क्या आपका आधार नंबर रद्द कर दिया गया? ममता बनर्जी के आरोपों पर आया UIDAI का जवाब
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने सोमवार को कहा कि आधार डेटाबेस को अपडेट रखने के लिए आधार नंबर धारकों को समय-समय पर सूचना जारी की जाती है, लेकिन किसी भी नंबर को रद्द नहीं किया गया है.
UIDAI का ये बयान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों के बाद आया है. सीएम ममता ने कहा था कि केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में लोगों को विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ लेने से रोकने के लिए उनके आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिए हैं.
बता दें कि आईडी कार्ड के रूप में आधार का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. सब्सिडी और अलग-अलग सेवाओं का लाभ उठाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. यूआईडीएआई ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि आधार डेटाबेस की सटीकता बनाए रखने के लिए प्राधिकरण दस्तावेजों को अपडेट कर रहा है.
यूआईडीएआई ने कहा, डेटाबेस को अपडेट करने के दौरान आधार संख्या धारकों को समय-समय पर सूचनाएं जारी की जाती हैं. इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि कोई भी आधार संख्या रद्द नहीं की गई है. अगर किसी आधार संख्या धारक को कोई शिकायत है तो वे यूआईडीएआई को अपनी शिकायत भेज सकते हैं. उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा. अगर किसी आधार कार्ड होल्डर को इस संबंध में कोई शिकायत है, तो वे https://uidai.gov.in/en/contact-support/feedback.html पर अपनी शिकायत भेज सकते हैं.
ममता बनर्जी ने सरकार पर साधा था निशाना
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को आरोप लगाया था कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में लोगों को विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ लेने से रोकने के लिए उनके आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिए हैं. बीरभूम में एक कार्यक्रम में बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि उनकी सरकार लाभार्थियों के पास आधार कार्ड नहीं होने के बावजूद राज्य द्वारा संचालित कल्याण कार्यक्रम जारी रखेगी.
उन्होंने कहा कि सावधान रहें, वे ( बीजेपी के नेतृत्व वाला केंद्र) आधार कार्ड निष्क्रिय कर रहे हैं. बंगाल के कई जिलों में कई आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिए गए हैं. वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि लोगों को चुनाव से पहले बैंक हस्तांतरण और मुफ्त राशन के माध्यम से ‘लक्ष्मी भंडार’ जैसी योजनाओं का लाभ न मिले. सीएम ने कहा था कि मुख्य सचिव को मेरा स्पष्ट निर्देश है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोग आधार कार्ड न होने पर भी लाभ से वंचित न हों. बंगाल के लोगों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व बर्धमान जिले के जमालपुर में 50 लोगों और बीरभूम, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के साथ-साथ उत्तर बंगाल में कई अन्य लोगों के आधार कार्ड डीलिंक कर दिए गए हैं.