पाकिस्तान जाने पर फैसला बीसीसीआई नहीं, सरकार करेगी : रोजर बिन्नी

बेंगलुरू. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के नये अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने गुरूवार को कहा कि टीम 2023 एशिया कप के लिये पाकिस्तान का दौरा करेगी या नहीं, इस पर बोर्ड फैसला नहीं कर सकता क्योंकि इस तरह के निर्णय करने के लिये वह सरकार पर निर्भर है.

कनार्टक राज्य क्रिकेट संघ द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में बिन्नी ने कहा कि बीसीसीआई ने अगले साल पाकिस्तान की यात्रा करने के लिये अभी तक सरकार से संपर्क नहीं किया है लेकिन अंतत: इस मामले पर फैसला केंद्र सरकार को ही करना है. बिन्नी ने कहा, ‘‘यह बीसीसीआई का फैसला नहीं है. हमें देश से रवाना होने के लिये सरकार की मंजूरी चाहिए होती है. हम देश से रवाना हो रहे हों या फिर टीमें देश में आ रही हों, हमें मंजूरी की जरूरत होती है. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक बार सरकार से हरी झंडी मिल जाती है तो हम इसके अनुसार चलते हैं. हम खुद ही फैसला नहीं कर सकते. हमें सरकार पर निर्भर रहना होना होता है. हमने अभी तक सरकार से संपर्क नहीं किया है. ’’ एशिया कप अगले साल सितंबर में पाकिस्तान में खेला जाना है जो भारत में वनडे विश्व कप से पहले होगा.

बीसीसीआई सचिव जय शाह ने हाल में कहा था कि भारतीय टीम अगले साल एशिया कप के लिये पाकिस्तान की यात्रा नहीं करेगी बल्कि तटस्थ स्थल पर टूर्नामेंट खेलना पसंद करेगी. बिन्नी की यह टिप्पणी शाह के बयान के बाद आयी है. गुरूवार को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारतीय टीम को पाकिस्तान की यात्रा करने के लिये गृह मंत्रालय से मंजूरी की जरूरत होगी.

इससे निराश पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने बुधवार को एशियाई क्रिकेट परिषद से आपात बैठक बुलाने का अनुरोध किया था.
पीसीबी ने कहा कि इस तरह के बयान एशियाई और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट समुदायों को विभाजित कर सकते हैं और 2023 विश्व कप के लिए पाकिस्तान की भारत यात्रा को भी प्रभावित कर सकते हैं.

भारत ने 2008 एशिया कप के बाद से पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है. इसी साल नवंबर में मुबंई आतंकी हमले के बाद से 2009 के शुरूआत में होने वाली द्विपक्षीय श्रृंखला भी रद्द कर दी गयी थी. पाकिस्तान ने 2012 में छह मैचों की सीमित ओवरों की श्रृंखला के लिये भारत की यात्रा की थी. लेकिन पिछले 10 वर्षों में दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय क्रिकेट नहीं हुआ है. दोनों टीमें एक दूसरे से आईसीसी और एशियाई क्रिकेट परिषद के टूर्नामेंट में ही खेलती हैं.

विश्वकप से 10 दिन पहले बुमराह के चोटिल होने को नजरअंदाज नहीं कर सकते: बिन्नी

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने गुरुवार को फिर से दोहराया खिलाड़ियों के लगातार चोटिल होने की समस्या से निपटना बेहद जरूरी है और कहा कि विश्वकप से 10 दिन पहले आप जसप्रीत बुमराह के चोटिल होने को नजरअंदाज नहीं कर सकते.

भारतीय टीम के आस्ट्रेलिया रवाना होने से तीन दिन पहले बुमराह टी20 विश्व कप से बाहर हो गए थे. मोहम्मद शमी उसी समय कोविड-19 से संक्रमित थे और इसलिए बीसीसीआई को उन्हें बुमराह की जगह टीम में शामिल करने के लिए आखिरी क्षणों तक इंतजार करना पड़ा था. बिन्नी ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद संभालने के बाद भी इस विषय को उठाया था.

बिन्नी ने कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के सम्मान समारोह ने कहा,‘‘ हमें इस पर गौर करने की जरूरत है कि खिलाड़ी इतनी बुरी तरह चोटिल क्यों हो रहे हैं. केवल अभी नहीं बल्कि पिछले चार-पांच वर्षों से.’’ उन्होंने कहा,‘‘ ऐसा नहीं है कि हमारे पास अच्छे के ट्रेनर या कोच नहीं है. क्या खिलाड़ियों पर बहुत अधिक बोझ है या वह बहुत अधिक प्रारूपों में खेल रहे हैं. इसके लिए कुछ करना जरूरी है. यह मेरी प्राथमिकता है .’’

बिन्नी ने कहा,‘‘ आप विश्वकप से 10 दिन पहले बुमराह के चोटिल होने को नजरअंदाज नहीं कर सकते और फिर कौन उनकी जगह लेगा. इससे निपटना महत्वपूर्ण है.’’ बीसीसीआई अध्यक्ष ने रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंट के लिए बेहतर विकेट तैयार करने के महत्व पर भी जोर दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘पिचें अभी तेज गेंदबाजों के अनुकूल नहीं है. हमें आधारभूत ढांचे पर भी काम करना होगा.’’ भारतीय क्रिकेटरों की तर्ज पर घरेलू क्रिकेटरों को केंद्रीय अनुबंध देने के संबंध में बिन्नी ने कहा, ‘‘घरेलू क्रिकेटरों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है और उन्हें अच्छी सुविधाएं मिल रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि अभी इसकी (केंद्रीय अनुबंध) जरूरत है. ’’

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