अमेरिकी राष्ट्रीय हितों के दृष्टिकोण से भाजपा विदेश की सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक पार्टी: WSJ
न्यूयॉर्क. वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक अग्रलेख में लिखा है कि अमेरिका के राष्ट्रीय हितों के दृष्टिकोण से भाजपा दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण विदेशी राजनीतिक दल है और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रमकता के बीच क्षेत्र में अमेरिकी रणनीति की ‘धुरी’ है.
अमेरिका के प्रतिष्ठित शिक्षाविद वाल्टर रसेल मीड ने अपने लेख में कहा है कि भाजपा संभवत: सबसे कम समझी गयी पार्टी भी है.
उन्होंने कहा कि भाजपा दुनिया के तीन महत्वपूर्ण राजनीतिक संगठनों के सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों को साथ लाती है, वे राजनीतिक पार्टियां हैं… इजÞराइल की लिकुड पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी आॅफ चाइना और मिस्र की मुस्लिम ब्रदरहुड. सोमवार को प्रकाशित इस लेख के अनुसार, पश्चिमी देशों में भाजपा को बहुत कम समझा गया है क्योंकि इसका विकास ऐसे राजनीतिक और सांस्कृति इतिहास से हुआ है जिससे ज्यादातर गैर-भारतीय अपरिचित हैं.
लेख में कहा गया है, चुनावी राजनीति में भाजपा का प्रभाव ‘‘ राष्ट्रीय पुनर्जागरण के कभी अव्यक्त और हाशिये पर रहे सामाजिक आंदोलन की सफलता को दर्शाता है . यह आंदोलन आधुनिकीकरण के लिए विशेष ंिहदू पथ तैयार करने के सामाजिक विचारकों और कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों के प्रयासों पर आधारित है.’’
मीड लिखते हैं, ‘‘मुस्लिम ब्रदरहुड की भांति, भाजपा ने आधुनिकता की मुख्य विशेषताओं को अपनाने के बावजूद पश्चिमी उदारवाद के विभिन्न विचारों और प्राथमिकताओं को नकार दिया है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की तरह, भाजपा एक अरब से ज्यादा आबादी वाले देश को विश्व शक्ति बनाने को लेकर आशान्वित है.’’ सत्तर वर्षीय शिक्षाविद ने लिखा है कि इजराइल की लिकुड पार्टी की तरह, भाजपा लोकलुभावन वक्रपटुता और परंपरावादी मूल्यों के साथ मूल रूप से बाजार सर्मिथत आर्थिक रुख को जोड़ती है.
मीड ने कहा, ‘‘भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई दौर की गंभीर बैठकों, और उनकी आलोचनाओं के बाद, मैं आश्वस्त हूं कि अमेरिकियों और पश्चिमी देशों के लोगों को सामान्य रूप से ज्यादा जटिल और शक्तिशाली आंदोलन से जुड़ने की जरूरत है.’’ वह लिखते हैं, ज्यादातर हाशिए पर रहे बुद्धिजीवियों और धार्मिक उत्साहियों से उठकर आरएसएस संभवत: दुनिया का सबसे शक्तिशाली नागरिक (सिविल सोसायटी) संगठन बन गया है. मीड अमेरिका और भारत के बीच मजबूत संबंधों के महत्व पर भी लिखते हैं.
वह लिखते हैं, ‘‘यह महत्वपूर्ण है क्योंकि 2014 में सत्ता में आने वाली, 2019 में दूसरी बार चुनाव जीतने वाली और 2024 में फिर से जीतने की संभावना रखने वाली भाजपा… ऐसे वक्त में भारतीय राजनीति की बागडोर संभाल रही है जो महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति बनकर उभरने के साथ ही जापान के साथ मिलकर हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी रणनीतियों के लिए धुरी साबित हो रही है.’’
मीड लिखते हैं, ‘‘निकट भविष्य में, भाजपा ऐसे देश की कमान संभाल रही होगी जिसकी मदद के बिना चीन की बढ़ती ताकत को संतुलित करने का अमेरिका का प्रयास कमतर साबित हो सकता है.’’ मीड ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के साथ संबंध जोड़ने का न्योता ऐसे आमंत्रण है जिसे अमेरिका ठुकरा नहीं सकता है.
वह लिखते हैं, ‘‘चीन के साथ तनाव बढ़ने की स्थिति में अमेरिका को आर्थिक और राजनीतिक साझेदार की जरूरत है. हिन्दू राष्ट्रवादी आंदोलन की विचारधारा और उसके पथ को समझना उन उद्यमियों और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है जो भारत के साथ आर्थिक रूप से जुड़ना चाहते हैं, साथ ही यह राजनयिकों और नीति निर्माताओं के लिए भी महत्वपूर्ण है जो स्थाई रणनीतिक संबंध चाहते हैं.’’ गौरतलब है कि अमेरिका, भारत और अन्य विश्व शक्तियां संसाधनों से समृद्ध हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति की पृष्ठभूमि में स्वतंत्र, मुक्त क्षेत्र के बारे में बात कर रहे हैं.
मीड ने भारत में सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अपनी मुलाकात के बारे में भी लिखा है और याद किया कि कैसे उनसे निवेश लाने और राज्य के विकास पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे ही, आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने मुझसे भारत के आर्थिक विकास में तेजी लाने की जरूरत के बारे में बात की और ऐसे विचारों को खारिज किया कि धार्मिक अल्पसंख्यकों को भेदभाव या नागरिक अधिकारों में कमी का सामना करना चाहिए.’’