आप ने रेलवे से जुड़े मुद्दे उठाये, भाजपा ने डीटीसी को लेकर किया पलटवार
नयी दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भारतीय रेल की रेलगाड़ियों के वातानुकूलित (एसी) और शयनयान (स्लीपर) श्रेणी के डिब्बों की स्थिति सामान्य डिब्बों की तुलना में ”बदतर” है.
उन्होंने सवाल किया कि यदि भाजपा रेलवे का उपयुक्त रूप से संचालन करने में असमर्थ है, तो वह देश को कैसे चला सकती है.
केजरीवाल के ट्वीट पर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों की हालत को लेकर उन पर निशाना साधा.
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने कई ट्वीट को रीट्वीट किया, जिसमें लोगों ने वातानुकूलित और शयनयान श्रेणी के डिब्बों में ऐसे लोगों की भीड़ होने की शिकायत की, जिनके पास आरक्षित सीट के लिए टिकट नहीं होता है. केजरीवाल ने कहा, ”अच्छी-खासी चलती रेलवे का इन्होंने बेड़ा गर्क कर दिया. आज एसी डिब्बे की भी अगर आप आरक्षित टिकट लेंगे, तो आपको बैठने या सोने के लिए सीट नहीं मिलेगी. एसी और स्लीपर कोच जनरल (सामान्य श्रेणी के डिब्बे) से ज्यादा बदतर हो गये हैं. इन्हें सरकार चलानी ही नहीं आती. इन्हें समझ ही नहीं है. अनपढ़ सरकार है. हर क्षेत्र को बर्बाद कर रहे हैं.”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ”जो रेलगाड़ियां नहीं चला सकते, वे देश कैसे चलाएंगे?” उनके ट्वीट को टैग करते हुए, भाजपा की दिल्ली इकाई ने डीटीसी की उन बसों के दृश्य साझा किये, जिनमें आग लग गई थी और कहा ”केजरीवाल पहले डीटीसी संभालो.” उसने कहा, ”जो डीटीसी नहीं चला सकते, वह दिल्ली कैसे चलायेंगे? धूर्त व्यक्ति ने दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है. वह नई बस नहीं ला सके, जबकि आधी से ज्यादा बस पुरानी हो चुकी हैं. वह ज्ञान दे रहे हैं.” बाद में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ‘आप’ के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा और सीट उपलब्धता की कमी और ”बिगड़ती” यात्री सुविधाओं पर चिंता जताई.
उन्होंने कहा, ”पहले, रेल बजट अलग से पेश किया जाता था, साथ ही नई रेलगाड़ियों की योजना बनाई जाती थी. वरिष्ठ नागरिकों के लिए यात्रा में रियायतें थीं, जिन्हें अब भाजपा सरकार ने समाप्त कर दिया है. जबकि (उद्योगपति) गौतम अडाणी और अन्य पूंजीपतियों को करोड़ों रुपये का लाभ मिलता है, बुजुर्गों के लिए बुनियादी सुविधाओं को हटा दिया जाता है, जिससे वे और अधिक असुरक्षित हो जाते हैं.” सिंह ने दावा किया कि टिकट खरीदने के बावजूद यात्रियों को बिना सीट के छोड़ दिया जाता है और उन्हें ”जानवरों की तरह यात्रा करने के लिए मजबूर किया जाता है.” उन्होंने कहा कि हर गुजरते दिन, दुर्घटनाओं और रेलगाड़ी के पटरी से उतरने की घटनाएं बढ़ जाती है, क्योंकि रेलवे जर्जर स्थिति में है.