वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस समान नागरिक संहिता का विरोध कर रही: भाजपा
नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर विधि आयोग की ओर से जनता की राय मांगे जाने पर कांग्रेस द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर उसकी आलोचना करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वह कट्टरपंथियों के दबाव में आ गई है और वोट बैंक की राजनीति के लिए इस कदम का विरोध कर रही है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि भाजपा समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि विधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता को लेकर उठाया गया नया कदम यह दर्शाता है कि मोदी सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने और ध्रुवीकरण के अपने एजेंडे को वैधानिक रूप से जायज ठहराने के लिए व्याकुल है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि विधि आयोग को अपनी विरासत का ध्यान रखना चाहिए और यह भी याद रखना चाहिए कि देश के हित भाजपा की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से अलग होते हैं.
कांग्रेस की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पूनावाला ने कहा कि उच्चतम न्यायालय सहित विभिन्न अदालतों ने समान नागरिक संहिता की वकालत की है. उन्होंने कहा, ”हालांकि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह अब कुछ लोगों के लिए वोट बैंक की राजनीति का विषय बन गया है.” उन्होंने कहा कि जब गोवा में समान नागरिक संहिता को बरकरार रखा गया था तब उस वक्त वहां कांग्रेस सत्ता में थी.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ”यह कुछ ऐसा है जिसे कांग्रेस को अपनाना चाहिए था क्योंकि यह जवाहरलाल नेहरू (पहले प्रधानमंत्री) और संस्थापक (संविधान के) थे, जिनमें से कई कांग्रेस से थे और जिन्होंने समान नागरिक संहिता की वकालत की थी.” पूनावाला ने कहा कि समान नागरिक संहिता राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का हिस्सा है और ‘यह कुछ ऐसा है जिसे हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान में शामिल करना महत्वपूर्ण समझा’.
उन्होंने कहा, ”दुर्भाग्य से कांग्रेस कट्टरपंथियों के दबाव के आगे झुक रही है. वे केवल वोट बैंक की राजनीति करना चाहते हैं.” पूनावाला ने जोर देकर कहा कि भाजपा समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, ”इस संबंध में हमारी राज्य सरकारों ने कई कदम उठाए हैं. गुजरात और उत्तराखंड में विचार-विमर्श और (समान नागरिक संहिता का) मसौदा तैयार करने के लिए समितियों का गठन किया गया है.”
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि विधि आयोग एक स्वतंत्र निकाय है और उसने समान नागरिक संहिता पर सार्वजनिक विचार-विमर्श के लिए भी इस दिशा में कदम उठाया है. उल्लेखनीय है कि विधि आयोग ने बुधवार को कहा कि उसने राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) पर लोगों तथा मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के सदस्यों सहित विभिन्न हितधारकों के विचार आमंत्रित कर नये सिरे से परामर्श की प्रक्रिया बुधवार को शुरू कर दी. इससे पहले, 21वें विधि आयोग ने मुद्दे की पड़ताल की थी और समान नागरिक संहिता पर दो मौकों पर सभी हितधारकों के विचार मांगे थे. उसका कार्यकाल अगस्त 2018 में समाप्त हो गया था.
भाजपा कर्नाटक रेवड़ी राजनीति कांग्रेस की ‘रेवड़ी राजनीति’ ने कर्नाटक को किया लहुलुहान : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि कर्नाटक के वित्त विभाग ने वेतन और ईंधन पर हुए खर्च के भुगतान के लिए अतिरिक्त अनुदान प्रदान करने में असमर्थता व्यक्त की है. पार्टी ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर यह कहते हुए तंज कसा कि क्या प्रदेश सरकार अब अपनी जेब से मुफ्त बस यात्रा का खर्च उठाएगी ? राज्य के वित्त विभाग के कथित पत्र की एक प्रति ट्विटर पर साझा करते हुए भाजपा के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, ”रेवड़ी राजनीति ने कर्नाटक को लहूलुहान किया.”
उन्होंने कहा, ”कर्नाटक सरकार के वित्त विभाग ने केएसआरटीसी (कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम) और बीएमटीसी (बेंगलुरु महानगर परिवहन निगम) सहित आरटीसी (सड़क परिवहन निगम) को सूचित किया है कि वह वेतन और ईंधन व्यय के भुगतान के लिए अतिरिक्त अनुदान प्रदान नहीं कर सकता.” मालवीय ने सवाल किया, ”क्या कांग्रेस मुफ्त बस यात्रा के वादे को पूरा करने के लिए अब अपनी जेब से भुगतान करेगी?” भाजपा के दावे पर कर्नाटक सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.