धर्मांतरण रोधी कानून पर कर्नाटक सरकार के फैसले से कांग्रेस का हिन्दू विरोधी चेहरा उजागर: विहिप

नयी दिल्ली. विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने के कर्नाटक सरकार के फैसले से उसका हिन्दू विरोधी एवं राष्ट्र विरोधी चेहरा उजागर हुआ है. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, ” नई सरकार को नव ऊर्जा से नूतन संकल्प लेकर कुछ रचनात्मक कार्य करने चाहिए थे किंतु दुर्भाग्य है कि कर्नाटक सरकार का पहला ही निर्णय विघटनकारी व धर्म विरोधी लोगों के तुष्टिकरण की भेंट चढ़ गया.”

उन्होंने कहा, ”विदेशी मूल की पूर्व अध्यक्षा के इशारों पर मिशनरियों व जिहादियों को प्रोत्साहन अस्वीकार्य है.” विहिप प्रवक्ता ने कहा कि इसकी की कर्नाटक इकाई ने राज्य सरकार के धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने के हिन्दू विरोधी निर्णय और पाठ्यपुस्तकों में बदलाव के फैसले के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया. बंसल ने कहा कि कर्नाटक सरकार के फैसले से उसका हिन्दू विरोधी आौर राष्ट्र विरोधी चेहरा उजागर हुआ है.

गौरतलब है कि कर्नाटक मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने का फैसला किया था. राज्य मंत्रिमंडल ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए राज्य में कक्षा छह से दस तक की कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों के संशोधन को मंजूरी दी थी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर सहित अन्य लोगों पर केंद्रित अध्यायों को हटाने का फैसला किया था.

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