जडेजा के सात विकेट से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया
नयी दिल्ली. वामहस्त स्पिनर रंिवद्र जडेजा की करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी (42 रन पर सात विकेट) से भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट में रविवार को यहां ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से शिकस्त देकर चार मैचों की श्रृंखला में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली.
इस जीत के साथ ही भारत ने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का टिकट लगभग पक्का करने के साथ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने पास रखने का अधिकार भी हासिल कर लिया. नियमों के मुताबिक श्रृंखला बराबरी पर छूटने के बाद बार्डर-गावस्कर ट्रॉफी पिछली श्रृंखला जीतने वाली टीम को सौंपी जाती है.
ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को दूसरी पारी में महज 52 रन और जोड़कर अपने बचे हुए नौ विकेट गंवा दिये. ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों का यह हश्र जडेजा की शानदार गेंदबाजी के साथ खराब शॉट चयन के कारण भी हुआ. मैच में 10 विकेट लेने वाले जडेजा को दूसरी पारी में अनुभवी रविचंद्रन अश्विन (59 रन पर तीन विकेट) का अच्छा साथ मिला इन दोनों स्पिनरों के सामने ऑस्ट्रेलिया के सिर्फ दो बल्लेबाज ही दहाई के आंकड़े में रन बना सके.
लक्ष्य का पीछा करते हुए खराब लय में चल रहे लोकेश राहुल (एक रन) दुर्भाग्यशाली रहे. नाथन लियोन की गेंद पर उनकी फ्लिक शॉट लेग के क्षेत्ररक्षक के पैड से टकराकर विकेटकीपर के दस्ताने में चली गयी. उनके अलावा बाकी बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को यह दिखाया कि स्पिन के खिलाफ कैसे बल्लेबाजी की जाती है. टीम ने 26.4 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया.
अपना 100वां टेस्ट खेल रहे चेतेश्वर पुजारा ने चौका लगाकर टीम को जीत दिलायी. वह 31 रन पर नाबाद रहे. विकेटकीपर कोणा भरत ने नाबाद 23 जबकि विराट कोहली 20 रन की पारी के दौरान सहज दिखे. भारतीय टीम के लिए यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सभी प्रारूपों में मिलाकर 100वीं जीत है. श्रृंखला का तीसरा टेस्ट मैच इंदौर में एक मार्च से खेला जायेगा.
दिन की शुरुआत एक विकेट पर 61 रन से आगे करते हुए ऑस्ट्रेलिया के कम से कम पांच बल्लेबाज जडेजा के खिलाफ खराब स्लॉग स्वीप पर विकेट गंवा बैठे. कुछ बल्लेबाजों ने ऑफ-मिडिल या लेग-मिडिल लाइन पर फेंकी गई गेंदों पर रिवर्स स्वीप की कोशिश की और गेंद को ज्यादा उछाल नहीं मिलने के कारण वे बोल्ड या पगबाधा हुए.
शनिवार के नाबाद बल्लेबाज ट्रेविस हेड (43) और मार्नुस लाबुशेन (35) ही कुछ हद तक भारतीय स्पिनरों का सामना कर सके.
लेकिन दिन के सत्र के पहले ओवर में ही ऑफ स्पिनर अश्विन की गेंद पर विकेटकीपर भरत ने हेड का कैच लपक लिया और इसके बाद मैच का रुख पूरी तरह से बदल गया.
स्मिथ ने अश्विन के खिलाफ स्विप लगाने का पहले से मन बना लिया था लेकिन गेंद नीचे रही और उनके पैड से टकरा गयी. स्मिथ ने मैदानी अंपायर के फैसले के खिलाफ डीआरएस (मैदानी अंपायर के फैसले के खिलाफ समीक्षा) लिया लेकिन उन्हें इसका फायदा नहीं हुआ. अब तक शानदार बल्लेबाजी कर रहे लाबुशेन जडेजा की तेज गेंद पर गच्चा खा गये. उन्होंने इस गेंद को बैकफुट पर जा कर खेलने की कोशिश की लेकिन गेंद बल्ले के नीचे से निकल कर स्टंप पर टकरा गयी.
ऑस्ट्रेलिया ने इसके बाद स्कोर में कोई रन इजाफा किये बिना मैट रेनशॉ (दो), पीटर हैंड्सकॉम्ब (शून्य) और कप्तान पैट कंिमस (शून्य) का भी विकेट गंवा दिया. इससे टीम का स्कोर तीन विकेट पर 95 रन से सात विकेट पर 95 रन हो गया.
