प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में ऐतिहासिक योग सत्र का नेतृत्व किया; योग को विश्वव्यापी बताया

संयुक्त राष्ट्र. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बुधवार को यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए योग को ‘विश्वव्यापी’ तथा ‘कॉपीराइट व पेटेंट’ से मुक्त बताया. योग सत्र में इस वैश्विक संस्था (संयुक्त राष्ट्र) के शीर्ष अधिकारी, विश्व भर के राजनयिकों और प्रख्यात व्यक्तियों ने हिस्सा लिया.

अधिकारियों ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में योग सत्र ने सर्वाधिक देशों से लोगों की भागीदारी के मामले में ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बनाया है. इसमें 135 देशों के नागरिक शामिल हुए. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और (अमेरिका की) प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर मोदी अमेरिका की अपनी राजकीय यात्रा के पहले चरण में न्यूयॉर्क में हैं.

प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के नॉर्थ लॉन में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा को नमन करने के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की. यह प्रतिमा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की भारत की अध्यक्षता के तहत पिछले साल दिसंबर में स्थापित की गई थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने योग दिवस के अवसर पर, सफेद रंग की एक योग टी-शर्ट और पायजामा पहन रखा था. उन्होंने अपना संबोधन ‘नमस्ते’ शब्द के साथ शुरू किया और समारोह में शामिल होने के लिए दूर-दूर से यहां आने को लेकर लोगों का आभार जताया.

मोदी ने कहा, ”मैं आप सब को देखकर खुश हूं. और मैं यहां आने के लिए आप सभी का आभार जताता हूं. मित्रों, मुझे बताया गया है कि लगभग हर राष्ट्रीयता के लोग आज यहां मौजूद हैं.” उनके साथ, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 77वें सत्र के अध्यक्ष साबा कोरोसी, उपमहासचिव अमीना मोहम्मद, न्यूयॉर्क शहर के मेयर एरिक एडम्स भी मौजूद थे. हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेर, इयेंगर योग विशेषज्ञ देद्रा डेमेंस और अमेरिकी गायिका मेरी मिलबेन सहित अन्य हस्तियां भी योग दिवस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के साथ शामिल हुईं.

योग सत्र में योगासन करने वालों में पुरस्कार विजेता कथाकार जय शेट्टी, भारतीय रसोइया एवं रेस्तरां संचालक विकास खन्ना, एक क्लाउड कंप्यूटिंग कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी वी एम वारे और अमेरिकी नेवी सील की उच्च पदस्थ अधिकारी केली सलाबिंस्की भी शामिल हैं.

ब्रिटिश संगीतकार ज्हानवी हैरिसन, अफगानिस्तान में अपने दोनों हाथ और दोनों पैर गंवा चुके पूर्व सैनिक ट्रेविस मिल्स, सीएनबीसी में संवाददाता सीमा मूडी, तीन बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता व संगीतकार रिकी केज, पर्यावरणविद एवं अमेरिकी गायिका फाल्गुनी शाह भी योग सत्र में शामिल हुईं.

इस अवसर पर मोदी ने कहा, ”योग का उद्देश्य एकजुट करना है…मुझे याद है कि नौ साल पहले यहां से मुझे 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव करने का अवसर मिला था. यह देखना सुखद था कि पूरा विश्व इस विचार के समर्थन में आया.” मोदी ने उपस्थित लोगों से कहा, ”योग भारत से आया है और यह एक बहुत पुरानी परंपरा है. सभी प्राचीन भारतीय पंरपराओं की तरह यह भी जीवंत है.”

उन्होंने कहा, ”योग कॉपीराइट, पेटेंट और रॉयल्टी भुगतान से मुक्त है. योग किसी भी उम्र के महिला या पुरूष द्वारा और तंदुरूस्ती के किसी भी स्तर पर किया जा सकता है. योग को कहीं भी (विश्व के किसी भी कोने में) ले जाया जा सकता है और यह सही मायने में विश्वव्यापी है.” योगासन करने के लिए यहां जमीन पर पीले रंग की सैकड़ों ‘योग मैट’ बिछाई गई थी. योग के लिए विशेष रूप से तैयार की गई सफेद टी-शर्ट पहने लोग कार्यक्रम में शामिल हुए. उद्यान में लगाई गई एलईडी स्क्रीन के जरिये भारतीय संस्कृति के वीडियो दिखाये गये.

मोदी ने कहा, ”जब हम योग करते हैं तब हम शारीरिक रूप से तंदुरुस्त और मानसिक रूप से शांत महसूस करते हैं. योग जीवन जीने का एक तरीका है, यह स्वयं के साथ, दूसरों के साथ और प्रकृति के साथ सद्भाव के साथ रहने का तरीका है.” उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर खुश हैं कि कई लोग योग के विभिन्न पहलुओं को वैज्ञानिक रूप से मान्यता देने के लिए काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ”आइए, योग की शक्ति का उपयोग करें, ना केवल स्वस्थ, खुश रहने के लिए, बल्कि अपने प्रति, दूसरों के प्रति उदार रहने के लिए. आइए हम मित्रता जोड़ने, शांतिपूर्ण विश्व और एक अधिक स्वच्छ विश्व के लिए योग की शक्ति का उपयोग करें.” ऐतिहासिक योग सत्र में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी, सदस्य देशों के राजदूत, राजनयिक, प्रतिनिधि तथा वैश्विक एवं प्रवासी भारतीय समुदाय के प्रख्यात सदस्य भी शामिल हुए.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने योग दिवस पर अपने वीडियो संदेश में कहा, “यह(योग) तन और मन, मानवता और प्रकृति तथा दुनिया भर में लाखों लोगों को एक- दूसरे से जोड़ता है, जिनके लिए यह शक्ति, सद्भाव और शांति का स्रोत है.” गुतारेस ने कहा, ”खतरनाक और विभाजित विश्व में, इस प्राचीन व्यायाम के लाभ विशेष रूप से मूल्यवान हैं. योग शांति प्रदान करता है, यह चिंता को कम कर सकता है और मानसिक स्थिति को बेहतर कर सकता है. यह अनुशासन तथा धैर्य विकसित करने में हमारी मदद करता है. यह हमें हमारी धरती से जोड़ता है जिसे हमारे संरक्षण की अदद आवश्यकता है.”

प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2015 में आयोजित किया गया था और तब से इसके कई सत्र व कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं, जिनमें इसके फायदों को रेखांकित किया गया है. समारोह से पहले, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा जोड़ने, अपनाने और अंगीकार करने वाली परंपराओं को पोषित किया है. उन्होंने योग के माध्यम से विरोधाभासों, बाधाओं और प्रतिरोधों को खत्म करने का आ”ान भी किया.

उन्होंने कहा कि भारतीयों ने हमेशा नये विचारों का स्वागत किया है, उन्हें संरक्षण दिया है और देश की समृद्ध विविधता का जश्न मनाया है. उन्होंने कहा, “योग हमारी अंतरदृष्टि को विस्तार देता है. योग हमें उस चेतना से जोड़ता है, जो हमें जीव मात्र की एकता का एहसास कराती है, जो हमें प्राणी मात्र से प्रेम का आधार देती है. इसलिए हमें योग के जरिये हमारे अंतरविरोधों को खत्म करना है, हमें योग के जरिये हमारे गतिरोधों और प्रतिरोधों को भी खत्म करना है.” उन्होंने कहा, ”हमें ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को विश्व के सामने एक उदाहरण के रूप में पेश करना है.”

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