मणिपुर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाए, हर दिल में खुले ‘मोहब्बत की दुकान’: राहुल

भाजपा ने 'कुकी चरमपंथियों' के साथ समझौता किया था, एनआईए जांच हो: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुर में हिंसा को लेकर बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार किया और कहा कि शांति बहाली के लिए वहां एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाए. साथ ही उन्होंने मणिपुर के हर दिल में ‘मोहब्बत की दुकान’ खोलने का आह्वान किया.

उन्होंने आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर के विषय पर पूरे देश को निराश किया है और वह पूरी तरह खामोश हैं.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ”भाजपा की नफरत की राजनीति के कारण मणिपुर 40 दिनों से जल रहा है जिस वजह से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. प्रधानमंत्री ने भारत को निराश किया है और वह पूरी तरह चुप हैं.” उन्होंने कहा, ”हिंसा के इस चक्र को बंद करने और शांति बहाली के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रदेश में भेजा जाना चाहिए. चलिए ‘नफरत का बाजार’ बंद करते हैं और मणिपुर के हर दिल में ‘मोहब्बत की दुकान खोलते हैं.”

मणिपुर में एक महीने पहले मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हुई जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है. मणिपुर के 11 जिलों में कफ्र्यू लागू है, जबकि इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं. गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं.

भाजपा ने ‘कुकी चरमपंथियों’ के साथ समझौता किया था, एनआईए जांच हो: कांग्रेस

कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने मणिपुर में चुनाव जीतने के लिए ‘कुकी चरमपंथियों’ के साथ समझौता किया था. पार्टी नेता अजय कुमार ने कहा कि इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच होनी चाहिए और इस समझौते को करने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के नेता राम माधव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए. भाजपा या माधव की तरफ से फिलहाल इस आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

उन्होंने दावा किया कि ‘यूकेएलएफ’ नामक चरमपंथी संगठन द्वारा गृह मंत्री अमित शाह को कथित तौर पर लिखे गए पत्र से खुलासा हुआ है कि शर्मा और माधव ने उसके साथ समझौता किया था जिसके तहत इस समूह ने 2017 और 2019 के विधानसभा चुनावों और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन किया था. कांग्रेस ने इस पत्र की एक प्रति भी जारी की है.

अजय कुमार ने कहा, ”हमारा सवाल है कि राम माधव और हिमंत विश्व शर्मा ने यूनाइटेड कुकी लिब्रेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के साथ क्या समझौता किया? इसकी एनआईए जांच होनी चाहिए.” उन्होंने सवाल किया, ”क्या राज्य सरकार द्वारा चरमपंथी संगठनों को साजिशन हथियार मुहैया करवाए गए थे? क्या भाजपा ने देशविरोधी ताकतों के साथ चुनाव जीतने के लिए समझौता किया है?” कुमार ने कहा कि इस मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए.

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