प्रधानमंत्री ने योग को अपनाने, दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अंततराष्ट्रीय योग दिवस से पहले देशवासियों से योग को अपनाने और अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया. आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 102वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए मोदी ने कहा कि इस वर्ष अमेरिका की यात्रा के दौरान उन्हें योग दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित समारोह में भाग लेने का अवसर मिलेगा.

उन्होंने कहा, ”योग को अपने जीवन में जरूर अपनाएं, इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं. अगर अब भी आप योग से नहीं जुड़े हैं तो 21 जून इस संकल्प के लिए बहुत बेहतरीन मौका है. योग में तो वैसे भी ज्यादा तामझाम की जरूरत ही नहीं होती है. जब आप योग से जुड़ेंगे तो आपके जीवन में बड़ा परिवर्तन आएगा.” उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री इस वर्ष योग दिवस पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पहली बार योग सत्र का नेतृत्व करेंगे.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य इसके कई लाभों के बारे में दुनिया भर में जागरूकता बढ़ाना है. इसकी सार्वभौमिक अपील को स्वीकार करते हुए, दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की थी. मोदी ने कहा, ”इस बार मुझे न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में होने वाले योग दिवस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिलेगा. मैं, देख रहा हूं कि सोशल मीडिया पर भी योग दिवस को लेकर गजब का उत्साह दिख रहा है.” प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार विश्व के कोने-कोने में लोग अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस वर्ष योग दिवस का आदर्श वाक्य ‘एक विश्व-एक परिवार’ है.

उन्होंने कहा, ”यह योग की उस भावना को व्यक्त करता है, जो सबको जोड़ने वाली और साथ लेकर चलने वाली है. हर बार की तरह, इस बार भी देश के कोने-कोने में, योग से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे.” प्रधानमंत्री ने इस दौरान देश के विभिन्न राजभवनों में भारतीय परंपरा और संस्कृति से जुड़े उत्सवों के ‘दिलचस्प’ आयोजनों का भी उल्लेख किया और कहा कि अब देश में राजभवनों की पहचान, सामाजिक और विकास कार्यों से होने लगी है.

उन्होंने कहा, ”आज हमारे राजभवन, टीबी मुक्त भारत अभियान के, प्राकृतिक खेती से जुड़े अभियान के, ध्वजवाहक बन रहे हैं. बीते समय में गुजरात हो, गोवा हो, तेलंगाना हो, महाराष्ट्र हो, सिक्किम हो, इनके स्थापना दिवस को, अलग-अलग राजभवनों ने जिस उत्साह के साथ मनाया वह अपने आप में एक मिसाल है.” मोदी ने इसे ”एक बेहतरीन पहल” करार दिया और कहा कि यह ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को सशक्त बनाती है.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान भारत में जापान की मियावाकी तकनीक के हो रहे प्रसार का उल्लेख किया तथा लोगों से इस पद्धति के बारे में जानने और समझने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ”इस पद्धति के जरिए धरती और प्रकृति को हरा-भरा और स्वच्छ बनाने में लोग अमूल्य योगदान दे सकते हैं. अगर किसी जगह की मिट्टी उपजाऊ नहीं रही हो, तो मियावाकी तकनीक उस क्षेत्र को फिर से हरा-भरा करने का बहुत अच्छा तरीका होती है. मियावाकी जंगल तेजी से फैलते हैं और दो-तीन दशक में जैव विविधता का केंद्र बन जाते हैं.” इस कड़ी में प्रधानमंत्री ने केरल के एक शिक्षक राफी रामनाथ का उल्लेख किया और बताया कि कैसे उन्होंने इस पद्धति से एक इलाके की तस्वीर बदल दी.

उन्होंने कहा कि गुजरात के कच्छ में भी 2001 के भूकंप में मारे गए लोगों की याद में मियावाकी पद्धति से स्मृति वन बनाया गया है और इसी तरह अंबाजी और पावागढ़ में भी पौधे लगाए गए हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि लखनऊ के अलीगंज में भी एक मियावाकी उद्यान तैयार किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ”अब तो यह तकनीक पूरी दुनिया में पसंद की जा रही है. सिंगापुर, पेरिस, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया जैसे देशों में इसका बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है.” मोदी ने खेल स्पर्धाओं में हाल ही में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन का भी जिक्र किया कहा कि इसी महीने भारत की टीम ने पहली बार महिला जूनियर एशिया कप हॉकी जीतकर तिरंगे की शान बढ़ाई है. उन्होंने अन्य प्रतिस्पर्धाओं में भी भारत के प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि एक समय होता था जब अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के बारे में पता तो चलता था, लेकिन उनमें अकसर भारत का कहीं कोई नाम नहीं होता था.

मोदी ने कहा, ”लेकिन, आज मैं, केवल पिछले कुछ सप्ताह की सफलताओं का ज़िक्र कर रहा हूं तो भी सूची इतनी लंबी हो जाती है. यही हमारे युवाओं की असली ताकत है. ऐसे कितने ही खेल और प्रतियोगिताएं हैं, जहां आज भारत पहली बार अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहा है.” उन्होंने विभिन्न हिस्सों में ‘खेलो इंडिया’ प्रतियोगिताओं का उल्लेख किया और कहा कि ऐसे आयोजनों से युवा खिलाड़ियों की प्रेरक कहानियां सामने आती हैं.

मोदी ने 20 जून को देश भर के विभिन्न स्थानों पर निकाली जाने वाली रथयात्राओं का जिक्र किया और कहा कि इनमें जिस तरह देश भर के हर समाज और वर्ग के लोग उमड़ते हैं, वह अपने आपमें बहुत अनुकरणीय है. उन्होंने कहा, ”ये आस्था के साथ ही ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का भी प्रतिबिंब होती हैं.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button