मणिपुर पर देश जवाब मांग रहा है, तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने मणिपुर में हिंसा को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अब देश इस विषय पर सरकार से जवाब मांग रहा है और ऐसे में तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए. पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने यह भी कहा कि ‘डबल इंजन’ का फार्मूला कर्नाटक में विफल हुआ और वहां के लोगों ने भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया और अब ‘डबल इंजन सरकार’ मणिपुर की जनता को निराश कर रही है.

पूर्व गृह मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ”एक इंजन (मणिपुर सरकार) में ईंधन नहीं है. दूसरा इंजन (केंद्र) अलग हो गया है…यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह मणिपुर में सभी तबकों का विश्वास खो चुके हैं. यह भी स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी भी मणिपुर के लोगों से बात करने और शांति की अपील करने के इच्छुक नहीं हैं.” कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, ”प्रधानमंत्री ने चुप्पी साध रखी है और उनकी सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. इस भयावह हालात के लिए कौन जिम्मेदार है?” वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए क्योंकि देश जवाब मांग रहा है.

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया, ”मणिुपर में अब केंद्र सरकार के एक मंत्री का घर जला दिया गया है. कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है. हाल ही में गृह मंत्री गए थे. लेकिन उनके दौरे के बाद हिंसा और भड़क गई है.” उन्होंने यह भी कहा, ”इतने बड़े पैमाने पर हिंसा भड़कने के बाद भी प्रधानमंत्री ने अब तक एक शब्द नहीं बोला है. प्रधानमंत्री को इसका संज्ञान लेना चाहिए और स्थिति में सुधार के लिए प्रयास करना चाहिए.”

मणिपुर में करीब डेढ़ महीने पहले मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच भड़की जातीय हिंसा के बाद से 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. मणिपुर के 11 जिलों में कफ्र्यू लागू है, जबकि अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं. गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद ये झड़पें शुरू हुई थीं.

सरकार ने झूठ फैलाया, आवश्यक वस्तुओं की कीमत में कोई कमी नहीं आई: कांग्रेस

कांग्रेस ने थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति के मई महीने में शून्य से नीचे आ जाने की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को आरोप लगाया कि महंगाई में कमी को लेकर सरकार की तरफ से झूठ फैलाया जा रहा है, क्योंकि जरूरी वस्तुओं की कीमत में कोई गिरावट नहीं आई है. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह दावा भी किया कि आम उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिल रही है, लेकिन सरकार और थोक विक्रेताओं को फायदा मिल रहा है.

उल्लेखनीय है कि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति खाद्य पदार्थों, ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं के दाम घटने से मई में शून्य से 3.48 प्रतिशत नीचे आ गई जो साढ़े सात वर्षों का निचला स्तर है. यह लगातार दूसरा महीना है जब थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति शून्य से नीचे रही है. इसके पहले अप्रैल में भी यह (-) 0.92 प्रतिशत पर थी. एक साल पहले मई, 2022 में थोक मुद्रास्फीति 16.63 प्रतिशत पर थी.

गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ”पिछले कुछ दिनों से भाजपा सरकार के लोग महंगाई की दरों का झूठ फैला रहे हैं कि डब्ल्यूपीआई नेगेटिव हो गया, सीपीआई (खुदरा मूल्य सूचकांक) भी कम हो गया, महंगाई से देश को राहत मिल गई. लेकिन सच्चाई ये है कि एक भी आवश्यक वस्तु के दाम में कोई कमी नहीं आई. फल, सब्जी, अनाज के दाम कम नहीं हुए, न ही पेट्रोल- डीजल सस्ता हुआ.”

उन्होंने सवाल किया, ” जब थोक बाजार में हर तरह के सामान की कीमतें कम हो रही हैं तो 140 करोड़ देशवासियों को इसका फायदा क्यों नहीं मिल रहा है? सब्जी, आलू, तिलहन की कीमत थोक बाजार में 20.12 प्रतिशत, 18.7 प्रतिशत, 15.6 प्रतिशत कम हो रही है तो उसी तिलहन से बना तेल आम लोगों को 3.15 प्रतिशत महंगा क्यों मिल रहा है? क्या किसानों की आय ऐसे दोगुनी होगी?” वल्लभ ने पूछा, ”जब थोक बाजार में वस्तुओं की कीमत कम हो रही है और खुदरा बाजार में वही सामान महंगा बिक रहा है. ये सूट-बूट की सरकार मूक दर्शक बनी क्यों बैठी है? आखिर सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है?”

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