मोजाम्बिक के साथ समय की कसौटी पर खरे उतरे संबंधों को नये स्तर पर ले जाने को भारत तैयार : जयशंकर
मापुटो. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत, मोजाम्बिक के साथ ‘समय की कसौटी पर खरे उतरे’ अपने संबंधों को नये स्तर पर ले जाने को तैयार है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की नीतियां विकास की राह में अपने सहयोगियों के हितों एवं प्राथमिकताओं के आधार पर मार्गर्दिशत होंगी.
भारतीय समुदाय को यहां संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि पिछले सात वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों में काफी बदलाव आया है.
मोजाम्बिक की अपनी पहली यात्रा पर आए विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ यह ‘समय की कसौटी पर काफी खरा उतरा’ संबंध है. यह ऐतिहासिक संबंध है. यह रिश्ता तब से है, जब मोजाम्बिक अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा था. काफी दशकों तक हमारे नेताओं, हमारे लोगों और हमारे समाज ने काफी कुछ साझा किया. हम एक दूसरे से काफी गहरे जुड़े हैं.’’ उन्होंने कहा कि आज भी दोनों देश अपनी विकास की यात्रा में एक दूसरे के लिए काफी कुछ कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच एकजुटता का मजबूत भाव हमारे द्विपक्षीय संबंधों की प्रकृति से परिभाषित होता है.’’ जयशंकर ने कहा कि विकासशील देशों की यह सुनिश्चित करने की जवाबदेही है कि दूसरे देश उनके अनुभवों का लाभ उठा सकें. उन्होंने कहा कि आज इसके उदाहरण सुरक्षा के क्षेत्र में हैं.
जयशंकर ने कहा, ‘‘ अगर मोजाम्बिक एक देश के रूप में आतंकवादियों से चुनौती का सामना करता है, तो आज हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम दूसरे देश की मदद करें, जो इस दौर से गुजर रहा हो.’’ यूगांडा की 2018 की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘‘ हम अपने सहयोगियों की प्राथमिकताओं और हितों से मार्गर्दिशत होंगे और हम आपसे पूछेंगे कि कृपया बताएं कि आपके लिए क्या जरूरी है. और अगर हम कुछ कर सकते हैं, अगर हमारे लिए कुछ करने योग्य होगा, तब हम ऐसा करने में सम्मानित महसूस करेंगे.’’ जयशंकर ने कहा कि संकट में विकास अनुभवों और रुख को एक दूसरे से साझा करना जी20 की भारत की अध्यक्षता के केंद्र में है.
उन्होंने कहा कि जी20 की अध्यक्षता काफी बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि दुनिया काफी कठिन दौर से गुजर रही है. विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ मैंने कोविड के बारे में बात की, लेकिन यूक्रेन संघर्ष का प्रभाव भी काफी गंभीर है, खासकर विकासशील देशों पर.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत जी 20 समूह का पहला अध्यक्ष है, जिसने 125 देशों के साथ विचार-विमर्श किया, हम सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश हो सकते हैं लेकिन हम 125 अन्य देशों की बात भी करते हैं.’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत काफी स्वतंत्र विचार रखने वाला देश है और हम इस बात को मानने वाले हैं कि हमारी प्रगति एक दूसरे से जुड़ी है.’’ विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ और इसलिए यह भी एक कारण है कि मैं आज यहां हूं. मैं यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश लेकर आया हूं कि भारत इस संबंध को अगले स्तर तक ले जाने को आज तैयार है.’’ उन्होंने कहा कि भारत का मोजाम्बिक के साथ सालाना कारोबार 4 अरब डॉलर है और भारतीय कंपनियों ने यहां 11 अरब डॉलर निवेश किया है और ‘‘आज हमारा काम इस संबंध को और गहरा बनाना है.’’ जयशंकर ने अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत का भी जिक्र किया.