राहुल गांधी ने गिनाए महिला आरक्षण बिल में दो कमियां, कहा- ‘अभी लागू हो सकता है यह अधिनियम’
Rahul Gandhi On Women Reservation Bill: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल पर प्रेस वार्ता आयोजित की. अपने पीसी के दौरान उन्होंने जहां एक और इस बिल के पास होने पर खुशी जताई है वहीं, दूसरी ओर सरकार पर भी जमकर हमला बोला है.
राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि जाति आधारित जनगणना से ध्यान भटकाने के लिए महिला आरक्षण विधेयक वर्तमान स्वरूप में पारित किया गया जो तत्काल लागू नहीं हो सकता. राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार को महिला आरक्षण विधेयक तत्काल लागू करना चाहिए.
‘सरकार जाति आधारित जनगणना कराए’, कांग्रेस नेता राहुल गांधी
साथ ही राहुल गांधी ने यह भी कहा है कि सरकार जाति आधारित जनगणना कराए और पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के समय हुई जाति जनगणना के आंकड़े जारी किए जाएं. साथ ही उन्होंने कहा है कि महिलाओं को आरक्षण आज ही दिया जा सकता है, लेकिन सरकार वह नहीं करना चाहती है. यह ध्यान भटकाने की कोशिश है. ओबीसी की जनगणना से ध्यान भटकाने का प्रयास किया जा रहा है.” कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि भारत सरकार के 90 सचिवों में से केवल तीन सचिव ही ओबीसी वर्ग से क्यों हैं?
ये है कांग्रेस गांधी के संबोधन की कुछ प्रमुख बातें…
- सरकार पर आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा है कि इस बिल से सरकार जनता को छलना चाह रही है. अगर सरकार चाहे तो यह बिल आज ही लागू किया जा सकता है.
- साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कहती है उन्होंने ओबीसी के लिए बहुत सोचा है और किया है तो सरकार यह जवाब दें कि आखिर देश के 90 वरिष्ठ सचिवों में केवल 3 सचिव ही ओबीसी वर्ग के क्यों है.
- साथ ही उन्होंने यह भी सवाल उठाया है कि सरकार के इस बिल में दो कमियां है. ऐसे में इन दो प्रावधानों को निकालना चाहिए. उन्होंने जनगणना और परिसीमन की ओर इशारा किया.
- उन्होंने आगे सवाल पूछा कि क्या देश में ओबीसी की जनसंख्या सिर्फ 5 प्रतिशत है. साथ ही उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक अच्छी चीज है, लेकिन जनगणना और परिसीमन के दो ‘फुटनोट’ जोड़ दिये गये.
- आगे उन्होंने कहा कि इस बिल में जनगणना और परिसीमन की बात कहना सही नहीं है. साथ ही देश में जातीय जनगणना की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यहां सांसद सिर्फ मूर्ति की तरह खड़े होते है.
- राहुल गांधी ने सरकार को महिला आरक्षण में विलंब के लिए जिम्मेदार ठहराया, कहा कि यह जाति आधारित जनगणना कराने की मांग से ध्यान हटाने की कोशिश है.