श्रीलंका के कर्ज पुनर्गठन कार्यक्रम के लिए भारत, जापान और फ्रांस ने बनाया साझा मंच
भारत, जापान जी7 और जी20 के बीच बेहतर तालमेल के लिए कर सकते हैं काम: सीतारमण
वाशिंगटन. भारत, जापान और फ्रांस ने कठिन आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन कार्यक्रम के लिए कर्जदाताओं के बीच बातचीत का एक साझा मंच बनाने की घोषणा की है. वॉंिशगटन में बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक की सालाना बैठकों से इतर एक संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत तीन कर्जदाता देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘इस कार्यक्रम का उद्देश्य श्रीलंका को लेकर कर्जदाताओं के बीच कर्ज पुनर्गठन की प्रक्रिया के बारे में बहुपक्षीय सहयोग का प्रदर्शन करना है.’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने श्रीलंका को मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने में समर्थन देने का भरोसा दिलाया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कर्ज पुनर्गठन को लेकर होने वाली चर्चा में पारर्दिशता और समानता सुनिश्चित करने की खातिर कर्जदाताओं के बीच सहयोग होना आवश्यक है. श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे इस सम्मेलन में ‘आॅनलाइन’ माध्यम से शामिल हुए.
जापान के वित्त मंत्री शुनिची सुजुकी ने इस साझा मंच की शुरुआत को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि यह समिति सभी कर्जदाताओं के लिए है और इसके साथ ही यह उम्मीद भी जताई कि जापान की इस पहल में श्रीलंका का सबसे बड़ा कर्जदाता चीन भी शामिल होगा. इस संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण और सुजुकी के साथ फ्रांस के वित्त विभाग में महानिदेशक (ट्रेजरी) एमैनुअल मॉलिन भी शामिल हुए.
विक्रमसिंघे के कार्यालय की ओर से कहा गया कि भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्जदाताओं के बीच समन्वय का आ’’ान किया है, जो श्रीलंका के कर्ज को पुन: टिकाऊ बनाने के लिए बेहद जरूरी है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन से जब श्रीलंका के कर्जदाताओं द्वारा वॉंिशगटन में उच्च स्तरीय बैठक में औपचारिक वार्ता शुरू करने के बारे में एक सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘चीन आह्वान करता है कि श्रीलंका के पुनर्गठन में सभी वाणिज्यिक एवं बहुपक्षीय कर्जदाता शामिल हों और कर्ज का भार निष्पक्ष रूप से साझा करें. श्रीलंका की खातिर समाधान निकालने के लिए हम चीन के वित्तीय संस्थानों का समर्थन करते हैं.’’
भारत, जापान जी7 और जी20 के बीच बेहतर तालमेल के लिए कर सकते हैं काम: सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जी20 और जी7 के सदस्य देशों के बीच बेहतर तालमेल और समन्वय के लिए भारत और जापान मिलकर काम कर सकते हैं. इस वर्ष जी20 की अध्यक्षता भारत के पास है जबकि जी7 का मौजूदा अध्यक्ष जापान है. सीतारमण ने कहा कि जापान ने उन्हें जी7 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की मई में होने वाली बैठक में आमंत्रित किया है और वह इस पर विचार कर रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हम जापान की सरकार के साथ और अधिक संवाद के लिए उत्सुक हैं और उसके जी7 का अध्यक्ष होने के नाते हम परस्पर हित एवं सहयोग के क्षेत्रों की संभावनाएं तलाश कर रहे हैं ताकि हम साथ आ सकें और वैश्विक जरूरतों को पूरा कर सकें.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि दोनों देश खाद्य सुरक्षा, विकास वित्त, जलवायु एवं ऊर्जा, पर्यावरण, डिजिटलीकरण, आपदा जोखिम में कमी और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम जापान के साथ मिलकर काम कर सकते हैं और दोनों समूहों के बीच बेहतर समन्वय एवं सहयोग प्राप्त कर सकते हैं.’’
सीतारमण ने कहा, ‘‘जापान ने जी7 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक में साझेदारों के साथ चर्चा के लिए भारत को आमंत्रित किया है. यह बैठक 12 मई को होगी. मैं बैठक में शरीक होने और जी7 के वित्त मंत्रियों के साथ बातचीत करने पर विचार कर रही हूं.’’