मोदी ने पर्यावरण अनुकूल प्रयोगशाला में तैयार 7.5 कैरेट का हीरा जिल बाइडन को उपहार में दिया
वाशिंगटन. तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर अमेरिका आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन को कश्मीर के अति सुंदर पेपरमेशी के छोटे से बॉक्स में 7.5 कैरेट का हीरा उपहार में दिया है. इस हीरे को एक पर्यावरण हितैषी (ईको-फ्रेंडली) प्रयोगशाला में तैयार किया गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री के लिए एक रात्रिभोज की मेजबानी की. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की, उपहारों का आदान-प्रदान किया और भारत के विभिन्न क्षेत्रों के संगीत का लुत्फ उठाया.
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा, ”भारत का हीरा! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर के उत्तम पेपरमेशी बॉक्स में रखे इस खूबसूरत पर्यावरण अनुकूल हीरे को अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन को उपहार में दिया.”
हीरा पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि इसके निर्माण में सौर और पवन ऊर्जा जैसे संसाधनों का उपयोग किया गया है. हरित हीरे को अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके सटीकता और देखभाल के साथ गढ.ा गया है. यह प्रति कैरेट केवल 0.028 ग्राम कार्बन उ्त्सिसजत करता है और जेमोलॉजिकल लैब (रत्नविज्ञान प्रयोगशाला), आईजीआई (इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट) द्वारा प्रमाणित है.
भारत, देश की प्रयोगशालाओं में विकसित हीरे (एलजीडी) के विनिर्माण को बढ.ावा दे रहा है और इसके लिए सरकार ने पिछले आम बजट में कुछ कदमों की घोषणा की थी. सरकार ने एलजीडी बीजों पर सीमा शुल्क को पांच प्रतिशत से हटाने की घोषणा की थी. इसने एलजीडी मशीनरी, बीज और नुस्खा के स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास को पांच साल के अनुसंधान अनुदान को भी मंजूरी दी.
आईआईटी मद्रास में 5 वर्षों में 242.96 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ लैब-विकसित डायमंड (इनसेंट-एलजीडी) के लिए एक इंडिया सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव है. प्रयोगशाला में विकसित हीरे का उत्पादन दो प्रौद्योगिकियों के माध्यम से किया जाता है. इसमें उच्च दबाव उच्च तापमान (एचपीएचटी) और रासायनिक वाष्प जमाव (सीवीडी) शामिल है. भारत सीवीडी तकनीक का उपयोग करके इन हीरों का उत्पादन करने वाले प्रमुख उत्पादकों में से एक है.
प्रधानमंत्री मोदी के बाइडन को दिए उपहारों में मिलती है भारतीय परंपराओं व संस्कृति की झलक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को वनस्पतियों और जीव-जंतुओं की सूक्ष्म नक्काशी वाला, चंदन की लकड़ी का एक विशेष हस्तनिर्मित, खूबसूरत बक्सा उपहार स्वरूप भेंट किया जो अनुभव के साथ साथ भारतीय परंपरा के मूल्यों और सम्मान को रेखांकित करता है.
अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मैसूर के चंदन की लकड़ी से बने इस बक्से पर वनस्पति और जीव-जंतुओं की दिलकश नक्काशी जयपुर के अनुभवी शिल्पकार ने की है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने उपनिषदों के 10 सिद्धांत पर आधारित पुस्तक के अंग्रेजी अनुवाद के पहले संस्करण की एक प्रति भी राष्ट्रपति बाइडन को भेंट की. इस पुस्तक के सह रचयिता बाइडन के प्रिय कवि विलियम बटलर येट्स और पुरोहित स्वामी हैं. यह पुस्तक भारतीय आध्यात्मिकता और गुरूदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर की प्रतिष्ठा पर साझी सराहना को दर्शाती है.
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को व्हाइट हाउस में एक निजी रात्रिभोज के दौरान राष्ट्रपति बाइडन को जो अन्य उपहार भेंट किए उनमें राजस्थान के शिल्पकारों द्वारा बनाए गए चांदी के नारियल, 24 कैरेट के सोने का सिक्का और हॉलमार्क वाला चांदी का सिक्का प्रमुख है. अधिकारियों ने बताया कि चंदन की लकड़ी के नक्काशीदार बक्से में भगवान गणेश की चांदी की एक प्रतिमा और दीपक है जो कोलकाता के एक स्वर्णकार की पांचवीं पीढ.ी द्वारा हस्त-निर्मित है.
