एक अति-उत्साही पार्टी कार्यकर्ता के विज्ञापन से शिवसेना-भाजपा गठबंधन कमजोर नहीं होगा: शिंदे
पुणे/औरंगाबाद. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि कोई विज्ञापन भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना गठबंधन को कमजोर नहीं कर पाएगा और पिछले एक साल से जो कड़वाहट पैदा करने की कोशिश की जा रही थी उसे खत्म कर लिया गया है.
पिछले दिनों अखबारों में प्रकाशित एक पन्ने के विज्ञापन को लेकर शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप सामने आये थे.
विज्ञापन में शिंदे को महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा नेता और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तुलना में अधिक पसंद वाला बताया गया है. गत मंगलवार को राज्य में प्रकाशित प्रमुख अखबारों में छपे विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिंदे की तस्वीरें हैं और इसमें एक सर्वेक्षण के हवाले से दावा किया गया है कि शिंदे लोकप्रियता में फडणवीस से आगे हैं.
इस विज्ञापन में फडणवीस, शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की तस्वीरें नहीं थीं. जिसके बाद दोनों सहयोगी दलों के बीच सबकुछ ठीक नहीं होने की अटकलों को बल मिला. शिंदे ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”केवल एक विज्ञापन की वजह से यह गठबंधन कमजोर नहीं होगा जिसे एक अति-उत्साही पार्टी कार्यकर्ता ने छपवाया था.” उन्होंने कहा कि गठबंधन एक गहरे वैचारिक आधार पर बना था जब शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे दिग्गज हमारे बीच थे.
शिंदे ने दोहराया कि पिछले एक साल में किसी ने गठबंधन (शिवसेना-भाजपा) में कड़वाहट पैदा करने की कोशिश थी, लेकिन इस मुद्दे को बहुत तेजी से सुलझा लिया गया. उन्होंने कहा, ”एक विज्ञापन की वजह से बैर नहीं होगा.” शिंदे ने कहा कि उप मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता फडणवीस के साथ उनकी दोस्ती ‘फेविकोल के जोड़’ की तरह बहुत मजबूत है.
फडणवीस ने शिंदे की लोकप्रियता प्रर्दिशत करने वाले विवादित विज्ञापन से जुड़े सवालों को किया खारिज
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विज्ञापन को लेकर भाजपा और एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के बीच कथित तकरार से जुड़े सवालों को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि इनका जवाब देने की जरूरत नहीं है और महाराष्ट्र सरकार के पास करने के लिए और भी महत्वपूर्ण काम हैं.
शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जुबानी जंग अखबारों में प्रकाशित एक विज्ञापन को लेकर शुरू हुई, जिसमें शिंदे को राज्य में उपमुख्यमंत्री फडणवीस के मुकाबले अधिक लोकप्रिय प्रायोजित किया गया है. राज्य में मंगलवार को एक कई अखबारों में पूरे पृष्ठ के विज्ञापन में एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए यह प्रर्दिशत किया गया है कि शिंदे लोकप्रियता के मामले में फडणवीस से आगे हैं. विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर भी है.
हालांकि, विज्ञापन में फडणवीस या शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की तस्वीर नहीं रहने से दोनों सहयोगी दलों के बीच संभावित दरार के बारे में चर्चा को तूल मिला. शिंदे सरकार आगामी 30 जून को अपना एक साल पूरा करेगी. यहां से 240 किलोमीटर दूर स्थित उस्मानाबाद के तुलजापुर भवानी मंदिर पहुंचे फडणवीस ने कहा, ”इस तरह की चीजों (विज्ञापन और दोनों दलों के बीच टकराव से जुड़े सवाल) का जवाब देने की जरूरत नहीं है. हमें (सरकार) काम करने हैं.” अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में उस्मानाबाद से संभावित प्रत्याशी के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा कि भाजपा संसदीय बोर्ड और केंद्रीय नेतृत्व इस बारे में फैसला करेगा.