कुनलावुत वितिदसर्ण और अन सियंग बने इंडिया ओपन चैम्पियन
नयी दिल्ली. थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसर्ण और कोरिया की अन सियंग रविवार को यहां इंडिया ओपन बैडंिमटन टूर्नामेंट के अपने वर्ग में दो बार के विश्व चैम्पियन को हराकर क्रमश: पुरूष और महिला एकल चैम्पियन बने. कुनलावुत ने पुरूष एकल फाइनल में दो बार के विश्व चैम्पियन और ओलंपिक चैम्पियन विक्टर एक्सेलसेन को जबकि युवा खिलाड़ी अन सियंग ने महिला एकल फाइनल में दो बार की विश्व चैम्पियन अकाने यामागुची को पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए मात दी.
कुनलावुत ने डेनमार्क के ओलंपिक चैम्पियन को 64 मिनट में 22-20, 10-21, 21-12 से शिकस्त देकर अपना पहला सुपर 750 टूर्नामेंट खिताब हासिल किया. वहीं 20 साल की अन सियंग ने यामागुची के खिलाफ लगातार हार के सिलसिले को तोड़ते हुए दुनिया की नंबर एक जापानी खिलाड़ी को 72 मिनट तक चले महिला एकल फाइनल में 15-21 21-16 21-12 से मात दी.
इस तरह वह इंडिया ओपन जीतने वाली पहली कोरियाई खिलाड़ी भी बन गयीं. पिछले हफ्ते भी मलेशिया ओपन में इसी तरह के तीन गेम का फाइनल हुआ था लेकिन वह इस मुकाबले में यामागुची से हार गयी थीं. वहीं पुरूष युगल का खिताब लियांग वेई केंग और वांग चांग की जोड़ी के नाम रहा. इस जोड़ी का यह दूसरा विश्व टूर खिताब रहा, उन्होंने पिछले साल जापान ओपन में यही ट्राफी हासिल की थी.
दुनिया की 11वें नंबर की जोड़ी ने पुरूष युगल एकल फाइनल आरोन चिया और सोह वूई यिक की तीसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी को 14-21 21-19 21-18 से पराजित किया. वहीं दो युगल मैच नहीं हो सके क्योंकि बीमार होने के कारण चीन के दो खिलाड़ियों को हटना पड़ा.
वांग यि लियू (हुआंग डोंग ंिपग के साथ मिश्रित युगल खेलने वाली) और चेन ंिकग चेन (महिला युगल फाइनल में जिया यि फिन के साथ खेलने वाली) को डायरिया के कारण अपने मैचों से हटना पड़ा.
इस तरह जापान की युटा वाटानबे और अरिसा हिगाशिनो की जोड़ी ने मिश्रित युगल खिताब जीत लिया. वहीं महिला युगल का खिताब भी जापान की नामी मातसुयामा और चिहारू शिदा की जोड़ी के नाम रहा. मुकाबले के बाद अन सियंग ने कहा, ‘‘मैं जानती थी कि मैच लंबा चलेगा. इसलिये मैंने अपने दिमाग को पहले से ही तैयार कर लिया था. ’’ इस जीत से वह जापानी खिलाड़ी के खिलाफ जीत के अंतर को कम करके 6-10 करने में सफल रहीं.
अन सियंग को 2017 में राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया था, तब वह 15 साल की थीं. वह विश्व जूनियर चैम्पियनशिप में कांस्य पदक विजेता मिश्रित टीम का हिस्सा बनीं और 2018 में उबेर कप में कोरिया को कांस्य पदक दिलाने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभायी थी. उनके नाम 11 विश्व टूर खिताब हैं और एक विश्व चैम्पियनशिप का कांस्य पदक है जिससे वह कोरिया की ओलंपिक में बड़ी उम्मीद बनती जा रही हैं.