राजनीतिक हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल

कोलकाता. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने शुक्रवार को दक्षिण 24 परगना जिले में भंगोर का दौरा करने के बाद कहा कि राज्य में राजनीतिक हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने जोर देकर कहा, ”कार्रवाई की जाएगी और नि्क्रिरयता के लिए कोई बहाना नहीं चलेगा.” भंगोर में स्थिति का जायजा लेने के बाद बोस ने संवाददाताओं से कहा, ”बंगाल के कुछ हिस्सों में अवांछित घटनाएं हुई हैं. किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और हमें इसे रोकना होगा.” उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को निडर होकर मतदान करने का अधिकार है.

राज्यपाल ने कहा, ”हिंसा के दोषियों को स्थायी रूप से चुप करा दिया जाएगा और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा.” राज्यपाल ने कहा कि वह पहले ही मौजूदा स्थिति पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ चर्चा कर चुके हैं. बृहस्पतिवार को राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़पों में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे. हाल में दक्षिण 24 परगना जिले के भंगोर में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की घटनाएं सामने आई हैं.

स्थिति पर चर्चा का हवाला देते हुए बोस ने कहा, ”मुख्यमंत्री मेरी संवैधानिक सहयोगी हैं. हमने जो चर्चा की, उसे सार्वजनिक तौर पर साझा नहीं किया जा सकता. निश्चित रूप से, संविधान के तहत राज्यपाल से जो भी उम्मीद की जाती है, वह किया जाएगा.” आईएसएफ के कार्यकर्ताओं से मिलने से पहले राज्यपाल ने स्थानीय लोगों, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ लगभग दो घंटे बातचीत की.

भंगोर पहुंचने के बाद बोस ने ब्लॉक संख्या-1 के साथ ही बिजॉयगंज बाजार का भी दौरा किया, जहां बृहस्पतिवार को हिंसा हुई थी. बिजॉयगंज बाजार में राज्यपाल ने लोगों से हिंसा और इस दौरान पुलिस की भूमिका को लेकर भी सवाल किए. बोस बीडीओ कार्यालय भी गए और वहां पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की. इससे पहले उन्होंने एक कॉलेज में आईएसएफ कार्यकर्ताओं के साथ बंद कमरे में बैठक भी की.

आईएसएफ के एक स्थानीय नेता ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को बताया कि कैसे पार्टी कार्यकर्ताओं को ”तृणमूल कांग्रेस समर्थकों द्वारा प्रताड़ित किया गया.” बोस से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, ”हमने उन्हें यह भी बताया है कि कैसे हमें चुनाव के लिए नामांकन दाखिल नहीं करने की धमकी दी गई थी. राज्यपाल ने हमें इस मामले को देखने का आश्वासन दिया है.” उल्लेखनीय है कि पंचायत चुनाव के नामांकन दाखिल करने के दौरान भंगोर के अलावा अन्य जिलों में भी हिंसक झड़प हुईं.

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