जीई एयरोस्पेस का एचएएल से करार : भारत में होगा युद्धक विमानों के इंजन का संयुक्त उत्पादन

वाशिंगटन. एक महत्वपूर्ण समझौते के तहत अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस ने भारतीय वायु सेना के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए)-एमके-2 तेजस के जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन के लिए बृहस्पतिवार को हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ समझौता किया. इस समझौते की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान हुई है . प्रधानमंत्री मोदी अभी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर अमेरिका की यात्रा पर हैं.

अमेरिकी कंपनी ने अपने बयान में कहा, ” इस समझौते में जीई एरोस्पेस के एफ414 इंजन के भारत में संयुक्त उत्पादन की संभावना शामिल है और जीई एरोस्पेस अमेरिकी सरकार के साथ इस उद्देश्य के लिए जरूरी निर्यात प्राधिकार प्राप्त करने के वास्ते काम करना जारी रखेगा.” उसने एचएएल के साथ समझौता ज्ञापन को भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत बनाने की दिशा में एक ”एक महत्वपूर्ण” कारक बताया है.

जीई एरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं जीई के अध्यक्ष एच लॉरेंस कल्प जूनियर ने कहा, ” यह ऐतिहासिक समझौता भारत और एचएएल के साथ हमारे दीर्घकालिक गठजोड़ के कारण संभव हुआ है.” यह समझौता जीई एरोस्पेस के भारतीय वायु सेना के एलसीए-एमके-2 कार्यक्रम के लिए 99 इंजन का निर्माण करने की पूर्व की प्रतिबद्धता को सुगम बनायेगा.

बयान के अनुसार, ” यह (समझौता) कंपनी को भारत में कई तरह के उत्पाद सृजित करने के लिए मजबूत स्थिति में रखेगा जिसमें एफ404 इंजन शामिल है जिसका अभी एलसीए एमके-1 और एलसीए एमके-1ए विमान में उपयोग किया जा रहा है. साथ ही हमारे एम414-आईएनएस6 इंजन के साथ एएमसीए कार्यक्रम के लिए प्रारूप तैयार करने, परीक्षण और प्रमाणन करने में जीई एयरोस्पेस का चयन करना भी शामिल है.”

यह समझौता महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि भारत अभी तक रूस और यूरोपीय गठजोड़ से सैन्य जेट प्राप्त करता रहा है. हाल में भारत ने फ्रांसिसी लड़ाकू विमान निर्माता देसां से भारतीय वायु सेना के लिए राफेल लड़ाकू विमान खरीदा था. वहीं, जीई एयरोस्पेस उन्नत मध्यम श्रेणी के लड़ाकू विमान (एएमसीए) के एमके2 इंजन कार्यक्रम के लिए भारत सरकार से गठजोड़ जारी रखेगा.

अमेरिकी कंपनी ने कहा, ” हमें दोनों देशों के बीच करीबी समन्वय के दृष्टिकोण के आगे बढ़ाने में बाइडन और मोदी द्वारा भूमिका निभाने पर गर्व है. हमारा एम414 इंजन अतुलनीय है और यह दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा लाभ प्रदान करेगा क्योंकि हम अपने उपभोक्ताओं के वास्ते उनकी सैन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए उच्च गुणवत्ता का इंजन तैयार करते हैं.”

गौरतलब है कि एचएएल भारतीय वायु सेना के लिए 83 हल्का लड़ाकू विमान तैयार करने के लिए जीई 404 इंजन का उपयोग कर रहा है. जीई एरोस्पेस पिछले चार दशकों से अधिक समय से भारत में परिचालन कर रहा है और यह इंजन, एवियोनिक्स, सेवा, इंजीनियरिंग, विनिर्माण सहित उद्योगों से व्यापक रूप से जुड़ा है. जीई एयरोस्पेस एम404 और एम 414 एनसीए एमके 1 और एलसीए एमके 2 कार्यक्रम के विकास एवं उत्पादन का हिस्सा रहा है. कुल 75 एफ404 इंजनों की आपूर्ति की गई है और एलसीए एमके 1ए के लिए 99 अन्य का आर्डर दिया गया है. कंपनी ने कहा कि एलसीए एमके 2 विकास कार्यक्रम के तहत आठ एफ414 इंजनों की आपूर्ति की गई है.

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