मोदी ने चिप कंपनी माइक्रोन को भारत आने का न्योता दिया, जीई के सीईओ से भी चर्चा
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी चिप कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संजय मेहरोत्रा के साथ बैठक की और सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कंपनी को भारत में आने का न्योता दिया. कंपनी ने बयान में कहा कि माइक्रोन गुजरात में सेमीकंडक्टर परीक्षण एवं असेंबली संयंत्र लगाएगी और इसके माध्यम से कुल 2.75 अरब डॉलर का निवेश होगा.
माइक्रोन ने कहा कि दो चरणों में विकसित किए जाने वाले इस संयंत्र पर वह अपनी तरफ से 82.5 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी. बाकी राशि का निवेश केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा. साथ ही प्रधानमंत्री ने एप्लाइड मैटेरियल्स को भी प्रक्रिया प्रौद्योगिकी और आधुनिक पैकेजिंग क्षमताओं के विकास के लिए भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया है. भारत उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला के विभिन्न हिस्सों में प्रतिस्पर्धी लाभ प्रदान करता है, जिसकी वजह से विदेशी कंपनियां भारत में निवेश के अवसर तलाश रही हैं.
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने जनरल इले्ट्रिरक (जीई) के सीईओ एच लॉरेंस कल्प जुनियर के साथ बैठक में कंपनी को भारत के विमानन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किया. बयान के अनुसार, मोदी ने भारत में विनिर्माण की दीर्घावधि की प्रतिबद्धता के लिए जीई की सराहना की. इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी और कल्प ने भारत में विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए जीई के साथ वृहद प्रौद्योगिकी गठजोड़ के बारे में चर्चा की.
बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने विमानन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में वृहद भूमिका निभाने के लिए जीई को आमंत्रित किया.
एक महत्वपूर्ण समझौते के तहत अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस ने भारतीय वायुसेना के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए)-एमके-2 तेजस के जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन के लिए बृहस्पतिवार को हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ समझौता किया.
अमेरिकी कंपनी ने बयान में कहा, ” इस समझौते में जीई एयरोस्पेस के एफ414 इंजन के भारत में संयुक्त उत्पादन की संभावना शामिल है और जीई एयरोस्पेस अमेरिका सरकार के साथ इस उद्देश्य के लिए जरूरी निर्यात प्राधिकार प्राप्त करने के वास्ते काम करना जारी रखेगी.” जीई एरोस्पेस के सीईओ एवं जीई के अध्यक्ष एच लॉरेंस कल्प जूनियर ने कहा, ” यह ऐतिहासिक समझौता भारत और एचएएल के साथ हमारे दीर्घकालिक गठजोड़ के कारण संभव हुआ है.” वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने यहां एप्लाइड मैटेरियल्स के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गैरी ई डिकर्सन के साथ बैठक में भारत में कुशल कार्यबल बनाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के साथ कंपनी के सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की.
प्रधानमंत्री के साथ अपनी मुलाकात के बाद डिकर्सन ने कहा कि यह भारत के लिए अविश्वसनीय वृद्धि का समय है. उन्होंने कहा, ”हम जबर्दस्त सफलता हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री और भारत के सभी लोगों के साथ मिलकर काम करने को लेकर बहुत उत्सुक हैं.” भारत सरकार देश में सेमीकंडक्टर विकास को प्रोत्साहन दे रही है. सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) की भी घोषणा की गई है.
वैश्विक कंपनियां सेमीकंडक्टर के लिए भारत को एक व्यवहार्य निवेश गंतव्य के रूप में देख रही हैं. भारत खुद को इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर के लिए एशिया में सबसे आकर्षक स्थलों में से एक के रूप में स्थापित कर रहा है. वर्ष 2021 में भारतीय सेमीकंडक्टर बाजार का मूल्य 27.2 अरब डॉलर था और सालाना 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 2026 तक इसके 64 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. सेमीकंडक्टर इकाइयां स्थापित करना एक ऊंची विशेषज्ञता वाला जटिल और महंगा काम है.
प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क से वॉशिंगटन पहुंचे हैं. न्यूयॉर्क में उन्होंने नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का नेतृत्व किया. इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी, राजनयिक और दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं.