कर्नाटक में धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने के कांग्रेस सरकार के फैसले का विरोध करेगी भाजपा

बेंगलुरु. कांग्रेस सरकार से धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने के उसके फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई ने आगामी दिनों में पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने की शुक्रवार को चेतावनी दी.
विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कांग्रेस सरकार ”धर्मांतरण के लिए ब्रांड एंबेसडर” बनकर कर्नाटक को ”टीपू सुल्तान युग” में वापस धकेल रही है.

भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री आर. अशोक ने कहा, ”कर्नाटक में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य में एक बार फिर से ‘टीपू युग’ की शुरुआत की नींव रख दी गई है. कांग्रेस ने धर्म परिवर्तन का ब्रांड एंबेसडर बनने का फैसला किया है.” उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ”आंकड़ों में मामूली परिवर्तन हो सकता है, लेकिन मेरी जानकारी के अनुसार (राज्य में) 30 से 40 लाख से अधिक हिंदुओं को बलपूर्वक या रुपये जैसे प्रलोभनों के जरिये, ‘लव जिहाद’ के शिकार के रूप में परिर्वितत किया गया है.”

उन्होंने कहा, ”आप किसके लिए नया विधेयक ला रहे हैं? हमने जो कानून बनाया था, वह जबरन धर्मांतरण या प्रलोभन के खिलाफ था. हमने कहा था कि धर्मांतरण केवल कानून के अनुसार ही हो सकता है. महात्मा गांधी और आंबेडकर (बी.आर, आंबेडकर) धर्मांतरण के खिलाफ थे.” कर्नाटक मंत्रिमंडल ने भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने का बृहस्पतिवार को फैसला किया था.

राज्य सरकार आगामी तीन जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में इस संबंध में एक विधेयक लाएगी. अशोक ने कहा कि भाजपा की मांग है कि धर्मांतरण रोधी कानून को वापस नहीं लिया जाना चाहिए और आगामी दिनों में पार्टी पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेगी और लोगों को बतायेगी कि कांग्रेस वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति के लिए धर्मांतरण का समर्थन कर रही है.

उन्होंने कहा कि चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस नेताओं ने दावा किया था कि एक विशेष समुदाय ने उन्हें वोट दिया था और यह कदम उन्हें खुश करने के उद्देश्य से उठाया गया लगता है. उन्होंने कहा, ”कांग्रेस वोट के लिए किसी भी हद तक गिर सकती है. ऐसा लगता है कि कांग्रेस कर्नाटक को ‘मिनी पाकिस्तान’ बनाना चाहती है. आप किसके पक्ष में हैं? आप यह किसके लिए कर रहे हो? क्या आप पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और केएफडी (कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी) के पक्ष में हैं?”

अशोक ने कहा, ”भाजपा आपको जनता द्वारा दी गई शक्ति का इस तरह से दुरुपयोग नहीं करने देगी.” पाठ्यपुस्तकों के पाठ्यक्रम में संशोधन के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि इस कदम का मकसद उसकी विचारधारा को थोपना है. उन्होंने कहा, ”यह सही नहीं है, और इससे छात्रों को गलत संदेश जाता है.” उन्होंने बिजली दरों में वृद्धि और ‘गारंटी’ लागू करने के दौरान शर्तों को जोड़ने के लिए भी सरकार पर निशाना साधा.

‘अन्न भाग्य योजना’ के लिए आवश्यक चावल की आपूर्ति नहीं करने के लिए केंद्र पर आरोप लगाने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर निशाना साधते हुए अशोक ने कहा कि केंद्र द्वारा पांच किलो चावल प्रदान किया जाता है, लेकिन मुख्यमंत्री और उनकी सरकार ने इसके लिए पूरा श्रेय खुद ही लेने का दावा किया.

उन्होंने कहा, ”एक साल बाद यह सरकार दिवालिया हो जाएगी, क्योंकि मेरे हिसाब से अपने वादों और गारंटियों को पूरा करने के लिए 1,10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की जरूरत है.” अशोक ने कहा कि भाजपा इन सभी मुद्दों के खिलाफ विधानसभा के अंदर और बाहर धरना देगी. उन्होंने बताया कि इस संबंध में 19 जून को बैठक बुलायी गयी है.

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