पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव: दस्तावेजों में छेड़छाड़ के आरोपों में अदालत ने CBI जांच का दिया आदेश

कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए हावड़ा जिले के उलूबेरिया आई प्रखंड में एक निर्वाचन अधिकारी द्वारा कथित रूप से कागजों से छेड़छाड़ करने के मामले में बुधवार को सीबीआई को जांच करने का आदेश दिया.

दो याचिकाकर्ताओं, जो उम्मीदवार भी हैं, ने पंचायत चुनाव के निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ आरोप लगाते हुए दावा किया कि संबंधित अधिकारी ने नामांकन पत्र दाखिल किये जाते समय उनके जमा किये गये दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की थी और गलत सूचनाएं दर्ज कीं. याचिकाकर्ताओं के वकील सब्यसाची चटर्जी ने कहा कि दोनों प्रत्याशी ओबीसी-ए श्रेणी के हैं और उनके पास उचित प्रमाणपत्र हैं, लेकिन पंचायत चुनाव अधिकारी के दस्तावेजों में अन्य श्रेणी का उल्लेख है.

न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के संयुक्त निदेशक को निर्देश दिया कि पांच जुलाई तक आरोपों के मामले में जांच करें और सात जुलाई को अदालत में उसकी रिपोर्ट जमा करें. मामले में अगली सुनवाई उसी दिन होगी. याचिकाकर्ताओं ने छेड़छाड़ के आरोपों में स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच का अनुरोध किया था. आरोप है कि इस तरह की घटनाएं अन्य स्थानों पर भी हुई हैं.
राज्य निर्वाचन आयुक्त और राज्य सरकार के वकील ने दलील दी कि उन्हें आरोपों की जांच की अनुमति मिलनी चाहिए.

न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा कि राज्य और आयोग की दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जिन अधिकारी के खिलाफ आरोप लगे हैं, वह राज्य प्राधिकारों की सेवा में हैं और चुनाव निष्पक्ष कराने के लिए जिम्मेदार हैं. अदालत ने निर्देश दिया कि उलुबूरिया आई प्रखंड के पंचायत चुनाव कार्यालय में कार्यवाही रिकॉर्ड करने के लिए इस्तेमाल उपकरणों के साथ वीडियो फुटेज सुरक्षित रखे जाएं और जरूरत पड़ने पर सीबीआई को सौंपे जाएं.

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