वित्तीय विवाद के कारण दो महिलाओं की गोली मारकर हत्या, तीन आरोपी गिरफ्तार

नयी दिल्ली. दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के आरके पुरम इलाके में रविवार तड़के बंदूकधारी हमलावरों ने वित्तीय विवाद के कारण दो महिलाओं की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस के मुताबिक आरके पुरम की अंबेडकर बस्ती में हुई गोलीबारी की इस घटना के सिलसिले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों का इन महिलाओं के भाई से वित्तीय विवाद था.

स्थानीय लोगों द्वारा बनाए गए इस घटना के एक कथित वीडियो के धुंधले फुटेज में गाली-गलौज के बीच गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है. वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि बंदूकधारियों ने भागने से पहले अपने हथियारों से गोलीबारी की, जबकि एक महिला जमीन पर पड़ी दिख रही है और स्थानीय लोग दहशत में शोर मचा रहे हैं.

पुलिस ने इस घटना के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि उन्हें सुबह करीब 4.40 बजे फोन आया, जिसमें ललित ने बताया कि उसकी बहनों को गोली मार दी गयी है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ” प्राप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस की टीम मौके पर पहुंची जहां पता चला कि दो महिलाओं को गोली मारी गई थी और उन्हें सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.” मृत महिलाओं की पहचान पिंकी (30) और ज्योति (29) के रूप में हुई है.

दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के पुलिस उपायुक्त मनोज सी ने कहा कि शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि हमलावर महिलाओं के भाई ललित को ढूंढ. रहे थे और ऐसा लगता है कि पैसे को लेकर विवाद हो रहा था. पुलिस उपायुक्त मनोज सी ने कहा, ” इस घटना के सिलसिले में मुख्य आरोपी और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.” पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अरुण, माइकल और देव के रूप में हुई है. इस घटना के सिलसिले में मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच की जा रही है.

ललित के छोटे भाई लाल ने कहा, ”मेरे बड़े भाई ललित ने किसी को कर्ज के रूप में पैसे दिए थे. शनिवार को जब मेरे भाई ने उनसे पैसे वापस करने के लिए कहा तो उनकी आरोपी और कुछ अन्य लोगों के साथ तीखी बहस हुई.” लाल ने कहा कि रविवार को तड़के लगभग दो बजे जब वे सो रहे थे, कुछ लोगों ने कथित तौर पर शोर मचाना शुरू कर दिया और उनके आवास का दरवाजा खटखटाया. लाल ने कहा कि डरकर उसने एक ही गली में रहने वाली अपनी दो बहनों सहित उनके रिश्तेदारों को बुलाया, लेकिन तब तक लोग जा चुके थे.

लाल ने कहा, ” वे लोग बाद में पिस्तौल लेकर लौटे. वे मेरे भाई को निशाना बनाने आए थे. इसके बजाय, उसे बचाने के लिए दौड़ी मेरी दो बहनों को आरोपियों ने गोली मार दीङ्घ मेरी बहनें बेहोश हो गईं और आरोपी भाग गए.” इस घटना के कारण राष्ट्रीय राजधानी में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था अगर उपराज्यपाल के बजाय आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के अधीन होती, तो राष्ट्रीय राजधानी सबसे सुरक्षित होती. केजरीवाल की टिप्पणियों पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि केजरीवाल कानून को नहीं समझते हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में लिखा, “दोनों महिलाओं के परिवारों के साथ हमारी संवेदनायें. भगवान उनकी आत्मा को शांति दें. दिल्ली के लोग काफी असुरक्षित महसूस करने लगे हैं. जो लोग दिल्ली की कानून व्यवस्था को संभालने के लिये जिम्मेदार हैं, वो कानून व्यवस्था ठीक करने के बजाय पूरी दिल्ली सरकार पर कब्जा करने का षड्यंत्र कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “आज अगर दिल्ली की कानून व्यवस्था उपराज्यपाल की बजाय “आप” सरकार के अधीन होती, तो दिल्ली सबसे सुरक्षित होती.” केजरीवाल की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए लेखी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”मैं दिल्ली के लोगों को याद दिलाना चाहती हूं कि यह वही अरविंद केजरीवाल हैं, जिनके विधायक दिल्ली दंगों में शामिल थे. वे आईबी (खुफिया ब्यूरो) के अधिकारी अंकित की हत्या में शामिल थे. गुलेल (कैटापोल्ट्स), बंदूकों और पेट्रोल बमों की आपूर्ति इन्हीं लोगों द्वारा की गई थी. क्या ऐसे लोगों को कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी दी जा सकती है?” केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि आर के पुरम की घटना व्यक्तिगत दुश्मनी का नतीजा है और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है.

उन्होंने कहा, “जहां भी ऐसी घटना हुई है, सरकार की भूमिका प्राथमिकी दर्ज करने और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उन्हें कानून के तहत अदालत में पेश करने की है.” उन्होंने कहा, “निचली अदालत की व्यवस्था दिल्ली सरकार के अधीन है. इसलिए, जब भी यह मामला अदालत में आए, तो आप यह सुनिश्चित करें कि दोषियों को सजा मिले.” केजरीवाल के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर लेखी ने कहा, “जो व्यक्ति कानून को नहीं समझता, वह मुख्यमंत्री बनकर बैठा है. मैं इस पर हैरान हूं.”

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