डेविड वॉर्नर के चोटिल होने के बाद रेनशॉ को इस मैच के लिए टीम में शामिल किया गया था लेकिन उनके पास स्पिन को खेलने की तकनीक की कमी दिखी.
एलेक्स कैरी (आठ रन) और लियोन (सात) ने इसके बाद 15 रन की साझेदारी की लेकिन जडेजा ने तीन रन के अंदर इन दोनों के अलावा मैथ्यू कुहनेमैन को बोल्ड कर भारत की जीत का रास्ता खोल दिया. लक्ष्य का पीछा करते हुए रोहित शर्मा ने आक्रामक रूख अपनाया और पुजारा के साथ गफलत का शिकार होकर रन आउट होने से पहले 20 गेंद में 31 रन की पारी खेली.
इसके बाद क्रीज पर आये विराट कोहली ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया. वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 25,000 रन पूरे करने वाले सचिन तेंदुलकर (34357 रन) के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने. कोहली और सचिन के अलावा कुमार संगकारा (28016) , रिकी पोंंिटग (27483), महेला जयवर्धने (25957) और जाक कैलिस (25534) ने इस मुकाम को छुआ है.
कोहली ने हालांकि सबसे कम पारियों में यह रिकॉर्ड अपने नाम किया. उन्होंने अपनी 549वीं अंतरराष्ट्रीय पारी में इस आंकड़े को हासिल किया. इससे पहले यह रिकॉर्ड तेंदुलकर के नाम था जिन्होंने 577 पारी में 25,000 रन पूरे किये थे.
कोटला की धीमी पिच पर आस्ट्रेलिया को ले डूबे ‘स्वीप शॉट’
आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के आउट होने के तरीकों को देखते हुए यह कहना बिलकुल वाजिब होगा कि उन्होंने यहां दूसरे टेस्ट में भारतीय स्पिनरों के खिलाफ खुद की हार के लिए गढ्ढा ‘स्वीप शॉट’ खेलकर खोदा. तीसरे दिन जब आस्ट्रेलियाई टीम खेलने उतरी तो उसने 62 रन की बढ़त बनायी हुई थी और उसके पास नौ विकेट थे जिससे उम्मीद थी कि मैच रोमांचक रहेगा.
आस्ट्रेलियाई टीम से शनिवार जैसा ही आक्रामक रवैया अख्तियार करने की उम्मीद थी लेकिन ‘स्वीप शॉट’ पर अत्यधिक जोर देना टीम पर भारी पड़ गया और उन्होंने 19.1 ओवर में 52 रन के अंदर नौ विकेट खो दिए. इससे टीम नागपुर में श्रृंखला के पहले मैच की तरह दूसरे टेस्ट में भी तीन दिन के अंदर आउट हो गई.
स्टीव स्मिथ, मैट रेनशॉ, एलेक्स कैरी, पैट कंिमस और 11वें नंबर के मैथ्यू कुहनेमैन पारंपरिक स्वीप या रिवर्स स्वीप शॉट खेलने की कोशिश में आउट हुए.
यह शॉट भारतीय स्पिनरों के खिलाफ आस्ट्रेलिया की अपने हालात में आक्रामक विकल्प हो सकता है लेकिन यह एकमात्र विकल्प नहीं हो सकता, विशेषकर कोटला जैसी धीमी पिच पर.
पूर्व भारतीय विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने कहा, ‘‘भारत में बहुत ही कम उम्र में खिलाड़ियों को बता दिया जाता है कि नीची उछाल वाली पिचों पर स्वीप नहीं करना. यह कारगर नहीं होता. इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्टीव स्मिथ का आउट होना था. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘धीमी उछाल भरी पिच पर ‘होरिजोंटल’ (समानान्तर) शॉट खेलना इतना मुश्किल होता है. यह निराशाजनक था. ऐसा लग रहा था कि कोई भी आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को इसके बारे में नहीं बता रहा था. ’’
अपना 100वां टेस्ट खेल रहे चेतेश्वर पुजारा ने भी कहा कि इतनी जल्दी जल्दी स्वीप शॉट खेलना आदर्श नहीं था. उन्होंने कहा, ‘‘यह पिच स्वीप शॉट खेलने के नहीं है, इस पर कम उछाल था. ’’ शायद उनके डिफेस में आत्मविश्वास की कमी से आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने बार बार स्वीप की कोशिश की.
जब आस्ट्रेलियाई विकेट लगातार गिर रहे थे तो दिनेश कार्तिक कमेंटरी कर रहे थे, उन्होंने कहा कि मेहमान टीम की रणनीति ड्रेंिसग रूम में ही तय हा ेगयी थी और वे परिस्थितियों के अनुसार नहीं खेले.
