प्रधानमंत्री मोदी के बाइडन को दिए उपहारों में मिलती है भारतीय परंपराओं व संस्कृति की झलक

वांिशगटन: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को वनस्पतियों और जीव-जंतुओं की सूक्ष्­म नक्काशी वाला, चंदन की लकड़ी का एक विशेष हस्­तनिर्मित, खूबसूरत बक्­सा उपहार स्वरूप भेंट किया जो अनुभव के साथ साथ भारतीय परंपरा के मूल्यों और सम्मान को रेखांकित करता है।

अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मैसूर के चंदन की लकड़ी से बने इस बक्­से पर वनस्पति और जीव-जंतुओं की दिलकश नक्काशी जयपुर के अनुभवी शिल्­पकार ने की है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने उपनिषदों के 10 सिद्धांत पर आधारित पुस्­तक के अंग्रेजी अनुवाद के पहले संस्­करण की एक प्रति भी राष्­ट्रपति बाइडन को भेंट की। इस पुस्­तक के सह रचयिता बाइडन के प्रिय कवि विलियम बटलर येट्स और पुरोहित स्­वामी हैं। यह पुस्­तक भारतीय आध्­यात्मिकता और गुरूदेव रवीन्­द्र नाथ टैगोर की प्रतिष्­ठा पर साझी सराहना को दर्शाती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को व्हाइट हाउस में एक निजी रात्रिभोज के दौरान राष्ट्रपति बाइडन को जो अन्य उपहार भेंट किए उनमें राजस्­थान के शिल्­पकारों द्वारा बनाए गए चांदी के नारियल, 24 कैरेट के सोने का सिक्­का और हॉलमार्क वाला चांदी का सिक्­का प्रमुख है।

अधिकारियों ने बताया कि चंदन की लकड़ी के नक्काशीदार बक्से में भगवान गणेश की चांदी की एक प्रतिमा और दीपक है जो कोलकाता के एक स्वर्णकार की पांचवीं पीढ़ी द्वारा हस्­त-निर्मित है। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में उल्लेख किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति 80 वर्ष और आठ महीने की आयु पूरी कर लेता है तो वह ‘दृष्ट सहस्रचंद्रो’ हो जाता है क्योंकि वह एक हजार पूर्णिमा का गवाह बन बन चुका होता है। राष्ट्रपति बाइडन के लिए यह उपहार विशेष महत्व रखता है क्योंकि अगले महीने 80 साल आठ महीने के होने वाले हैं।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘एक हजार पूर्ण चंद्रमा या पूर्णिमा देखना ंिहदू जीवन शैली में मील का एक महत्वपूर्ण पत्थर माना जाता है। दो पूर्णिमाओं के बीच का अंतर लगभग 29.53 दिन है, इसलिए एक हजार पूर्ण चंद्रमाओं की कुल समय अवधि लगभग 29,530 दिन या 80 साल और 8 महीने होगी।’’

मोदी का उपहार किसी व्यक्ति के अनुभव से जुड़े पारंपरिक सम्मान को रेखांकित करता है। ऐसे समय में यह और महत्वपूर्ण हो जाता है जब राष्ट्रपति बाइडन की उम्र को लेकर कई बार बहस छिड़ जाती है। अमेरिका अगले राष्ट्रपति चुनावों की ओर बढ़ रहा है।
भारतीय प्रधानमंत्री की ओर से बाइडन को दिया गया दूसरा उपहार येट्स से जुड़ा है, जिनकी कविताओं को बाइडन अपने भाषणों में कई बार उद्धृत करते रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि येट्स का भारत के प्रति गहरा आकर्षण था और वह भारतीय आध्यात्मिकता से बहुत प्रभावित थे। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर से उनकी मित्रता जगजाहिर है और उन्होंने गुरुदेव की कालजयी रचना ‘गीतांजलि’ को पश्चिमी दुनिया में लोकप्रिय बनाने में मदद की।

उन्होंने कहा कि येट्स की भारतीय आध्यात्मिकता में गहरी रुचि थी और वह उपनिषदों तथा भारत की अन्य प्राचीन कथाओं से काफी प्रभावित थे। येट्स ने 1937 में पुरोहित स्वामी के साथ मिलकर भारतीय उपनिषदों का एक अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित किया था। दोनों लेखकों के बीच अनुवाद और सहयोग का सिलसिला 1930 के दशक में जारी रहा और यह येट्स के अंतिम कार्यों में से एक था।

अधिकारियों ने बताया, ‘‘लंदन की ‘मेसर्स फैबर एंड फैबर लिमिटेड’ द्वारा प्रकाशित और यूनिर्विसटी प्रेस ग्लासगो में छपी पुस्तक ‘द टेन ंिप्रसिपल उपनिषद’ के पहले संस्करण की एक प्रति राष्ट्रपति बाइडन को भेंट की गई है।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन को प्रयोगशाला में निर्मित 7.5 कैरेट का हरित हीरा भी उपहार में दिया। इस हीरे को कागज की लुगदी से बने बक्­से में रखा गया है जो कश्­मीर के विशेष शिल्­प कौशल को दर्शाता है।

हीरा 7.5 कैरेट का इसलिए है क्योंकि भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है। इस दौरान राष्ट्रपति बाइडन और प्रथम महिला जिल ने आधिकारिक उपहार के रूप में प्रधानमंत्री मोदी को 20वीं सदी की शुरुआत से हस्तनिर्मित, प्राचीन अमेरिकी पुस्तक ‘गैली’ भेंट की।

उन्होंने कथित तौर पर एक ंिवटेज अमेरिकी कैमरा भी उन्हें उपहार में दिया। अन्य उपहारों में जॉर्ज ईस्टमैन के पहले कोडक कैमरे के पेटेंट का अभिलेखीय फेसिमाइल ंिप्रट, अमेरिकी वन्यजीव फोटोग्राफी पर एक हार्डकवर पुस्तक और ‘कलेक्टेड पोयम्स आॅफ रॉबर्ट फ्रॉस्ट’ की एक हस्ताक्षरित, पहली संस्करण प्रति भी थी।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका की यात्रा पर हैं। बाइडन दंपति व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में 22 जून बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री मोदी के लिए राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे, जिसमें 400 मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी 22 जून को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे।

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