आरक्षण विधेयक, राज्यपाल से मिले कांग्रेस विधायक

रायपुर. छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी कांग्रेस विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात कर आरक्षण संशोधन विधेयकों पर अपनी सहमति देने का अनुरोध किया. सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विधेयकों को लेकर पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके के साथ भी टकराव था. उइके को पिछले महीने छत्तीसगढ़ से मिजोरम के राज्यपाल के रूप में स्थानांतरित किया गया था.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में दो दिसंबर, 2022 को दो आरक्षण विधेयक पारित किया गया था. आरक्षण पर सहमति को लेकर राजभवन और राज्य सरकार के बीच टकराव है. मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे प्रदेश के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि राज्यपाल ने आरक्षण विधेयकों पर अपनी सहमति देने का पूर्ण आश्वासन नहीं दिया है.

लखमा ने दावा किया कि वह भाजपा के दबाव में हैं. लखमा ने कहा, ”हम राज्यपाल से मिले और उनसे आरक्षण विधेयकों पर सहमति देने का आग्रह किया. आरक्षण विधेयकों पर लंबित स्वीकृति के कारण सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया लंबित है और युवाओं को बेरोजगारी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. हमने राज्यपाल से अपनी सहमति देने का आग्रह किया.”

मंत्री ने कहा, ”लेकिन हमें उनसे पूरा आश्वासन नहीं मिला. आरक्षण बिलों पर राजनीति की जा रही है और ऐसा लगता है कि राज्यपाल भाजपा के दबाव में हैं. भाजपा आरक्षण बिल को रोकने की कोशिश कर रही है. राज्यपाल ने कहा कि वह विधेयकों पर विचार करेंगे.” लखमा ने कहा कि वह इस संबंध में राज्यपाल से मिलते रहेंगे. उन्होंने कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में आरक्षण का मुद्दा प्रमुख होगा. उन्होंने कहा कि रमन सिंह हों या भाजपा, राज्य के आदिवासी उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे और वे हारेंगे.

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