गृह मंत्री के समक्ष चावल आपूर्ति का मुद्दा उठाऊंगा: सिद्धरमैया

नयी दिल्ली/बेंगलुरु. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि वह प्रदेश की ‘अन्न भाग्य’ योजना के लिए चावल की आपूर्ति से संबंधित मसला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष उठाएंगे. सिद्धरमैया ने यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की.
उन्होंने इस बात का संकेत दिया कि योजना के क्रियान्वयन में थोड़ा विलंब हो सकता है. मुख्यमंत्री का आरोप है कि केंद्र ने कर्नाटक को चावल की आपूर्ति करने में ‘तुच्छ राजनीति’ की है.

सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ”मुख्यमंत्री बनने के बाद मैं राष्ट्रपति से नहीं मिला था. मैंने उनसे शिष्टाचार भेंट की है. मैं आज रात नौ बजे गृह मंत्री से मुलाकात करूंगा. यह भी शिष्टाचार मुलाकात होगी, उसमें कोई बड़ी चर्चा नहीं होगी, लेकिन स्थिति के मुताबिक कुछ मुद्दे उठाए जा सकते हैं.” उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि गृह मंत्री से मुलाकात के दौरान वह चावल आपूर्ति का मुद्दा उठाएंगे.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि चावल आपूर्ति के संदर्भ में भारत सरकार ने ‘तुच्छ राजनीति’ और ‘नफरत की राजनीति’ की है. उनके मुताबिक, कर्नाटक सरकार तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, पंजाब, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश जैसे कई राज्यों से संपर्क किया है और चावल खरीदने का प्रयास कर रही है. बहरहाल, उन्होंने यह भी कहा कि ये राज्य, कर्नाटक के लिए जरूरी 2,28,000 मीट्रिक टन चावल की आपूर्ति नहीं कर सकेंगे और तथा चावल की ढुलाई का खर्च भी ज्यादा होगा.

सिद्धरमैया ने बताया, ”आंध्र प्रदेश से चावल खरीद 42 रुपये किलोग्राम पड़ेगी. तेलंगाना ने कहा है कि उसके पास सिर्फ गेहूं उपलब्ध है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री (भूपेश बघेल) ने मुझसे कहा है कि वह एक महीने के लिए एक लाख मीट्रिक टन चावल उपलब्ध कराने की स्थिति में हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री (भगवंत मान) ने कहा है कि वह अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे और फिर सूचित करेंगे.” मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में इतनी बड़ी मात्रा में चावल उपलब्ध नहीं है.

उनका कहना था, ”हमें खुले बाजार में निविदा निकालनी होगी. ऐसे करने में कम से कम दो महीने का समय लगेगा.” केंद्र ने हाल ही में खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी है.
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, ”राज्य सरकारों के लिए ओएमएसएस (घरेलू) के तहत गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी गई है.” इसमें कहा गया कि हालांकि, ओएमएसएस के तहत चावल की बिक्री पूर्वोत्तर राज्यों, पर्वतीय राज्यों और कानून व्यवस्था की स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे राज्यों के लिए 3,400 रुपये प्रति क्विंटल की मौजूदा दर से जारी रहेगी.

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