मंत्रिमंडल में सेंथिल बालाजी को बनाये रखना एक ‘गलत उदाहरण’ :पलानीस्वामी

सलेम. गिरफ्तारी के बाद भी तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को राज्य मंत्रिपरिषद में बनाये रखने पर विपक्षी दल अन्नाद्रमुक के महासचिव एडापड्डी के. पलानीस्वामी ने रविवार को कहा कि इससे एक गलत उदाहरण स्थापित हो रहा है. अतीत में, तत्कालीन द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम और अन्नाद्रमुक मंत्रियों के किसी मामले का सामना करने पर उन्हें क्रमश: दिवंगत मुख्यमंत्री एम करुणानिधि और जे जयललिता नीत मंत्रिमंडलों से हटा दिया गया था.

जिले के अत्तुर में संवाददाता सम्मेलन में, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता पलानीस्वामी ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को लेकर भी सत्तारूढ़ द्रमुक पर निशाना साधते हुए कहा कि इसे कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन के दौरान अधिसूचित किया गया था, जिसमें द्रमुक एक मुख्य घटक दल था. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी केंद्रीय अर्हता परीक्षा का निरंतर विरोध करती रही है. बालाजी को मंत्रिमंडल में बनाये रखने के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में पलानीस्वामी ने कहा कि यह ”हास्यास्पद” है.

उन्होंने कहा, ”भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार व्यक्ति को मंत्रिमंडल में बनाये रखना गलत है.” उन्होंने कहा, ”तमिलनाडु में एक राजनीतिक शिष्टता है और उसका सम्मान किया जाना चाहिए. एक मंत्री को (ईडी द्वारा) गिरफ्तार किया गया है और वह हिरासत में है…हम इसे एक गलत उदाहरण के रूप में देखते हैं. लोग द्रमुक प्रमुख और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से सेंथिल बालाजी को मंत्रिमंडल से बाहर करने की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि राजनीतिक शिष्टता कायम रखी जा सके.”

जयललिता नीत अन्नाद्रमुक मंत्रिमंडल में 2011-15 के बीच बालाजी के परिवहन मंत्री रहने के दौरान पैसे लेकर नौकरी देने से जुड़े घोटाले के सिलसिले में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 14 जून को गिरफ्तार किया था.
अन्नाद्रमुक बालाजी को मंत्रिमंडल से हटाये जाने की मांग कर रही है. वह अभी बगैर विभाग के मंत्री हैं. पलानीस्वामी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि तमिलनाडु में सभी 39 सीट और पुडुचेरी की एकमात्र सीट पर 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए अन्नाद्रमुक की संभावना अच्छी है.

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