शीर्ष 500 कंपनियों का मूल्यांकन 6% गिरा, अडाणी समूह का आधा रह गया?

मुंबई. अप्रैल, 2023 तक छह महीनों में शीर्ष 500 गैर-सरकारी कंपनियों के बाजार मूल्यांकन में छह प्रतिशत की गिरावट आई है. वहीं इस दौरान अडाणी समूह की कंपनियों का बाजार मूल्यांकन आधे से भी कम रह गया है. मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है.

एक्सिस बैंक के बरगंडी प्राइवेट और हुरुन इंडिया की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर, 2022-अप्रैल, 2023 के दौरान अडाणी टोटल गैस ने अपने मूल्य का 73.8 प्रतिशत गंवा दिया, जबकि अडाणी ट्रांसमिशन के बाजार पूंजीकरण में 69.2 प्रतिशत और अडाणी ग्रीन एनर्जी में 54.7 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई.

रिपोर्ट के मुताबिक, अडाणी समूह की आठ कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 9.5 लाख करोड़ रुपये है जो शीर्ष 500 कंपनियों के कुल मूल्यांकन का करीब 4.5 प्रतिशत है. समीक्षाधीन अवधि में अडाणी समूह की कंपनियों के मूल्यांकन में 10.25 लाख रुपये यानी 52 प्रतिशत की गिरावट आई है. इसके उलट शीर्ष 500 कंपनियों के मूल्यांकन में सिर्फ छह प्रतिशत की गिरावट आई.

रिपोर्ट कहती है कि अडाणी एंटरप्राइजेज और अडाणी टोटल गैस समीक्षाधीन अवधि में सबसे मूल्यवान 10 शीर्ष कंपनियों की सूची से भी बाहर हो गईं. दरअसल, यह रिपोर्ट जिस अवधि के लिए तैयार की गई है, उसी दौरान जनवरी में अडाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक प्रतिकूल रिपोर्ट प्रकाशित कर उसके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि, समूह ने शेयरों के भाव में हेराफेरी और वित्तीय गड़बड़ियों के आरोपों को सिरे से नकार दिया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, समीक्षाधीन अवधि में रिलायंस इंडस्ट्रीज 5.1 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद 16.3 लाख करोड़ रुपये के साथ सबसे मूल्यवान भारतीय कंपनी बनी रही. इसके बाद 11.8 लाख करोड़ रुपये मूल्यांकन के साथ टाटा कंसल्टेंसी र्सिवसेज दूसरे स्थान पर रही जबकि एचडीएफसी बैंक 9.4 लाख करोड़ रुपये मूल्यांकन के साथ तीसरे स्थान पर था.

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