कार्तिक ने कहा, ‘‘जब आपने ड्रेंिसग रूम में ही रणनीति बना ली हो कि मैं इसी तरह से बल्लेबाजी करूंगा तो इससे आप मुश्किल में पड़ सकते हो. ’’ पिछले साल टी20 विश्व कप में खेलने वाले कार्तिक ने कहा, ‘‘आप पिच पर आते हो, परिस्थितियों को देखते हो, तभी बल्लेबाजी योजना बनाते हो, फिर आपके सामने जैसे हालात होते हैं, उसके अनुसार ही सामंजस्य बिठाते हो. अगर आपने कल ही इसका फैसला कर लिया था तो इससे आपको परेशानी होगी ही. ’’
पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर को लगता है कि आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी आर अश्विन और रंिवद्र जडेजा जैसे बेहतरीन स्पिनरों से निपटने के लिये तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘स्पिनरों के खिलाफ बल्लेबाजी एक कला होती है और दुर्भाग्य से आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बेहतरीन स्पिन के खिलाफ खेलने आदी नहीं हैं. स्वीप करना आपकी रणनीति का अहम हिस्सा हो सकता है लेकिन गलती का अंतर बहुत कम होता है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्वीप शॉट पर नियंत्रण करना मुश्किल होता है. लेकिन फुटवर्क काफी खराब रहा. ’’ सबसे खराब स्वीप शॉट कंिमस का रहा और वह जडेजा की पहली ही गेंद पर गैर जरूरी स्लॉग स्वीप करने की कोशिश में आउट हुए.
बॉर्डर और हेडन ने लचर बल्लेबाजी के लिए आस्ट्रेलियाई टीम को लताड़ा
आस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर एलन बॉर्डर और मैथ्यू हेडन ने भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में अपने देश के बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन की कड़ी आलोचना की जिन्होंने स्वीप शॉट लगाने के प्रयास में अपने विकेट गंवाए. आस्ट्रेलिया ने सुबह एक विकेट पर 61 रन से आगे खेलना शुरू किया लेकिन उसकी टीम पहले सत्र में ही 113 रन पर ढेर हो गयी. उसके पांच बल्लेबाज स्वीप या रिवर्स स्वीप खेलने के प्रयास में आउट हुए जिनमें स्टीव स्मिथ, मैथ्यू रेनशॉ, एलेक्स केरी, पैट कंिमस और मैथ्यू कुहनमैन भी शामिल हैं.
पूर्व कप्तान बॉर्डर ने कहा कि आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने हड़बड़ी दिखाई और किसी भी बल्लेबाज ने रक्षात्मक खेल खेलने की कोशिश नहीं की. बॉर्डर ने फॉक्स क्रिकेट पर कहा, ‘‘मैं निराश हूं, मैं स्तब्ध हूं. जिस तरह से हमने आज बल्लेबाजी की उस पर मुझे गुस्सा आ रहा है.’’ उन्होंने कहा,‘‘ उन्होंने हड़बड़ी दिखाई और बेहद लचर बल्लेबाजी की. किसी ने भी टिकने की कोशिश नहीं की. किसी ने भी रक्षात्मक खेल खेलकर विकेट पतन का प्रवाह को रोकने की कोशिश नहीं की. वे हर गेंद पर स्वीप शॉट, रिवर्स स्वीप खेलकर बस आउट हो रहे थे.’’ पूर्व सलामी बल्लेबाज हेडन ने कहा कि वह जो कुछ देख रहे थे उस पर उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था.
उन्होंने कहा,‘‘मैं जो कुछ देख रहा था उस पर मुझे विश्वास नहीं हो रहा था. वे विश्वस्तरीय खिलाड़ी हैं. उन्होंने कल शाम को अच्छी बल्लेबाजी की थी. उनका रक्षण अच्छा था और उन्होंने हावी होकर खेलने का प्रयास किया, लेकिन आज हमने जो कुछ देखा वह आपदा जैसा था.’’ पूर्व बल्लेबाज माइकल हसी ने कहा कि आस्ट्रेलिया के पास जीत का मौका था लेकिन उसने उसे गंवा दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘वे बहुत निराश होंगे. आज का खेल शुरू होने से पहले उनका पलड़ा भारी था लेकिन दुर्भाग्य से उन्होंने मौका गंवा दिया. उनमें से अधिकतर ने भारतीयों को अपने विकेट इनाम में दिये.’’