शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक ने लद्दाख में सात दिवसीय अनशन किया शुरू

लेह. प्रख्यात इंजीनियर सोनम वांगचुक ने लद्दाख के नाजुक पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अपने अभियान के समर्थन में रविवार को यहां सात दिवसीय अनशन शुरू किया. वांगचुक के जीवन ने बॉलीवुड फिल्म ‘3 इडियट्स’ में एक चरित्र को प्रेरित किया. वांगचुक पिछले छह महीनों में दूसरी बार ‘क्लाइमेट फास्ट’ (जलवायु उपवास) कर रहे हैं.

वांगचुक का यह अनशन गृह मंत्रालय और लेह स्थित एपेक्स निकाय और करगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) के छह सदस्यीय संयुक्त प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत से एक दिन पहले शुरू हुआ है जो पूर्ण राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा उपाय, दो जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटें और लद्दाख के युवाओं के लिए भर्ती और नौकरी में आरक्षण की मांग कर रहे हैं.
वांगचुक ने एनडीएस स्टेडियम में संवाददाताओं से कहा, ”हमने ‘जलवायु उपवास’ का पहला दिन केंद्र सरकार और हमारे नेताओं के बीच वार्ता की सफलता के लिए सर्मिपत किया है.” इस मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे.

वांगचुक ने कहा कि लद्दाख में हजारों और लोग उपवास कर रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ”लद्दाख पर्यावरण के साथ-साथ अपनी सीमाओं पर चीन और पाकिस्तान की उपस्थिति दोनों के संबंध में एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण क्षेत्र है. हम अपने मुद्दों का शांतिपूर्ण तरीके से बिना किसी व्यवधान या आंदोलन के समाधान चाहते हैं.”

वांगचुक ने केंद्र और लद्दाख के नेताओं के बीच वार्ता शुरू होने का स्वागत किया और कहा, ”हम एक सकारात्मक परिणाम के प्रति आशान्वित है जो हमारी आने वाली पीढि.यों के लिए फायदेमंद होगा.” शिक्षा सुधारवादी ने कहा कि लद्दाख ने 2019 में केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा प्राप्त करने के बाद बड़े पैमाने पर विकास देखा, लेकिन ”अपने पर्यावरण, भूमि, संस्कृति और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए सुरक्षा उपायों” को खो दिया.

वांगचुक ने कहा कि उनके अनशन के पीछे दूसरा मकसद दुनिया भर के लोगों, विशेष तौर पर शहरों में रहने वालों का ध्यान पर्यावरण को बचाने के लिए अपनी जीवन शैली में जरूरी बदलाव लाने के प्रति आर्किषत करना है. उन्होंने कहा, ”मेरी लोगों से अपील है कि वे बड़े शहरों में सादगी से रहें ताकि हम पहाड़ों में आसानी से जीवित रह सकें. मेरा उपवास दुनिया के लिए एक खतरे की घंटी की तरह है क्योंकि हमें ‘ग्लोबल वार्मिंग’ को उलटने के लिए आवश्यक बदलाव करना है जो हमारे पहाड़ों और ग्लेशियरों को प्रभावित कर रहा है, जिससे लोगों और जानवरों के जीवन को खतरा है.”

वांगचुक ने कहा कि उनका अनशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मिशन लाइफ’ पहल के समर्थन में है, जिसका उद्देश्य कम से कम एक अरब भारतीयों और अन्य वैश्विक नागरिकों को 2022 से 2027 की अवधि में पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक कार्रवाई करने के लिए एकजुट करना है.

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