सुरजेवाला ने किसी सरकारी बैठक में हिस्सा नहीं लिया : सिद्धरमैया

बेंगलुरु. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (सेक्युलर) के दावों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस के महासचिव और प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला सरकार और नगर निकाय की आधिकारिक बैठक में शामिल नहीं हुए थे.

उन्होंने यह प्रतिक्रिया ऐसे वक्त दी है जब भाजपा ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत से यह शिकायत करने के लिए समय मांगा है कि सुरजेवाला ने सरकार के वरिष्ठ नौकरशाहों और बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के साथ आधिकारिक बैठक की थी.
सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से कहा, ”सुरजेवाला किसी भी आधिकारिक बैठक में शामिल नहीं हुए. उन्होंने सिर्फ कुछ विधायकों से बात की. उप मुख्यमंत्री (डी के शिवकुमार) वहां उपस्थित थे. इस बैठक में उप मुख्यमंत्री शामिल हुए थे.”

उन्होंने यह भी कहा, ”आपको समझना चाहिए कि यह कोई आधिकारिक बैठक नहीं थी. बेंगलुरु शहर के विधायकों को बेंगलुरु निकाय चुनाव को लेकर बुलाया गया था और वहीं सुरजेवाला भी गए थे.” मुख्यमंत्री का कहना था कि यह बैठक बेंगलुरु शहर से जुड़े मुद्दों को लेकर थी और वहीं निकाय चुनाव के बारे में भी चर्चा हो गई.

उधर, भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस विषय पर अपनी बात रखने के लिए राज्यपाल से समय मांगा है. भाजपा ने मंगलवार को एक निजी होटल में कर्नाटक सरकार और बीबीएमपी के अधिकारियों के साथ उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में सुरजेवाला की मौजूदगी पर सवाल उठाया था.

भाजपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर बैठक की एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें सुरजेवाला उप मुख्यमंत्री शिवकुमार के बगल में बैठे दिख रहे हैं, वहां कर्नाटक सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव राकेश सिंह, बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त तुषार गिरि नाथ और अन्य सरकारी अधिकारी मौजूद थे. तस्वीर में दिख रहा है कि ऊर्जा मंत्री के जे जॉर्ज, आवास मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान, शिवाजी नगर के विधायक रिजवान अरशद भी वहां मौजूद थे.

अन्न भाग्य योजना को ‘विफल’ करने का षड्यंत्र रच रही केंद्र सरकार: सिद्धरमैया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह कर्नाटक को ‘अन्न भाग्य’ योजना लागू करने के लिए आवश्यक मात्रा में चावल न देकर राज्य की कांग्रेस सरकार की चुनावी गारंटी को ह्लविफलह्व करने का षड्यंत्र रच रही है.

अन्न भाग्य योजना के तहत गरीबों को अतिरिक्त मात्रा में चावल दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मुद्दे पर राजनीति कर रही है. सिद्धरमैया ने केंद्र सरकार पर जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाने वाली योजना में रोड़े अटकाने का आरोप लगाते हुए उसे ह्लगरीब-विरोधीह्व करार दिया.

उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार अन्य स्रोतों और उत्पादक राज्यों से चावल प्राप्त करने के लिए सभी प्रयास कर रही है ताकि वादे के अनुसार समय पर ये जरूरतमंदों को दिए जा सकें. सिद्धरमैया ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ह्लकेंद्र सरकार ने राजनीतिक फैसला लेते हुए हमें चावल उपलब्ध कराने पर सहमति जताई. उनके भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने चावल उपलब्ध कराने को लेकर सहमति जताई, जिसके आधार पर हमने एक जुलाई से गरीबों को चावल प्रदान करने का वादा किया. कर्नाटक में हमें इतना चावल नहीं मिल सकता … चावल देने के लिए सहमति जताने के बाद अब वे कह रहे हैं कि वे ऐसा नहीं कर सकते.ह्व

इस बीच, कर्नाटक सरकार ने बुधवार को कहा कि घरेलू इस्तेमाल के लिए 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करने से संबंधित गृह ज्योति योजना के लिए पंजीकरण बृहस्पतिवार से शुरू होना था, लेकिन इसे 18 जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. ऊर्जा विभाग ने एक बयान में कहा कि पंजीकरण 18 जून से शुरू होगा. विभाग ने कहा कि लाभार्थियों को योजना का लाभ उठाने के लिए ‘सेवा सिंधु’ पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा.

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