IAS, IPS 48 घंटे से अधिक हिरासत में रहते हैं, तो निलंबन की पुष्टि की जरूरत नहीं: केंद्र

नयी दिल्ली. केंद्र ने कहा है कि अगर कोई आईएएस, आईपीएस या आईएफओएस अधिकारी 48 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रहता है, तो केंद्र सरकार द्वारा निलंबन की पुष्टि किए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है. अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 के प्रावधानों के तहत माने जाने वाले (डीम्ड) निलंबन के मुद्दे और निलंबन की पुष्टि की आवश्यकता के संबंध में सरकार को कई प्रश्न प्राप्त होने के बाद यह स्पष्टीकरण आया है.

तीन अखिल भारतीय सेवाएं हैं- भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस). मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, “सेवा का कोई सदस्य, जो आपराधिक आरोप या अन्य में 48 घंटे से अधिक समय तक की अवधि के लिए आधिकारिक हिरासत में रहता है, तो उसे इस नियम के तहत संबंधित सरकार द्वारा निलंबित माना जाएगा.”

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया, “एआईएस (डी एंड ए) नियम, 1969 के 3(2) के आलोक में मामले की पड़ताल की गई है. तदनुसार, यह स्पष्ट किया जाता है कि नियम 3(2) के तहत माने जाने वाले (डीम्ड) निलंबन के मामलों में, केंद्र सरकार द्वारा उस अवधि के लिए निलंबन की पुष्टि किए जाने की जरूरत नहीं है जिसमें सरकारी कर्मचारी हिरासत में रहा हो.” इसने कहा कि निलंबन की पुष्टि का सवाल तभी उठेगा, जब कर्मचारी के हिरासत से रिहा होने के बाद सरकार उसका निलंबन जारी रखने का इरादा रखती हो.

सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों और गृह एवं पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालयों के सचिवों को जारी आदेश में कहा गया, ”इस स्थिति में, यदि निलंबन की अवधि 30 दिन से अधिक हो जाती है, तो केंद्र सरकार द्वारा नियम 3(1) के तहत परिकल्पित निलंबन आदेश की पुष्टि रिहाई की तारीख से 30 दिन के भीतर या सरकार की जानकारी में उसकी रिहाई के तथ्य के आने की तारीख से आवश्यक होगी.”

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