बिपारजॉय चक्रवात से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई, एक लाख से अधिक लोग आश्रय गृहों में भेजे गये

बिपारजॉय के कारण राजस्थान के अनेक इलाकों में भारी बारिश, तीन जिलों में बाढ़ जैसे हालात

नयी दिल्ली/जयपुर. चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ के गुजरात तट से टकराने से पहले के महज 72 घंटों में एक लाख से अधिक लोगों को एहतियातन निकालकर आश्रय गृहों में भेजना इस बात का संकेत है कि केंद्र व राज्य सरकार के बीच अच्छे समन्वय की वजह से न्यूनतम नुकसान हुआ. आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि अब तक तूफान से एक भी व्यक्ति की मौत की खबर नहीं आई है.

उल्लेखनीय है कि तूफान बृहस्पतिवार की शाम को गुजरात के कच्छ जिले के जखौ के नजदीक तट से टकराया था जिसकी वजह से सैकड़ों पेड़ उखड़ गए थे, बिजली के खंभे गिर गए थे और कई घरों को नुकसान पहुंचा था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुजरात के नौ जिलों में तैयारियों का जायजा लेने के लिए प्रत्येक जिले में केंद्र और राज्य के एक-एक मंत्री की तैनाती की गई थी. उन्होंने बताया कि ‘शून्य जानहानि’ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक उद्देश्य तट के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना था.

अधिकारी ने बताया, ” तट से पांच किलोमीटर और पांच से 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों की संख्या का पता लगाने के लिए विस्तृत योजना बनाई गई थी. कच्छ जिले में अकेले 122 गांवों की पहचान की गई जो तट से 10 किलोमीटर के दायरे में आते थे जिनमें से 72 गांव तट से पांच किलोमीटर के दायरे में आ रहे थे.” अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्थिति का स्वयं जायजा लिया और उन कदमों के निर्देश दिए जिन्हें उठाया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का मार्गदर्शन किया.

अधिकारी ने कहा, ”यह आपदा प्रबंधन का बेहतरीन उदाहरण है.” उन्होंने बताया 11 जून को पटेल ने प्रत्येक जिले में मंत्रियों को तैयारियों का जायजा लेने के लिए भेजा. प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि केंद्र और राज्य सरकार, दोनों के मंत्रियों को प्रत्यक्ष रूप से तैयारियों में शामिल होना चाहिए ताकि अवांछित घटनाओं को रोका जा सके खासतौर पर सौराष्ट्र के गिर सोमनाथ, पोरबंदर, जूनागढ., जामनगर और कच्छ जिलों में जहां पर चक्रवात के सबसे गंभीर असर होने की उम्मीद थी. चक्रवात ने गुजरात के आठ तटीय जिलों को प्रभावित किया. अधिकारी ने बताया कि आश्रय गृहों में 707 बच्चों का जन्म हुआ है.

बिपारजॉय के कारण राजस्थान के अनेक इलाकों में भारी बारिश, तीन जिलों में बाढ़ जैसे हालात

राजस्थान के तीन जिलों विशेषकर जालोर, सिरोही और बाड़मेर में चक्रवाती तूफान बिपारजॉय की वजह से हुई भारी बारिश के कारण लोगों को बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अब तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है. उन्होंने बताया कि पाली जिले में निचले इलाके में जलभराव के कारण फंसे करीब आधा दर्जन लोगों को राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) के दल ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.

राजस्थान के आपदा और राहत सचिव पीसी किशन ने कहा, “भारी वर्षा के कारण जालोर, सिरोही और बाड़मेर जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है. अगले 15-20 घंटों में भारी बारिश होने का अलर्ट भी है. अभी तक किसी भी व्यक्ति या पशु के मरने की सूचना नहीं है. हमारी कई टीम अलर्ट पर हैं. ह्व उन्होंने कहा कि पिंडवाड़ा, आबू रोड और रेवड़ में कई बड़े बांधों में पानी बहुत ज्यादा भर गया है. उन्होंने कहा कि सिरोही में बतिसा बांध का जलस्तर 315 मीटर है और बांध से 313 मीटर के जलस्तर के बाद से पानी की निकासी की जा रही है.

आपदा राहत एवं प्रबंधन विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में कई इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग के अनुसार रविवार सुबह 8.30 बजे तक जालोर के अहोरे में 471 मिमी, जालौर में 456 मिमी, माउंट आबू में 360 मिमी, चितलवाना में 338 मिमी, जसवंतपुरा में 332 मिमी, रानीवाड़ा में 322 मिमी, शिवगंज में 315 मिमी, सुमेरपुर में 270 मिमी, चोहटन में 266 मिमी, धोरीमन्ना में 256 मिमी, रानी में 249 मिमी, रेवधर में 243 मिमी, बाली में 240 मिमी बारिश दर्ज की गई.

अन्य अनेक स्थानों पर 203 मिमी से लेकर 67 मिमी तक बारिश दर्ज की गई. जयपुर मौसम केन्द्र के प्रभारी राधेश्याम शर्मा ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के चार जिलों में भारी से अतिभारी बारिश (200 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश) अब तक रिकॉर्ड हुई है. इनमें जालोर, सिरोही, बाडमेर और पाली जिले शामिल हैं.

इसके साथ ही पश्चिमी राज्य के अन्य कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश अब तक दर्ज की गई है. फिलहाल भारी बारिश का दौर पाली , राजसमंद, अजमेर, उदयपुर जिलों और आसपास के क्षेत्रों में जारी है. उन्होंने बताया कि आगामी 24 घंटों में अजमेर और उदयपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना बनी हुई है.

शर्मा ने बताया कि आगामी 24 घंटों के दौरान पाली, सिरोही ,राजसमंद और उदयपुर में विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है. उन्होंने कहा कि अजमेर, भीलवाडा, चित्तौड़गढ, डूंगरपुर, टोंक , बूंदी, जयपुर, नागौर, और जालोर में कहीं-कहीं भारी और अतिभारी बारिश का दौर जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि राज्य के उत्तर पश्चिमी इलाकों हनुमानगढ, गंगानगर, चूरू और बीकानेर में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है.

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