देश में घरेलू कोयले की उपलब्धता में बाधा, आयात से शेष जरूरत पूरी की जाए : सरकार
नयी दिल्ली. कोयला मंत्रालय ने कहा है कि देश में घरेलू स्तर पर कोयले की उपलब्धता में बाधा आ रही है. ऐसे में कोयले की शेष मांग को आयात के जरिये पूरा करने की जरूरत है. मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया है कि कोयला ब्लॉक धारकों… कैप्टिव (खुद के इस्तेमाल) और वाणिज्यिक… दोनों को कोयले के संकट को कम करने में भूमिका निभानी होगी.
कोयला मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के अनुसार, घरेलू कोयला उत्पादन 80 करोड़ टन है. वह बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति के अनुबंधों से संबंधित अंतर-मंत्रालयी समिति के प्रमुख भी हैं. अंतर मंत्रालयी समिति की हाल में बैठक हुई थी जिसमें केंद्र/राज्यों के बिजली संयंत्रों को कोयला आपूर्ति से संबंधित अनुबंधों पर विचार किया गया था. इसके अलावा बिजली संयंत्रों को मौजूदा कोयला आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा भी की गई.
अतिरिक्त कोयला सचिव ने कहा कि घरेलू कोयले की उपलब्धता में ‘बाधाएं’ हैं. घरेलू कोयला उत्पादन लगभग 80 करोड़ टन है.
बैठक के ब्योरे के अनुसार, अतिरिक्त सचिव ने कहा, ‘‘घरेलू स्तर पर कोयले की उपलब्धता में अड़चनों के चलते शेष मांग को आयात के जरिये पूरा किया जाना चाहिए.’’ इससे पहले कोयला सचिव ए के जैन ने कहा था कि बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी की कई वजहें हैं. इसके लिए कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था में उछाल के कारण बिजली की मांग बढ़ना, र्गिमयां जल्दी पड़ना, आयातित कोयले और गैस की कीमतों में वृद्धि और तटीय ताप बिजली संयंत्रों के उत्पादन में भारी गिरावट जैसे कारक जिम्मेदार हैं.
तय से कम कोयले का भंडार रखने वाले ताप बिजली संयंत्रों को देना पड़ सकता है ‘जुर्माना’
निर्दिष्ट से कम कोयला भंडार रखने के लिए ताप बिजली संयंत्रों को जल्द ही विभिन्न बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को ‘निवारक शुल्क’ या एक तरह से जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है. केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) ने इन शुल्कों की गणना की प्रक्रिया पर हितधारकों से राय मांगी है.
सीईआरसी ने 13 मई, 2022 को एक सार्वजनिक नोटिस जारी करके हितधारकों से राय मांगी है. प्रतिक्रिया 27 मई, 2022 तक दी जा सकेगी. कोयला भंडार की बीते तीन महीने की औसत उपलब्धता के आधार पर ‘निवारक शुल्क’ की गणना के लिए 2019 शुल्क नियमों में संशोधन का भी प्रस्ताव दिया गया है.
सीईआरसी ने इस विषय पर आधाारित एक स्टाफ पेपर में कहा कि हाल के महीनों में कोयला आधारित कई ताप ऊर्जा संयंत्रों में कोयले का भंडार केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा तय कोयला भंडार के नियमों की तुलना में कम रहा है. इसमें कहा गया कि कोयले का भंडार इतना कम होने पर बिजली उत्पादन स्टेशन कम उपलब्धता की घोषणा करते हैं जिसके बाद राज्यों को वैकल्पिक स्रोतों से अधिक दाम पर ऊर्जा की खरीद करनी पड़ती है.
ताप ऊर्जा उत्पादन करने वाले स्टेशनों पर कोयले का पर्याप्त भंडार हमेशा बना रहे इसके लिए सीईए ने कोयला भंडार नियमों में संशोधन किया है. फरवरी, 2022 में ऊर्जा मंत्रालय ने सीईआरसी को निर्देश जारी करके नियमों में उचित संशोधन करने को कहा था ताकि कोयले का कम भंडार रखने के लिए ताप बिजली संयंत्रों के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाए जा सकें. इसी की पृष्ठभूमि में सीईआरसी यह स्टाफ पेपर लेकर आया है जिसमें कम कोयला भंडार रखने के लिए दंडात्मक कदम उठाने और ‘निवारक शुल्क’ की गणना करने की प्रक्रिया के बारे में प्रस्ताव दिया गया है.