शिवसेना ने शिंदे-फडणवीस सरकार पर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर निशाना साधा
मुंबई. शिवसेना ने सोमवार को महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिना मंत्रिमंडल के ‘संवैधानिक दुविधा’ की स्थिति में होने के बावजूद सरकार मनमाने फैसले ले रही है. शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में 30 जून को शपथ ली थी और उनके साथ देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन उसके बाद से मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया गया है. हालांकि, नयी सरकार ने आरे में मेट्रो रेल कारशेड, औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों तथा प्रस्तावित नवी मुंबई हवाई अड्डे के नाम बदलने संबंधी फैसले लेने शुरू कर दिये हैं.
शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत धड़े ने जोर देते हुए कहा है कि शिंदे-फडणवीस सरकार अवैध है, क्योंकि बागी विधायकों को अयोग्य करार दिये जाने की याचिका उच्चतम न्यायालय में लंबित है. ठाकरे नीत खेमे ने इस महीने की शुरुआत में राज्यपाल से भी कहा था कि किसी मंत्री को शपथ नहीं दिलाई जाए, क्योंकि शीर्ष अदालत ने अयोग्य करार देने की याचिका पर अभी तक फैसला नहीं लिया है.
उच्चतम न्यायालय महाराष्ट्र के हालिया राजनीतिक संकट से जुड़ी याचिकाओं पर 20 जुलाई को सुनवाई कर सकता है. इसी राजनीतिक उथल-पुथल के चलते महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गयी.
शिवसेना ने सोमवार को अपने मुखपत्र ‘सामना’ में छपे एक संपादकीय में शिंदे और फडणवीस की तुलना फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ के प्रमुख पात्रों ‘वासु और सपना’ से करते हुए कहा कि दो सदस्यीय सरकार ‘असामान्य प्रयोग’ और ‘राजनीतिक परिवार नियोजन’ है.
संपादकीय में लिखा है, ‘‘लेकिन उच्चतम न्यायालय के जबरन नसबंदी कराये जाने से उन्हें इस हालात का सामना करना पड़ा है.’’ कमल हासन और रति अग्निहोत्री अभिनीत 1981 की फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ में उनके किरदार वासु और सपना एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे, लेकिन उनकी कहानी का दुखद अंत हुआ.
शिवसेना ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में पिछले 15 दिन से अधिक समय से एक मुख्यमंत्री और एक उप मुख्यमंत्री हैं, लेकिन इसे सरकार नहीं कहा जा सकता.’’ पार्टी ने कहा कि 40 से अधिक विधायकों को बगावत के बीच सूरत, गुवाहाटी और गोवा घुमाया गया, लेकिन जब वे मुंबई लौटे तो केवल दो लोगों (शिंदे और फडणवीस) ने ही शपथ ली.
शिवसेना ने पूछा कि यह सरकार औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने तथा नवी मुंबई हवाई अड्डे का नाम डी बी पाटिल के नाम पर करने के उद्धव ठाकरे नीत पूर्ववर्ती सरकार के फैसले को असंवैधानिक कैसे कह सकती है.
पार्टी ने आरे मेट्रो रेल कारशेड पर फिर से काम शुरू करने के शिंदे सरकार के फैसले की भी आलोचना की, जिसे उद्धव ठाकरे नीत सरकार ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए रोक दिया था.
एकनाथ शिंदे सरकार ने शनिवार को औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों के नाम क्रमश: छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी दी थी. पिछली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने 29 जून को अपनी अंतिम बैठक में इन शहरों के नाम बदलने का फैसला लिया था. हालांकि, तब शिंदे नीत सरकार ने कहा था कि फैसला अवैध है, क्योंकि यह राज्यपाल द्वारा विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहे जाने के बाद लिया गया.
शिवसेना के 12 सांसद बनायेंगे अलग समूह, मिलेंगे स्पीकर ओम बिरला से: पार्टी सांसद
महाराष्ट्र से शिवसेना के एक सांसद ने सोमवार को दावा किया कि पार्टी के 19 में से कम से कम 12 सांसद लोकसभा में एक अलग समूह बनायेंगे और इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक औपचारिक पत्र सौंपने के लिए उनसे मिलेंगे. उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना कुछ सप्ताह पहले दो फाड़ हो गयी थी तथा 40 विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट में शामिल हो गये थे.
शिवसेना के एक सांसद ने कहा, ‘‘ आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा आयोजित एक आॅनलाइन बैठक में हम शामिल हुए. हमने (मुंबई से सांसद) राहुल शेवाले के नेतृत्व में एक अलग समूह बनाने का फैसला किया है. (लोकसभा में) वह हमारे समूह के नेता होंगे.’’ उन्होंने कहा कि शिवसेना के सांसदों– विनायक राउत, अरंिवद सावंत, गजानन कीर्तिकर, संजय जाधव, ओम राणे निम्बालकर और राजन विचार सोमवार को शिंदे द्वारा बुलायी गयी बैठक में शामिल नहीं हुए, जबकि महाराष्ट्र से शिवसेना के 12 सासंदों ने इसमें हिस्सा लिया. लोकसभा में शिवसेना के 19 सांसद हैं, जिनमें से 18 महाराष्ट्र से हैं.