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को शामिल करने के खिलाफ थे. केंद्र ने पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त कर दिये थे और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.