प्राचीन भारतीय ग्रंथों में उल्लेख किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति 80 वर्ष और आठ महीने की आयु पूरी कर लेता है तो वह ‘दृष्ट सहस्रचंद्रो’ हो जाता है क्योंकि वह एक हजार पूर्णिमा का गवाह बन बन चुका होता है. राष्ट्रपति बाइडन के लिए यह उपहार विशेष महत्व रखता है क्योंकि अगले महीने 80 साल आठ महीने के होने वाले हैं.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ”एक हजार पूर्ण चंद्रमा या पूर्णिमा देखना हिंदू जीवन शैली में मील का एक महत्वपूर्ण पत्थर माना जाता है. दो पूर्णिमाओं के बीच का अंतर लगभग 29.53 दिन है, इसलिए एक हजार पूर्ण चंद्रमाओं की कुल समय अवधि लगभग 29,530 दिन या 80 साल और 8 महीने होगी.” मोदी का उपहार किसी व्यक्ति के अनुभव से जुड़े पारंपरिक सम्मान को रेखांकित करता है. ऐसे समय में यह और महत्वपूर्ण हो जाता है जब राष्ट्रपति बाइडन की उम्र को लेकर कई बार बहस छिड़ जाती है. अमेरिका अगले राष्ट्रपति चुनावों की ओर बढ. रहा है.
भारतीय प्रधानमंत्री की ओर से बाइडन को दिया गया दूसरा उपहार येट्स से जुड़ा है, जिनकी कविताओं को बाइडन अपने भाषणों में कई बार उद्धृत करते रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि येट्स का भारत के प्रति गहरा आकर्षण था और वह भारतीय आध्यात्मिकता से बहुत प्रभावित थे. गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर से उनकी मित्रता जगजाहिर है और उन्होंने गुरुदेव की कालजयी रचना ‘गीतांजलि’ को पश्चिमी दुनिया में लोकप्रिय बनाने में मदद की.
उन्होंने कहा कि येट्स की भारतीय आध्यात्मिकता में गहरी रुचि थी और वह उपनिषदों तथा भारत की अन्य प्राचीन कथाओं से काफी प्रभावित थे. येट्स ने 1937 में पुरोहित स्वामी के साथ मिलकर भारतीय उपनिषदों का एक अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित किया था. दोनों लेखकों के बीच अनुवाद और सहयोग का सिलसिला 1930 के दशक में जारी रहा और यह येट्स के अंतिम कार्यों में से एक था.
अधिकारियों ने बताया, ”लंदन की ‘मेसर्स फैबर एंड फैबर लिमिटेड’ द्वारा प्रकाशित और यूनिर्विसटी प्रेस ग्लासगो में छपी पुस्तक ‘द टेन प्रिंसिपल उपनिषद’ के पहले संस्करण की एक प्रति राष्ट्रपति बाइडन को भेंट की गई है.” प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन को प्रयोगशाला में निर्मित 7.5 कैरेट का हरित हीरा भी उपहार में दिया. इस हीरे को कागज की लुगदी से बने बक्से में रखा गया है जो कश्मीर के विशेष शिल्प कौशल को दर्शाता है.
हीरा 7.5 कैरेट का इसलिए है क्योंकि भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है. इस दौरान राष्ट्रपति बाइडन और प्रथम महिला जिल ने आधिकारिक उपहार के रूप में प्रधानमंत्री मोदी को 20वीं सदी की शुरुआत से हस्तनिर्मित, प्राचीन अमेरिकी पुस्तक ‘गैली’ भेंट की.
उन्होंने कथित तौर पर एक विंटेज अमेरिकी कैमरा भी उन्हें उपहार में दिया. अन्य उपहारों में जॉर्ज ईस्टमैन के पहले कोडक कैमरे के पेटेंट का अभिलेखीय फेसिमाइल प्रिंट, अमेरिकी वन्यजीव फोटोग्राफी पर एक हार्डकवर पुस्तक और ‘कलेक्टेड पोयम्स ऑफ रॉबर्ट फ्रॉस्ट’ की एक हस्ताक्षरित, पहली संस्करण प्रति भी थी.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका की यात्रा पर हैं. बाइडन दंपति व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में 22 जून बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री मोदी के लिए राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे, जिसमें 400 मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री मोदी 22 जून को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे.